- October 10, 2015
आवश्यक वस्तुओं की कीमतों का जायजा : – कैबिनेट सचिव
जहां तक दालों का सवाल है, स्टॉक सीमा की अवधि 30 सितंबर 2016 तक बढ़ा दी गई है। इसके अलावा, शून्य आयात शुल्क को एक और साल तक जारी रखने का निर्णय लिया गया है। तथा केन्द्र सरकार ने दालों की उपलब्धता बढ़ाने एवं कीमतों को नीचे लाने के लिए 5000 हजार टन दालों का आयात किया है। इसमें से 3250 एमटी आयातित अरहर (तूर) दाल पहले ही यहां पहुंच चुकी है और 1750 एमटी का शेष स्टॉक भी जल्द ही पहुंच जाएगा। आपूर्ति बढ़ाने और दालों की कीमतों में गिरावट के लिए 2000 हजार टन अरहर दाल का अतिरिक्त आयात किया जा रहा है।
कई राज्यों को उनकी जरूरतों के हिसाब से आयातित दालें आवंटित की गई हैं। स्टॉक सीमा लागू करने और आवश्यक वस्तुओं खासकर दालों की जमाखोरी एवं कालाबाजारी के खिलाफ ठोस कार्रवाई के लिए भी निर्देश दिए गए हैं। राज्यों से एक बार फिर आग्रह किया गया है कि वे इस दिशा में अपने प्रयासों को और तेज कर दें।
किसानों को और दाल उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने के दीर्घकालिक उपायों के तहत सरकार ने अरहर एवं उड़द के न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाकर 4625 रुपए प्रति क्विंटल और मूंग के न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाकर 4850 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है। भारतीय खाद्य निगम को दालें खरीदने का निर्देश दिया गया है, ताकि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित हो सके और दालों की कीमतों को काबू में रखने के लिए एक बफर स्टॉक बनाने में मदद मिल सके।
कैबिनेट सचिव ने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि वे आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता एवं कीमतों पर करीबी नजर रखें और मूल्यवृद्धि को नियंत्रण में रखने के लिए राज्यों के साथ मिलकर ठोस कदम उठाएं।