आत्महत्या मामले की जांच मानसिक स्थिति :: नवजात शिशु सीधे डस्टबिन में

आत्महत्या  मामले की जांच  मानसिक स्थिति :: नवजात शिशु सीधे डस्टबिन में

गरियाबंद —–(छ०गढ)—————– राज्य सरकार के निर्देश पर गरियाबंद जिला प्रशासन द्वारा देवभोग विकासखण्ड के ग्राम लाटापारा निवासी श्री चंद्रध्वज सोनी की आत्महत्या के मामले की जांच देवभोग के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) से करवाई गई है। प्रशासनिक जांच प्रतिवेदन में जानकारी दी गई है कि घटना इस महीने की 25 और 26 तारीख की दरम्यानी रात की है।

श्री चंद्रध्वज सोनी द्वारा इच्छा मृत्यु से संबंधित कोई भी आवेदन कलेक्टर गरियाबंद के कार्यालय को और पुलिस थाना देवभोग को नहीं दिया गया था। प्रतिवेदन के अनुसार श्री चंद्रध्वज सोनी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण आत्महत्या किया जाना प्रतीत होता है। इसकी जांच के लिए देवभोग थाने में मर्ग कायम किया गया है।

अपर कलेक्टर द्वारा जिला प्रशासन गरियाबंद की ओर से आज यहां भेजे गए जांच प्रतिवेदन में बताया गया है कि प्रशासन द्वारा मृतक के पुत्र श्री अशोक सोनी को 11 जून 2011 को मेडिकल कॉलेज रायपुर में इलाज के लिए भेजा गया था। उन्होंने वहां 15 दिन इलाज करवाया और उसके बाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टर की अनुमति के बिना वहां से चले गए।

सात दिसम्बर 2013 को श्री अशोक सोनी को प्रशासन द्वारा संजीवनी 108 एम्बुलेंस के माध्यम से पुनः उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल रायपुर रिफर किया गया। उन्होंने वहां सात दिनों तक इलाज कराया और एक बार फिर चिकित्सक की अनुमति के बिना घर वापस आ गया।

जांच प्रतिवेदन में खण्ड चिकित्सा अधिकारी देवभोग की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए बताया गया है कि श्री अशोक सोनी का इलाज रायपुर और ओड़िशा के निजी अस्पतालों में भी हुआ था। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र देवभोग से श्री अशोक सोनी को घर तक समयावधि में निरंतर स्वास्थ्य सेवा दी जा रही है। श्री अशोक सोनी को शासन की ओर से निःशक्त पेंशन नियमानुसार और नियमित रूप से दी जा रही है। उन्हें सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खाद्यान्न भी उपलब्ध कराया जा रहा है।

जांच प्रतिवेदन में यह भी बताया गया है कि श्री चंद्रध्वज सोनी द्वारा इच्छा मृत्यु से संबंधित कोई भी आवेदन कलेक्टर गरियाबंद के कार्यालय को और पुलिस थाना देवभोग को नहीं दिया गया था। खण्ड चिकित्सा अधिकारी देवभोग द्वारा श्री चंद्रध्वज सोनी के शव परीक्षण में उनके पेट में फूड पार्टिकल्स होने की पुष्टि की गई है।

नवजात शिशु सीधे डस्टबिन में–—–(रायपुर) —————- राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल जगदलपुर में एक महिला के प्रसव के दौरान हुई घटना की जांच दण्डाधिकारी से कराने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के सचिव श्री विकास शील ने कलेक्टर बस्तर को कल यहां मंत्रालय से जारी पत्र में इस आशय के निर्देश के साथ तीन दिन के भीतर जांच रिपोर्ट भेजने के लिए कहा है।

स्वास्थ्य सचिव ने पत्र की प्रतिलिपि मेडिकल कॉलेज अस्पताल जगदलपुर के अधीक्षक को भेजकर उन्हें इस प्रकरण में सभी आवश्यक दस्तावेज और जानकारी जांच अधिकारी को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। ज्ञातव्य है कि यह घटना इस महीने की 20 तारीख की है।

डॉक्टरों और नर्सों की लापरवाही के कारण एक महिला के प्रसव के दौरान उनका नवजात शिशु सीधे डस्टबिन में गिर गया था। इस घटना  को स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता से लिया है और कलेक्टर से तीन दिवस में जांच रिपोर्ट मांगी है।

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