- February 24, 2015
स्वाइन फ्लू : 15 निजी चिकित्सालयों को उपचार के निर्देश
जयपुर -जिला कलक्टर श्री कृष्ण कुणाल ने शहर के 15 निजी चिकित्सालयों में संभावित एवं स्वाइन फ्लू रोगियों को उपचार हेतु नि:शुल्क दवाईयां उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए कहा कि उक्त चिकित्सालयों में ऐसे रोगी का उपचार एंव भर्ती करने से मना नहीं किया जाये। यदि चिन्हित 15 चिकित्सालयों में से किसी भी चिकित्सालय में स्वाइन फ्लू रोगी का उपचार करने या भर्ती करने से मना किया जायेगा तो संबंधित चिकित्सालय के विरूद्व जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रावधानों के अन्तर्गत नियमानुसार कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।
जिला कलक्टर सोमवार को कलक्ट्रेट के सभागार में स्वाइन फ्लू की रोकथाम एवं उपचार करने के संबंध में 15 निजी चिकित्सालयों के प्रतिनिधियों की आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने 15 निजी चिकित्सालयों एपेक्स, फोर्टिस, महात्मा गांधी, नारायणा ह्दलाया, भण्डारी, जयपुर, मोनिलेक, धन्वतरी, रूंगटा, सोनी, एस.डी.एम, एस.के.सोनी, साकेत, स्टार एवं ई.एस.सी.सी. हास्पीटल के प्रतिनिधियों को निर्देशित किया कि इन चिकित्सालयों में ओ.पी.डी में लिखवाया जाये कि यहां ‘स्वाइन फ्लू का उपचार किया जाता है, स्वाइन फ्लू के उपचार के दवाईयां नि:शुल्क उपलब्ध करायी जाती है।’
उन्होंने कहा कि इन 15 चिकित्सालयों में चिकित्सा विभाग द्वारा स्वाइन फ्लू के उपचार हेतु पर्याप्त मात्रा में दवाईयां उपलब्ध करायी गयी है ताकि संभावित एवं स्वाइन फ्लू के रोगियों को नि:शुल्क दवाईयां उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होनें कहा कि स्वाइन फ्लू के उपचार के लिए सरकारी और निजी चिकित्सालय समान रूप से जिम्मेदार हैं।
जिला कलक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इन 15 चिन्हित चिकित्सालयों में स्वाइन फ्लू के उपचार हेतु आवश्यक दवाईयां पर्याप्त मात्र में उपलब्ध रखने की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
उन्होंने इन चिकित्सालयों के प्रतिनिधियों को निर्देश दिए कि वे चिकित्सालय में संभावित एवं स्वाइन फ्लू के रोगियों का उपचार करने संबंधी रिपोर्ट प्रतिदिन जिला कलक्ट्रेट एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें ताकि यदि कोई व्यक्ति संभावित एवं स्वाइन फ्लू से पीडि़त पाया जाये तो उसके आस-पास के 50 घरों के लोगों का सर्वे करवाया जा सके।
उन्होंने इन चिकित्सालयों के प्रतिनिधियों को ये भी निर्देश दिए कि यदि किसी व्यक्ति में स्वाइन फ्लू से लक्षण पाये जाये और उसकी जांच करवायी जाती है तो जांच रिपोंर्ट आने तक उसे उपचार हेतु टेमी फ्लू दवाई दी जाये। उन्होंने ये भी निर्देश दिए कि उक्त चिन्हित चिकित्सालयों में स्वाइन फ्लू संबंधी रोगियों का उपचार करने वाले चिकित्सकों एवं पेरामेडिकल स्टाफ का आमुखीकरण कर उनका टीकाकरण भी किया जाये।
उन्होंने इन चिकित्सालयों को निर्देश दिए कि यदि किसी विद्यालय एवं हॉस्टल के विद्यार्थी में यदि स्वाइन फ्लू के संभावित लक्षण पाये जाये तो इसकी जानकारी तत्काल मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को दी जायें ।
बैठक में एडीएम चतुर्थ श्री कैलाश यादव, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रथम डा. ओ..पी.थाकन व द्वितीय डा. रविप्रकाश शर्मा, उप मुख्य एवं चिकित्सा अधिकारी डा. प्रवीण असवाल सहित संबंधित चिकित्सालयों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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