असाधारण व्यक्ति, महान देशभक्त ही नोट बंदी के फैसले लें सकते हैं—मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान-

असाधारण व्यक्ति, महान देशभक्त ही  नोट बंदी के फैसले  लें सकते हैं—मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान-

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लिये गये नोट बंदी के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुये कहा कि असाधारण व्यक्ति, महान देशभक्त ही ऐसे फैसले ले सकता है जिसके दिल और दिमाग में देश को आगे बढ़ाने की चिंता हो। उन्होने कहा कि थोड़ी तकलीफ हुई है। देश के नवनिर्माण के लिये देश को आगे बढ़ाने के लिये थोड़ा कष्ट सहना पड़ता है। जब देश की सीमाओं की रक्षा के लिये जवान अपने प्राणों की आहुति दे देते हैं और अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देते हैं तो थोड़ा सा कष्ट जनता भी अपने देश के लिये हंसी-खुशी सह सकती है।cm-meet-abida

श्री चौहान आज यहाँ एक निजी चैनल के कार्यक्रम में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल के 11 वर्ष पूरे होने पर कहा कि मध्यप्रदेश इन 11 सालों में तेजी से आगे बढ़ रहा है और दोगुनी गति से आगे बढता जायेगा। मध्यप्रदेश हर क्षेत्र में विकास कर रहा है। पिछले सात साल से आर्थिक वृद्धि दर दो अंकों में बनी हुई है और कृषि विकास की दर पिछले चार साल से 20 प्रतिशत है।

मुख्यमंत्री कार्यक्रम में अदीबा से मिलकर इतने भावविभार हो गये कि उसे गोद में उठाकर दुलार किया। अदीबा प्रदेश की पहली लाड़ली लक्ष्मी है जिसे मुख्यमंत्री ने 2006 में पहला प्रमाण पत्र प्रदान किया था। प्रदेश की 24 लाख लाड़ली लक्ष्मी में से एक अदीबा रायसेन जिले के गौहरगंज में शासकीय सरदार पटेल स्कूल में कक्षा चौथी में पढ़ रही है। अदीबा आज अपने अब्बा श्री अतीक उर्रहमान और अम्मी नाहिद के साथ उपस्थित थीं।

सर्वाधिक पसंदीदा उद्योग मित्र राज्य बन गया है मध्यप्रदेश

प्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य पर विचार व्यक्त करते हुये श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश को निवेश मित्र राज्य के रूप में कभी भी प्रोत्साहित नहीं किया गया। पिछली पाँच ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान मध्यप्रदेश का नाम सर्वाधिक पसंदीदा उद्योग मित्र राज्य के रूप में सामने आया है। इसके माध्यम से निवेश के लिये जो वातावरण प्रदेश में बना है उसे उद्योगपतियों और निवेशकों ने सकारात्मक रूप से पसंद किया है। वर्ष 2014 की जीआईएस से अब तक दो लाख 83 हजार करोड़ रूपये का निवेश प्रदेश में हो चुका है।

श्री चौहान ने कहा कि उद्योग क्षेत्र को विस्तार देने के लिये और प्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र में औद्योगिक विकास के लिये 27 नये औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि निवेश उन्हीं क्षेत्रों में आता है जहाँ कच्चा माल आसानी से उपलब्ध हो, यातायात की सुविधाएँ और अन्य अधोसंरचनात्मक सुविधाएँ हों। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास के लिये प्रदेश में किसी प्रकार की ब्यूरोक्रेटिक बाधाएँ नहीं हैं। सिंगल टेबल पर निवेशकों की समस्याओं का समाधान हो जाता है। प्रदेश में आने वाले निवेशक पूरी तरह से संतुष्ट हैं।

श्री चौहान ने शिक्षा के क्षेत्र में आये परिवर्तन पर कहा कि एक दशक पहले शिक्षाकर्मी की संस्कृति ने शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया था। वर्तमान सरकार ने शिक्षकों को सम्मान दिया। छठवाँ वेतनमान और अन्य सुविधाएँ दीं। शिक्षाकर्मी की व्यवस्था को समाप्त कर दिया। अब शिक्षा व्यवस्था तेजी से सुधर रही है। सरकारी स्कूल के बच्चे मेरिट में आ रहे हैं। स्कूल छोड़ने की दर कम हो गई है। उन्होंने कहा‍कि कचरा बीनने और भिक्षा मांगने वाले बच्चों को भी स्कूल में भर्ती कराने के निर्देश दिये गये हैं।

उच्च शिक्षा की चर्चा करते हुये उन्होंने कहा कि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर को देश के प्रथम श्रेणी के विश्वविद्यालयों में शामिल कराने के लिये प्रयास जारी हैं। निजी विश्वविद्यालय भी बड़ी संख्या में स्थापित हो रहे हैं। इस क्षेत्र में भी अभी बहुत काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रतिभाओं को अवसर चाहिये। राज्य सरकार उन्हें पूरे अवसर देगी। युवा उद्यमियों को तैयार करने के लिये मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना जैसे प्रयास किये गये हैं। युवाओं में उद्यमिता की भावना को प्रोत्साहित करने के लिये कदम उठाये गये हैं। उन्होंने कहा कि अब युवा उद्यमियों को ऋण देने के पहले उन्हें पूरा परामर्श दिया जोयगा और प्रशिक्षण की व्यवस्था की जायेगी ताकि वे अच्छी शुरूआत कर सकें। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के युवाओं में बड़े उद्योगपति बनने की क्षमता है।

ई-गवर्नेंस से भ्रष्टाचार हुआ नियंत्रित

भ्रष्टाचार के संबंध में श्री चौहान ने कहा कि भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिये हरसंभव उपाय किये गये हैं। ई-गवर्नेंस के माध्यम से भ्रष्टाचार को नियंत्रित किया गया है। तंत्र को मजबूत बनाया गया है। भ्रष्टाचार के प्रकरणों से निपटने के लिये विशेष अदालतें स्थापित की गई हैं और कई प्रकरणों में भ्रष्टाचार से अर्जित सम्पत्ति जप्त कर उन्हें लोकहित में उपयोग किया जा रहा है। लोकायुक्त को सशक्त बनाया गया है।

महिलाओं के विरूद्ध अपराध के संबंध में उन्होंने कहा कि हर प्रकरण में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिये गये हैं। पुलिस में महिलाओं की भर्ती के लिये 33 प्रतिशत आरक्षण रखा गया है। महिलाओं के हिंसा के प्रकरणों में जल्दी सजा दिलवाने के लिये भी विशेष प्रयास किये गये हैं। कई प्रकरणों में तो 100 दिनों में उम्र कैद और फाँसी तक की सजा हुई है। महिलाओं के विरूद्ध अपराध करने वाले अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जायेगी।

श्री चौहान ने कुपोषण के संबंध में कहा कि यह हमेशा चिंता का विषय रहा है। इसके लिये सुपोषण अभियान चलाया जा रहा है।

26 नवम्बर को विद्यार्थी पंचायत

मुख्यमंत्री ने भविष्य के लिये सरकार की प्राथमिकताएँ गिनाते हुये कहा कि धन और सुविधाओं के अभाव में प्रतिभाओं को बाधा नहीं आने दी जायेगी। उन्होंने बताया कि 26 नवम्बर को विद्यार्थी पंचायत का आयोजन किया जायेगा। श्री चौहान ने कहा कि लघु और कॉटेज उद्योगों का विस्तार दूसरी बड़ी प्राथमिकता है। तीसरी प्राथमिकता है स्वच्छ भारत मिशन के साथ स्वच्छ मध्यप्रदेश का निर्माण। इसके अलावा प्रत्येक आवासहीन परिवार को आवास उपलब्ध करवाना और आवास के लिये भू-खण्ड उपलब्ध करवाना भी प्राथमिकता है।

स्वास्थ्य के क्षेत्र की चर्चा करते हुये उन्होंने कहा कि अस्पतालों की व्यवस्थाओं को लगातार सुधारा जा रहा है। निजी क्षेत्र के सहयोग से स्वास्थ्य अधोसंरचनाएँ मजबूत की जा रही हैं।

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