स्नेह सरोकार योजना : अति-कम वजन के बच्चों को सुपोषित बनाने की जिम्मेदारी

स्नेह सरोकार योजना : अति-कम वजन के बच्चों को सुपोषित बनाने की जिम्मेदारी

कुपोषण मुक्त मध्यप्रदेश बनाने के लिये राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयास को समाज का सहयोग मिला है। स्नेह सरोकार योजना में 20 हजार से अधिक नागरिक ने अति-कम वजन के बच्चों को गोद लेकर उन्हें सुपोषित बनाने की जिम्मेदारी ली है। महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि योजना में कुपोषित बच्चों को सुपोषित बनाने का व्यापक अभियान पूरे प्रदेश में चलाया जा
रहा है।

मंत्री श्रीमती सिंह ने बताया कि सुपोषण अभियान में ‘स्नेह सरोकार” योजना से समाज को जोड़ने की पहल की गयी है। इसके बेहतर परिणाम मिले हैं। उन्होंने बताया कि दतिया जिले से इसकी शुरूआत की गयी थी, जिसे बाद में पूरे प्रदेश में विस्तार दिया गया। श्रीमती सिंह ने बताया कि सरकार की इस पहल का लोगों ने स्वागत करते हुए 20 हजार 757 बच्चों को पोषित करने की जिम्मेदारी ली है। यह वे बच्चे हैं, जो अति-कम वजन के हैं और पोषण-आहार की उनमें कमी है।

योजना में सर्वाधिक 2,769 बच्चे रतलाम जिले में गोद लिये गये हैं। सतना में 2,326, होशंगाबाद में 2,100, खण्डवा में 1,198, ग्वालियर में 1,103, कटनी में 1,850, मण्डला में 1,181, इंदौर में 488, धार में 328, खरगोन में 231, बड़वानी में 725, झाबुआ में 33, बुरहानपुर में 496, आगर-मालवा में 254, शिवपुरी में 84, गुना में 221, मुरैना में 181, रीवा में 204, सिंगरोली में 138, शहडोल में 492, अनूपपुर में 474, सागर में 315, दमोह में 179, पन्ना में 120, छतरपुर में 456, टीकमगढ़ में 212, भोपाल में 247, विदिशा में 451, हरदा में 111, बैतूल में 608, जबलपुर में 516, सिवनी में 217, बालाघाट में 227 और डिण्डोरी में 138 बच्चों को गोद लिया गया है।

‘स्नेह सरोकार” योजना

अति-कुपोषित बच्चों को सामान्य-स्तर पर लाने के लिये कोई भी व्यक्ति, संस्था मध्यप्रदेश के किसी भी आँगनवाड़ी केन्द्र के संचालन में सहयोग कर सकते हैं। योजना में आँगनवाड़ी केन्द्र में प्रत्येक माह बच्चों का नियमित वजन लिया जायेगा। वजन के आधार पर अति-कम वजन वाले बच्चों की सूची तैयार की जायेगी। सूची विभिन्न माध्यम से शासकीय सेवक, जन-प्रतिनिधि, स्थानीय समुदाय, औद्योगिक घरानों और संस्थाओं को उपलब्ध करवाई जायेगी। उन्हें प्रेरित किया जायेगा कि वे अति-कम वजन वाले बच्चों के पोषण की जिम्मेदारी लें।

सहयोगकर्ता को अपनी दी गयी राशि, सामग्री या अन्य सहयोग का उपयोग क्या हुआ, इसके बारे में जानने का अधिकार होगा। योजना में सहयोग करने वाले लोगों को उनके द्वारा दिये गये सहयोग का पूरा ब्यौरा समय पर दिया जायेगा। जिन बच्चों के पोषण की जिम्मेदारी समाज के लोग लेंगे, उसमें उनके द्वारा दिये गये सहयोग के बाद बच्चे के वजन में आये सुधार की जानकारी उन्हें दी जायेगी। योजना को पारदर्शी बनाया गया है। कलेक्टर योजना में मिले सहयोग की समीक्षा नियमित रूप से करेंगे। समीक्षा बैठक में दान-दाता और सहयोगकर्ता को बुलाया जायेगा।

Related post

महाकुंभ मेले में सुबह-सुबह मची भगदड़ : सूत्रों ने लगभग 40 लोगों के मरने की पुष्टि की

महाकुंभ मेले में सुबह-सुबह मची भगदड़ : सूत्रों ने लगभग 40 लोगों के मरने की पुष्टि…

प्रयागराज,   (रायटर) –  उत्तर भारत में महाकुंभ मेले में सुबह-सुबह मची भगदड़ में दर्जनों लोग मारे…
सीवेज पंपिंग स्टेशन : दम घुटने से दो श्रमिकों की कथित मौत :एनएचआरसी

सीवेज पंपिंग स्टेशन : दम घुटने से दो श्रमिकों की कथित मौत :एनएचआरसी

नई दिल्ली:–एनएचआरसी, भारत ने गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले में सीवेज पंपिंग स्टेशन की सफाई करते समय…
हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक जहूर हैदर जैदी और सात अन्य पुलिसकर्मियों कोआजीवन कारावास

हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक जहूर हैदर जैदी और सात अन्य पुलिसकर्मियों कोआजीवन कारावास

चंडीगढ़ की विशेष सीबीआई अदालत ने हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक जहूर हैदर जैदी और सात…

Leave a Reply