- July 7, 2019
हर विधायक जनता के प्रतिनिधी के रूप में विधायी कार्य का संरक्षक है —– पूर्व प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह
जयपुर——- भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि विश्व में संसदीय लोकतंत्र के बदलते परिदृश्य में राजस्थान एक अग्रणी प्रदेश के रूप में पहचाना जाता है। उन्होंने अपने दायित्व के प्रभावी निर्वहन के लिए राज्य विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को संसदीय प्रक्रियाओं, कार्यप्रणाली एवं नियमों की गहन जानकारी रखने का आह्वान किया।
श्री सिंह रविवार को 15वीं विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों के लिए आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम के समापन सत्र में सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अध्यक्ष डॉ.सी.पी.जोशी द्वारा राजस्थान विधानसभा में एक नवाचार के रूप में प्रारम्भ किया गया प्रबोधन कार्यक्रम नवनिर्वाचित सदस्य के लिए संसदीय प्रक्रियाओं, नियमों एवं परम्पराओं को समझने का एक सशक्त मंच है।
उन्होंने कहा कि हर विधायक जनता के प्रतिनिधी के रूप में विधायी कार्य का संरक्षक है जिसे अपनी संविधान प्रदत्त विधायी, वित्तीय एवं संवैधानिक शक्तियों का जनसेवा के लिए मानवीय पक्ष को ध्यान में रखते हुए उपयोग करना चाहिए। सरकार एवं प्रतिपक्ष को मिलकर सहमति के आधार पर अग्रसर होना चाहिए।
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रबोधन कार्यक्रम के माध्यम से विधायकगण राज्य के प्रति उनके संसदीय दायित्व को बेहतर तरीके से समझकर निर्वहन कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि हर विधायक का प्रथम कर्तव्य है कि वह अपनी विधानसभा क्षेत्र के निवासियों एवं राज्य की संसद के बीच कड़ी के रूप में काम करे। उसे विधायक कोष की राशि का सौ प्रतिशत उपयोग कर अपने विधानसभा क्षेत्र में आधारभूत संरचना, स्कूल, चिकित्सालय निर्माण जैसे कार्य कराने चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रबोधन कार्यक्रम के समापन अवसर पर कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री रहते हुए आजादी के बाद पहली बार उदारीकरण की शुरूआत की, जिससे देश के विकास की राह खुली।
उन्होंने कहा कि विकसित राष्ट्र भी जिस समय मंदी से गुजर रहे थे, उस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की अर्थनीति के कारण भारत मंदी के दौर से अछूता रहा। वर्ष 2007 में भारत की जीडीपी दर 9 प्रतिशत तक लाने का श्रेय भी डॉ. मनमोहन सिंह को ही है।
श्री गहलोत ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रीत्व काल में यूपीए चैयरपर्सन श्रीमती सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के प्रयासों से देश में अधिकार आधारित युग की शुरूआत हुई।
देश की जनता को सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, मनरेगा एवं खाद्य सुरक्षा के रूप में भोजन का अधिकार मिला। उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में डॉ. सिंह के दीर्घ अनुभवों का लाभ सभी विधायकों को लेना चाहिए ताकि वे सुशासन कायम करने में अपनी भूमिका निभा सकें।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. जोशी ने कहा कि दुनिया के सर्वाेत्तम अर्थशात्री पूर्व प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह को एक आदर्श शिक्षाविद एवं सांसद के रूप में विश्वभर में जाना जाता है। नवनिर्वाचित विधायकों के लिए उनके विचार अनुकरणीय हैं।
नेता प्रतिपक्ष, राजस्थान विधानसभा श्री गुलाबचंद कटारिया ने प्रबोधन कार्यक्रम को एक अच्छी परिपाटी बताते हुए कहा कि इस तरह के सामूहिक विचार विमर्श से लोकतंत्र को मजबूती मिलती है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी.जोशी ने मुख्य अतिथि श्री सिंह को स्मृति चिन्ह भेंट किया। संसदीय कार्य मंत्री श्री शांतिकुमार धारीवाल ने प्रबोधन कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सदन के सभी सदस्याें, अध्यक्ष एवं अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।