स्वच्छता के लिए भी देश में अलग पहचान बनाए हिमाचलः राज्यपाल

स्वच्छता के लिए भी देश में अलग पहचान बनाए हिमाचलः राज्यपाल

आकलैंड टनल के निकट सफाई कार्य

हिमाचलप्रदेश ———————————-  राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि हिमाचल को प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है, लेकिन हमारा यह प्रयास होना चाहिए कि इसे स्वच्छता के लिए भी जाना जाए। इस कार्य में स्कूली बच्चे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, जो सक्रिय तौर पर समाज को जोड़कर स्वच्छ वातावरण विकसित करने में योगदान दे सकते हैं।

शिमला के आॅकलैंड स्कूल के निकट स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाते हुए राज्यपाल ने सफाई कार्य के दौरान यह बात कही। स्वयं गंदगी साफ कर, झाड़ू लगाकर उन्होंने लोगों को स्वच्छता का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी उन्होंने स्वच्छता के प्रति लोगों को प्रेरित करने के लिए इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल, शिमला से इस तरह के अभियान की शुरूआत की थी। भविष्य में इसे और आगे बढ़ाया जाएगा ताकि प्रदेश सही मायने में स्वच्छ हिमाचल के रूप में अलग पहचान बना सके।

इससे पूर्व, शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर आयोजित ‘‘स्वच्छ हिमाचल-पढ़ाई भी, सफाई भी’’ कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने नशे की प्रवृति से युवाओं को बचाने, गो-पालन, जैविक कृषि को प्रोत्साहन, बेटी पढ़ाओं-बेटी बचाओ अभियान को प्रदेश में सफल बनाने तथा समाज में समरसता का वातावरण विकसित करने के लिए प्रयास किए हैं। स्वच्छता और पर्यावरण सुरक्षा उनके इन प्रयासों का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि प्रत्येक व्यक्ति को यह प्रण लेना चाहिए कि वह स्वच्छता जैसे महत्वपूर्ण अभियान को आगे बढ़ाए।

आचार्य देवव्रत ने कहा कि स्कूली बच्चे मन में ठान लें तो स्वच्छता के अभियान की सफलता निश्चित है। उन्होंने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं और देश व प्रदेश की प्रतिष्ठा को बनाना उनके हाथ में है। बच्चों में देश प्रेम का जज्बा होगा, तो प्रदेश को आगे बढ़ने से काई नहीं रोक सकता। बच्चे ही बड़ों की सोच को बदल सकते हैं, जिसकी शुरूआत वे स्कूल व घर से कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चे प्रण लें कि जन्मदिन पर वह पौधारोपण करें और उसकी देखभाल भी करें।

उन्होंने कहा कि स्वच्छता होगी तो आने वाले यात्रियों में प्रदेश के लोगों के प्रति सम्मान बढ़ेगा। उन्होंने स्वीट्ज़रलैड का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां के लोगों की सुझबूझ व विवेक के कारण एक साल में तीन करोड़ पर्यटक आते हैं, जिसका प्रमुख कारण सफाई व्यवस्था है। लोग स्वयं अपने आस-पास को स्वच्छ रखने की जिम्मवारी उठा रहे हैं। उन्होंने कहा की वैश्विक ऊष्मीकरण आज दुनिया के लिए खतरा बन गई है। हिम खण्ड तेजी से पिघल रहे हैं और मौसम में बदलाव खतरे का संकेत है।

राज्यपाल ने आयोजकों को कार्यक्रम के आयोजन के लिए बधाई दी।
सांसद और हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ के अध्यक्ष श्री अनुराग ठाकुर ने राज्यपाल का स्वागत किया और कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर स्कूली बच्चों को भी इससे जोड़ा जाएगा। प्रत्येक स्कूल से 10 विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा, जो अपनी ओर से साल में 100 घण्टे स्वच्छता अभियान के लिए समर्पित करेंगे। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत 5000 स्वयं सेवकों को विश्वकप के अलग-अलग मैच देखने का मौका दिया जाएगा। वर्ष 2007 में अभियान के पहल चरण की समाप्ति पर वर्ष भर बेहतर कार्य करने वाले 100 स्वयं सेवकों की प्रधानमंत्री के साथ भेंट करवाई जाएगी।

इस अभियान के प्रायोजक एमवे कंपनी के उपाध्यक्ष श्री जी.एस चिमा, राजधानी क्षेत्र के विभिन्न स्कूल, कालेजों के विद्यार्थी, गैर सरकारी संगठन के प्रतिनिधि तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।

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