- March 16, 2018
हरियाणा पेंशन अधिनियम पारित -मंहगाई भत्ता दो सौ जमा चालिस जमा पांच रुप्ये
चण्डीगढ़——— – हरियाणा विधानसभा के पूर्व सदस्यों की पेंशन को तर्कसंगत बनाने के उददेश्य से हरियाणा विधायक पेंशन अधिनियम, 1975 में संशोधन बिल को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 2006 में नये वेतनमान लेने के बावजूद हरियाणा में विधानसभा के पूर्व सदस्यों को पेंशन के साथ मिलने वाले महंगाई भत्ते की दर 245 प्रतिशत है।
कायदे के अनुसार महंगाई भत्ता संशोंधित पेंशन में मर्ज होना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया, जिस पर प्रश्न चिन्ह लगता है। यह सरकारी खजाने पर एक डाका है और हरियाणा सरकार ने इस डाके पर डक्का लगा दिया है। उन्होंने कहा कि इससे लोगों को ऐसा लग रहा था कि रेवडि़यां अपने-अपनों को बांटी जा रही थीं।
हरियाणा विधानसभा (सदस्यों का वेतन,भत्ते एवं पेंशन) संशोधन विधेयक,2018
हरियाणा विधानसभा (सदस्यों का वेतन,भत्ते एवं पेंशन) अधिनियम, 1975 में संशोधन करने के लिए हरियाणा विधानसभा (सदस्यों का वेतन,भत्ते एवं पेंशन) संशोधन विधेयक,2018 पारित किया गया। वर्तमान में राज्य विधानसभा के पूर्व सदस्यों को एक अक्तूबर, 2013 से 10,000 रुपये प्रतिमाह की दर से पेंशन जमा प्रथम टर्म के बाद के प्रत्येक अतिरिक्त वर्ष के लिए 1500 रुपये और 50 प्रतिशत महंगाई पेंशन का भुगतान किया जा रहा है।
एक जनवरी, 1996 के उपरांत चार बार पेंशन में संशोधन के बावजूद, वे उक्त राशि पर 245 प्रतिशत की दर महंगाई राहत प्राप्त कर रहे हैं, जोकि उस महंगाई राहत की दर के बराबर है, जो उन राज्य सरकार के पेंशनरों पर लागू होती है, जिनकी एक जनवरी, 1996 के उपरांत पेंशन में संशोधन नहीं किया गया है।
अब यह प्रस्तावित है कि एक जनवरी, 2016 से पहले प्रथम टर्म पूरा करने वाले सभी व्यक्तियों की पेंशन को उनकी एक जनवरी, 2016 को लागू पेंशन, अतिरिक्त पेंशन, महंगाई पेंशन और महंगाई राहत को मिलाकर समेकित कर दिया जाएगा। इस समेकित राशि में से (1) पहले 50,000 रुपयों को पहले कार्यकाल के लिए संशोधित पेंशन के रूप में माना जाएगा।
(2) पहले कार्यकाल से अधिक की अवधि के लिए, प्रत्येक वर्ष या उसके भाग के लिए 2,000 रुपयों को उनके प्रथम कार्यकाल की पेंशन में जोड़ा जाएगा और परिणामी आंकड़े को एक जनवरी, 2016 से संशोधित पेंशन के रूप में माना जाएगा तथा (3) शेष राशि को महंगाई राहत (निर्धारित) के रूप में माना जाएगा।
वे राज्य सरकार द्वारा 2016 के बाद के अपने पेंशनरों के लिए समय-समय पर निर्धारित दर (दरों) पर या तो महंगाई राहत (निर्धारित) या महंगाई राहत, जो भी अधिक है, प्राप्त करने के पात्र होंगे।
एक जनवरी, 2016 के बाद अपना प्रथम टर्म पूरा करने और भविष्य में पेंशनर बनने वाला व्यक्ति अपने पहले टर्म के लिए 50,000 रुपये प्रतिमाह की पेंशन और अपने पहले टर्म के बाद के हर वर्ष या उसके भाग के लिए 2000 रुपये लेने का पात्र होगा। वह राज्य सरकार के 2016 के बाद के पेंशनरों के लिए सरकार द्वारा निर्धारित दर (दरों) पर महंगाई राहत का हकदार होगा और उसकी पेंशन जमा महंगाई राहत की कुल राशि पुराने पेंशनरों से अधिक नहीं होगी।
ऐसा किए जाने से सभी पेंशनरों की बेसिक पेशन एक सम्मान होगी जो टर्म पूरी कर चुका है और अब पेंशनर है या आगे जाकर एक टर्म पूरी करके पेंशनर बनेगा। इसी प्रकार, दो, तीन, चार, पांच चाहे कितने भी टर्म पूरी करेगा उसकी बेसिक पेंशन एक सामान होगी और महंगाई राहत (निर्धारित) भी एक सामान होगी।
राज्य विधानसभा के पूर्व-विधायकों में अपने तथा अपने परिवार के सदस्यों की यात्रा के लिए रेलवे कूपन की सुविधा देने की मांग की है। इस सम्बन्ध में उन्हें 10,000 रुपये तक के रेलवे कूपन की सुविधा देना प्रस्तावित किया गया है, बशर्तें उनकी मासिक पेंशन जमा महंगाई राहत जमा रेलवे कूपन की राशि एक लाख रुपये की राशि से अधिक नहीं होगी।
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