- January 10, 2016
आयुर्वेद जनसेवा का श्रेष्ठ माध्यम – गृह मंत्री
जयपुर – गृह मंत्री श्री गुलाबचन्द कटारिया ने आयुर्वेद को सर्वश्रेष्ठ, निरापद एवं सहज चिकित्सा पद्घति बताते हुए कहा है कि अपनी परंपरागत चिकित्सा पद्घति के प्रति लोक विश्वास को बनाए रखने तथा इसके माध्यम से जनता की सेहत रक्षा के लिए समर्पित प्रयासों को तेज किए जाने की महती आवश्यकता है।
गृह मंत्री श्री कटारिया ने शनिवार को उदयपुर में स्टेशन रोड शिवाजी नगर स्थित मीरा सामुदायिक भवन में चल रहे आठ दिवसीय नि:शुल्क आयुर्वेद शिविर में आयोजित सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि पद से संबोधित करते हुए यह विचार व्यक्त किए।
समारोह की अध्यक्षता उदयपुर नगर परिषद के महापौर चन्द्रसिंह कोठारी ने की। इस अवसर पर अतिथियों के रूप में पार्षद, आयुर्वेद विभागीय उप निदेशक श्री ओमप्रकाश शर्मा, जिला आयुर्वेद अधिकारी श्री मांगीलाल गर्ग आदि उपस्थित थे।
श्री कटारिया ने भगवान धन्वन्तरि की तस्वीर के सम्मुख दीप प्रज्वलन कर सम्मान समारोह का शुभारंभ किया। गृह मंत्री ने इस अवसर पर नि:शुल्क चिकित्सा शिविर में सेवाएं प्रदान कर रहे चिकित्सकों, फिजियोथैरेपिस्ट, योग प्रशिक्षकों, कम्पाउण्डरों, परिचारकों सहित 45 आयुर्वेदकर्मियों को उपरणा, प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया।
गृह मंत्री ने चिकित्सकों डॉ. जयन्त कुमार व्यास, डॉ. दिलखुश सेठ, डॉ. लक्ष्मीकान्त आचार्य, डॉ. बाबूलाल जैन, डॉ. पुष्करलाल चौबीसा, डॉ. राजीव भट्ट, डॉ. नंदराम त्रिवेदी, डॉ.सुहास अग्रवाल, डॉ. अजेय सोनी, डॉ. बुद्घिप्रकाश शर्मा, डॉ. भावना सनाढ्य, डॉ. नीतू जैन, डॉ. रूही जहीर, डॉ. पूनम सांखला, डॉ. मिथलेश महावर, डॉ. विष्णु बंसीवाल, डॉ. गजेन्द्रकुमार सालवी, डॉ. भावना, डॉ. लोकेश चौबीसा, डॉ. ताबीस अजीज, योग विशेषज्ञों सर्वश्री संजय दीक्षित, अशोक कुमार जैन, रोहित कुमावत एवं प्रेम जैन को उपरणा, प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया।
समारोह में नर्सिंग कर्मियों चन्द्रकला वैष्णव, रूपलाल, धर्मीलाल भभात, मीनाक्षी, आशा परमार, प्रदीपकुमार व्यास, शंकरलाल, दिनेशचन्द्र डिण्डोर, थावरचन्द एवं हैमाद्रि औदीच्य, परिचारकों दलपतसिंह, प्रभुलाल भोई, सोमाराम, गजेन्द्र कुमार, प्रतापसिंह, चन्द्रकला आर्य, शंकरलाल, हकरू, मोहनलाल एवं लैब टेक्नीशियन कुशाल सिंह आदि को सम्मानित किया गया। गृह मंत्री ने आयुर्वेद की विशिष्ट सेवाओं के लिए डॉ. शोभालाल औदीच्य का विशेष रूप में सम्मान किया।
समारोह को संबोधित करते हुए श्री कटारिया ने उदयपुर के आयुर्वेद चिकित्सा शिविर को उपादेय बताया और शिविर आयोजन से जुड़े चिकित्सकों एवं आयुर्वेदकर्मियों से कहा कि वे इस प्रकार के आयोजनों के माध्यम से जनसेवा गतिविधियों को अपनाएं और जनता की सेवा करें।
उन्होंने इस प्रकार के प्रयासों में हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया और कहा कि ऐसे कार्यों के लिए पैसों की कोई कमी नहीं है, जरूरत होगी तो नगर परिषद एक करोड़ तक की धनराशि का सहयोग भी करेगी।
उन्होंने शिविर की तिथियों को स्थायी रूप में घोषित करने का सुझाव दिया और कहा कि इससे जरूरतमन्दों को ध्यान रहेगा तथा शिविर का अधिक से अधिक लोग फायदा उठा सकेंगे। इसके साथ ही उन्होंने इसके व्यापक प्रचार-प्रसार पर भी जोर दिया।
श्री कटारिया ने केरल की तर्ज पर उदयपुर में पंचकर्म एवं आयुर्वेद प्रोत्साहन की जरूरत पर बल दिया और कहा कि इस दिशा में प्रयास किए जाएं तो उदयपुर पूरे देश में आयुर्वेद की दृष्टि से सशक्त जिले के रूप में अग्रणी एवं गौरवशाली पहचान कायम कर सकता है।
गृहमंत्री ने आयुर्वेदिक वनस्पतियों और औषधियों की स्थानीय स्तर पर उत्पादकता बढ़ाने हर्बल गार्डन व फार्म विकसित करने, आयुर्वेद पद्घति के प्रति जन विश्वास में बढ़ोतर आदि पर जोर दिया और आयुर्वेद शिविर की आशातीत उपलब्धियों के लिए पूरी टीम की सराहना की। उन्होंने शिविर के लाभार्थियों का डाटा बेस तैयार करने की आवश्यकता प्रतिपादित की।
समारोह को संबोधित करते हुए नगर निगम के महापौर चन्द्रसिंह कोठारी ने कहा कि आमजन की सुख-सुविधाओं, जनता की हरसंभव सेवा और स्वास्थ्य रक्षा के लिए निगम निरन्तर प्रयासरत है और सामाजिक सरोकारों की पूर्ति से जुड़ी हर गतिविधि में समर्पित भागीदारी अदा की जा रही है।
समारोह का संचालन करते हुए शिविर संयोजक एवं जाने-माने आयुर्वेद चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. शोभालाल औदीच्य ने बताया कि शिविर में अब तक 5 हजार 610 मरीजों को आउडडोर के माध्यम से चिकित्सा परामर्श, नि:शुल्क औषधियां व उपचार से लाभान्वित किया जा चुका है।
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