‘इण्डिया इण्टरनेशनल साइंस फेस्टिवल-2018’— 600 बच्चे डी0एन0ए0 आइसोलेशन का सफल प्रयोग करेंगे

‘इण्डिया  इण्टरनेशनल  साइंस फेस्टिवल-2018’— 600  बच्चे  डी0एन0ए0  आइसोलेशन  का  सफल  प्रयोग  करेंगे

लखनऊ :—–उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डाॅ0 हर्ष वर्धन ने इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित होने वाले चतुर्थ ‘इण्डिया इण्टरनेशनल साइंस फेस्टिवल-2018’(आई0आई0एस0एफ0-2018)के सम्बन्ध में संयुक्त प्रेस-वार्ता को सम्बोधित किया। यह फेस्टिवल 5 अक्टूबर, 2018 से 8 अक्टूबर, 2018 तक की अवधि में सम्पन्न होगा।

इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा इस आयोजन को यूनीक इवेंट के रूप में प्रस्तुत करने हेतु पूरा सहयोग किया जाएगा। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में साइंस फेस्टिवल के आयोजन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं केन्द्रीय साइंस एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डाॅ0 हर्ष वर्धन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि यह पहला अवसर है जब लखनऊ में साइंस फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन प्रदेश के नौजवानों, विद्यार्थियों, नवोदित वैज्ञानिकों आदि के लिए देश-दुनिया में होने वाले आविष्कारों एवं नवाचारों के विषय में जानने का बड़ा अवसर होगा।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘इण्डिया इण्टरनेशनल साइंस फेस्टिवल-2018’ का मुख्य कार्यक्रम इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित होगा। इसके अलावा, प्रदर्शनी का कार्यक्रम गोमती नगर रेलवे ग्राउण्ड, स्टुडेण्ट्स साइंस विलेज एन0बी0आर0आई0, अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म एवं साहित्य समारोह अटल बिहारी वाजपोयी साइंस कन्वेंशन सेण्टर, के0जी0एम0यू0 तथा स्टुडेण्ट्स इंजीनियरिंग माॅडल्स काॅम्प्टीशन अमर शहीद पथ स्थित जी0डी0 गोयनका स्कूल में आयोजित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि साइंस फेस्टिवल में बड़ी संख्या में डेलिगेट्स तथा छात्र-छात्राएं प्रतिभाग करेंगे। साथ ही, राजधानी के आसपास के स्कूलों के छात्र-छात्राओं का भी साइंस फेस्टिवल में भ्रमण कराया जाएगा, जिससे उनमें विज्ञान के प्रति भाव जागृत हों। उन्होंने कहा कि साइसं फेस्टिवल के अन्तर्गत 600 बच्चे डी0एन0ए0 आइसोलेशन का सफल प्रयोग करेंगे। 3,000 बच्चों को फर्स्ट एड के बारे में स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी। यह दोनों आयोजन विश्व कीर्तिमान स्थापित करेंगे।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि फेस्टिवल के आयोजन के लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह तैयार है। साइंस फेस्टिवल के लिए प्रदेश में आने वाले मंत्रियों तथा अन्य विशिष्ट अतिथियों को स्टेट गेस्ट की सुविधा दी जा रही है। साथ ही, उनके लिए लायजन आॅफिसर तैनात किये गये हैं। फेस्टिवल में प्रतिभाग करने वाले विद्यार्थियों के लिए भी विशेष व्यवस्था की गयी है।

इससे पूर्व, केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डाॅ0 हर्ष वर्धन ने कहा कि ‘इण्डिया इण्टरनेशनल साइंस फेस्टिवल-2018’ का शुभारम्भ मा0 राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द जी द्वारा किया जाएगा तथा समापन कार्यक्रम में केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन जयराम गडकरी जी प्रतिभाग करेंगे। साइंस फेस्टिवल के इस संस्करण की थीम ‘साइंस फाॅर ट्रांसफाॅर्मेशन’है।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि छात्र-छात्राओं को विज्ञान से जोड़ने के लिए जनान्दोलन की आवश्यकता है। इस तरह के आयोजन इसमें महत्वपूर्ण योगदान कर सकते हैं। इससे पूर्व, तीन साइंस फेस्टिवल्स का आयोजन किया जा चुका है। पहले साइंस फेस्टिवल का आयोजन दिल्ली में किया गया था। तीन में से दो विज्ञान महोत्सवों में विद्यार्थियों द्वारा किये गये प्रयोगों को ‘गिनीज बुक आॅफ रिकाॅर्ड’ में दर्ज कराया गया है। उन्होंने कहा कि इस विज्ञान महोत्सव में भी कम से कम दो रिकाॅर्ड स्थापित करने का प्रयास रहेगा।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार प्रत्येक व्यक्ति को उसके आइडिया को विकसित करने का अवसर उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है। प्रधानमंत्री जी द्वारा प्रारम्भ किये गये स्टार्टअप और स्टैण्डअप कार्यक्रम लोगों को अपने आइडिया और इनोवेशन को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम हैं। साइंस फेस्टिवल में अनेक सफल नवाचारों को प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे अन्य लोग भी प्रेरित हों और अपने विचार को उद्यम के रूप में विकसित कर सकें। उन्होंने बताया कि विज्ञान महोत्सव के दौरान 23 तरह की ऐक्टिविटी का आयोजन किया जाएगा।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि ‘इण्डिया इण्टरनेशनल साइंस फेस्टिवल-2018’ पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति को समर्पित है। वाजपेयी जी विज्ञान को सेण्टर स्टेज पर ले आये। उन्होंने ‘जय जवान, जय किसान’ के साथ ‘जय विज्ञान’ को भी जोड़ा। 11 मई, 1998 नाभिकीय परीक्षण के माध्यम से अटल जी ने देश को एक नाभिकीय शक्ति के रूप प्रतिष्ठित किया। इसके कारण आज भी 11 मई को टेक्नोलाॅजी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

इस अवसर पर केन्द्रीय सचिव डाॅ0 रेणु स्वरूप, विज्ञान भारती के राष्ट्रीय
संयुक्त सचिव श्री जयन्त सहस्त्रबुद्धे उपस्थित थे।

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