• September 2, 2015

असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के कल्याण प्रगति

असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के कल्याण प्रगति

जयपुर – राज्य सरकार द्वारा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक अधिनियम, 1996 के अंतर्गत अधिकाधिक निर्माण श्रमिकों का पंजीयन तथा योजनाओं का विस्तार करने के क्रम में पिछले डेढ़ वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति की गई है।
अतिरिक्त श्रम आयुक्त श्री विष्णु कुमार शर्मा ने बताया कि वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में विभिन्न अवधियों में चलाए गए पंजीयन अभियान के परिणाम स्वरूप लगभग 3.19 लाख हिताधिकारियों का पंजीयन किया गया है। इसीप्रकार 6.70 लाख हिताधिकारियों की संख्या को आगामी 2 वर्षों में 10 लाख तक बढ़ाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मार्च, 2015 से ऑनलाइन पंजीयन कराने की सुविधा विभाग के पोर्टल, लेबर डिपार्टमेंट मेनेजमेंट सिस्टम (एलडीएमएस), पर प्रारम्भ कर दी गई है जिसमें 31 हजार से अधिक ई मित्र केन्द्रों के माध्यम से ऑनलाइन पंजीयन की सुविधा उपलब्ध है। ग्रामीण क्षेत्र के निर्माण श्रमिकों का पंजीयन सुगमता से करने के लिए सभी ग्राम पंचायतों के पंचायत सचिवों/ग्राम सेवकों को पंजीयन हेतु अधिकृत किया गया है, जिन्हें 25 रुपये प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के हिताधिकारियों को मण्डल की योजनाओं के हितलाभ शीघ्रता से उपलब्ध कराने के लिए 11 जिलों (सीकर, जयपुर, उदयपुर, अजमेर, करौली, जोधपुर, सवाई माधोपुर,झुंझुनूं , अलवर,बांसवाड़ा और बीकानेर) के विकास अधिकारियों को योजनाओं के आवेदन स्वीकार करने के लिए अधिकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि हिताधिकारियों के कौशल विकास व प्रशिक्षण, व्यवसायजन्य स्वास्थ्य तथा अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए विभिन्न नई योजनाएं लागू की गई हैं। हिताधिकारियों व उनके बच्चों को राजस्थान कौशल व आजीविका विकास निगम के रोजगारपरक कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों से लाभान्वित करने की योजना प्रारंभ कर दी गई है।
अतिरिक्त श्रम आयुक्त ने बताया कि पत्थर तोडऩे, काटने व तराशने आदि के कार्यों में लगे हुए निर्माण श्रमिकों के सिलिकोसिस बीमारी से ग्रसिम होने की संभावना को देखते हुए इसके बचाव व रोकथाम की कार्यवाही के लिए विशेषज्ञों की सेवाएं ली गई है। सिलिकोसिस पीडि़त तथा इसके कारण मृत्यु के मामलों में हिताधिकारियों को क्रमश: एक लाख तथा 3 लाख रुपये सहायता राशि देने की योजना 5 अगस्त 2015 की अधिसूचना से लागू की गई है। करौली में कैम्प आयोजित कर सिलिकोसिस पीडि़त 95 निर्माण श्रमिकों को चिन्हित किया गया है जिन्हें न्यूमोनोकोनोसिस मेडिकल बोर्ड से प्रमाण पत्र दिलाकर सहायता राशि दी जाएगी। सिलिकोसिस पीडि़त निर्माण श्रमिकों की स्वास्थ्य जांच के शिविर राज्य के विभिन्न स्थानों पर लगाए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि निर्माण श्रमिकों को आवास की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अफोर्डेबल हाउसिंग कॉलोनी बनाने के लिए जयपुर विकास प्राधिकरण से 13.74 करोड़ रुपये में 16783 व.मी.का भूखण्ड लिया गया है तथा निर्माण श्रमिकों के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों में आवासीय प्रोजेक्ट विकसित किए जाएंगे।
अतिरिक्त श्रम आयुक्त ने बताया कि जीवन शैली से जुड़े विभिन्न व्यावहारिक विषयों, यथा- बीमारियों से बचाव, स्वाथ्य, रक्षा उपाय, स्वच्छता, अल्प बचत, योग आदि पर प्रशिक्षण प्रदान कर निर्माण श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार हेतु जयपुर में राजस्थान श्रमिक प्रशिक्षण एवं संदर्भ केन्द्र प्रारम्भ करने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने बताया कि मण्डल की योजनाओं के हितलाभ सुगमता से उपलब्ध कराने के लिए निजी आवास के निर्माण हेतु सहायता योजना, गम्भीर बीमारियों में व्यय का पुनर्भरण योजना, सामान्य अथवा दुर्घटना में मृत्यु या घायल होने की दशा में सहायता योजना व प्रसूति सहायता योजना में वांछित सुधार करने का निर्णय लिया गया है तथा प्रसूति सहायता योजना में लड़की का जन्म होने पर देय 6 हजार रुपये सहायता राशि को बढ़ाकर 10 हजार रुपये किया गया है।
अतिरिक्त श्रम आयुक्त ने बताया कि विभाग द्वारा यह निर्णय भी लिया गया है कि विवाह सहायता योजना के लिए विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र 3 माह की अवधि में प्रस्तुत करने की समय सीमा पिछले मामलों में भी लागू की जाएगी। इसी प्रकार मृत्यु के मामलों में भी लागू की जाएगी जिससे पात्र हिताधिकारी योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही, योजनाओं के अस्वीकृत किए गए आवेदनों के मामलों में हिताधिकारी द्वारा उच्चाधिकारी को अभ्यावेदन प्रस्तुत कर निराकरण कराने का अवसर दिया जाएगा।

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