- July 23, 2016
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की समीक्षा :- चौधरी बीरेंद्र सिंह
इस्पात मंत्री ने उल्लेख किया कि वर्तमान इस्पात बाजार चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने इस्पात की उत्पादन लागत को घटाने में सेल के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कंपनी से प्रक्रिया क्षमताओं को बढ़ाने और सेल के आधुनिकीकरण तथा विस्तार योजना के अधीन नई इकाइयों के अधिक से अधिक उपयोग पर ध्यान केंद्रित करके लागत में कमी लाने के अपने प्रयासों को और तेज करने का अनुरोध किया।
सेल की क्षमता में विश्वास व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि सेल देश में इस्पात उद्योग के प्रदर्शन में सुधार करने के लिए अपनी अनुसंधान और विकास ताकत का पूरा लाभ उठा सकता है। उन्होंने सेल को बुनियादी ढांचा, परिवहन और शहरी विकास जैसे क्षेत्रों में निर्माण के लिए एक सामग्री के रूप में इस्पात की लागत प्रभावशीलता, गुणवत्ता और टिकाऊ पन स्थापित करके इस्पात की खपत को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन और इंजीनियरिंग का उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने यह भी आह्वान किया कि इस्पात के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सभी पहलों को जल्दी से जल्दी शुरू किया जाना चाहिए क्योंकि व्यापार परिदृश्य में तेजी से परिवर्तन हो रहा है।
चौधरी बीरेंद्र सिंह ने सेल को अपना निर्यात बढ़ाने की सलाह दी क्योंकि अब सेल ने अपने उत्पादों में नए प्रोफाइल और ग्रेड शामिल करके महत्वपूर्ण उत्पाद समृद्धि हासिल कर ली है। उन्होंने सेल को अपने कर्मचारियों को अधिक कुशल और उद्देश्यपूर्ण बनाकर अपने मानव संसाधनों की क्षमता का पूरा उपयोग करने की भी सलाह दी। उन्होंने यह विश्वास जताया कि वर्तमान प्रबंधन में इस्पात उद्योग के सामने आ रहे मौजूदा संकट से बाहर निकलने की क्षमता और इच्छाशक्ति है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि जो भारत विश्व में इस्पात का तीसरे सबसे बड़े उत्पादक देश के रूप में उभरा है जल्द ही दूसरे स्थान पर पहुंचने वाला है। इसलिए सेल जैसे प्रमुख दिग्गजों को इस लक्ष्य को प्राप्त करने के सभी प्रयासों करने होंगे। स्टील संयंत्रों का आधुनिकीकरण करके समय सेल को अपने कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए अपनी टाउनशिपों का भी आधुनिकीकरण करने के लिए कदम उठाने चाहिए।