- November 5, 2016
सेना और अर्ध सेना में अंतर क्या है- स्वरुप सिंह राठौड़
आप सभी सिविल जनता को बताना चाहता हूं की सेना और अर्ध सेना में अंतर क्या है?
जब भी कोई जवान शहीद होता है। चाहे वो अर्ध सेना का क्यों न हो। मीडिया उसको भारतीय सेना का जवान शहीद हुआ , बताकर समाचार फैलाती है।
कल एक सेना के बड़े अधिकारी ने कहा की अर्ध सेना कुछ नहीं करती है ! इन अधिकारियों को मेरा जवाब।
यहाँ पर मैं आप सभी को यह बता दूँ की हम आम लोंगो में से अधिकांश को यह पता नहीं है कि अर्धसैनिक बल आखिर हैं कौन ?
आइए मैं आप सभी को इनके बारे में बताने की कोशिश करता हूँ।
1. जो बल हमारे देश की सीमा की सुरक्षा में दिन रात तैनात हैं वो बल सेना नहीं है (आम धारणा यही है) बल्कि वो सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ) के जवान हैं।
सेना तो बीएसएफ के पोस्टों से काफी पीछे रहती है। दूसरे देश के दुश्मनों की पहली गोली इन्ही जवानो के सीनो को छलनी करती हैं।
2. केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल। यह बल हमारी आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेवारी संभालती है चाहे वह उत्तर पूर्व के राज्य हों या नक्सल समस्या से ग्रसित राज्य या जम्मू व कश्मीर। लेकिन जब नक्सल हमला में कोई जवान शहीद होता है तो हम बोलते हैं की सेना का जवान शहीद हुआ है ।
*****यहाँ मैं आपको बता दूँ की सेना की कोई भी टुकड़ी नक्सल प्रभावित राज्यों में तैनात नहीं है।****
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल———- संसद सुरक्षा के अलावा अति विशिष्ट व्यक्ति को सुरक्षा देती है । राम जन्मभूमि मंदिर, कृष्ण जन्म भूमि मंदिर, काशी-विश्वनाथ मंदिर आदि की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी इसी बल के उपर है।
3. भारतीय तिब्बत सीमा बल—- यह बल देश की चीन से लगी हुई हमारी सीमा की सुरक्षा के लिए जिम्मेवार है। इस बल के जवान माइनस 40 डिग्री तापमान में भी अपनी चौकियों पे तैनात रहते हैं।
4. सीमा सशत्र बल —- नेपाल – भूटान सीमा को सुरक्षित रखने की कार्रवाई करते हैं।
5. केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल———- देश की सभी महत्वपूर्ण संस्थानों की सुरक्षा की जिम्मेवारी इसी बल की है।
उक्त बलों द्वारा किये गए सभी कार्यों का श्रेय हम गलती से सेना को देते रहते हैं।
इसके अलावा मुझे ये भी ज्ञात हुआ की हमारी अपनी सरकार भी इन बलों के साथ वेतन भत्तों एवं अन्य सुबिधाओं में भी भेदभाव करती है।
देश सेवा में अपनी जान देने वाले सेना के जवानों को शहीद और अर्धसैनिक बलों के जवानों को मृतक कहा जाता है।
यहाँ पर मैं आपसे एक प्रश्न पूछता हूँ जब दुश्मन की गोली इनमें कोई भेदभाव नहीं रखती तो हमारी सरकार क्यूँ?
जब दोनों एक ही प्रकार के काम कर रहे हैं तो मिलने वाली सुविधाओं में अंतर क्यों? बल्कि कई मामलों में तो इन बलों का काम सेना से भी कठिन है।
!!!जयहिंद!!!
सेना में जवानो को पुरानी पेन्शन,ज्यादा सैलरी, 100 % फैमली क्वाटर,कैन्टीन की बेहतरींन सुबिधा, लगभग सभी ट्रैनो में स्पेशल कोच,आर्मी स्पेशल पे साल के दौरान समय पर व लम्बी छुट्टियॉ ।
अर्ध सैनिक बलो को ऊपर लिखी सुविधाओ में से एक भी सुबिधा नही दी जाती है, इनके हिस्से में आती है सिर्फ और सिर्फ ड्यूटियॉ
जैसे कि—-
1. नेता जी के पोते की शादी है… 4 BSF 4 CRPF 4 ITBP की कम्पनियॉ लगा दो
2. सैफई महोत्सव हो तो CRPF की कम्पनियॉ लगा दो…।
3. बाढ, भू-कम्प, सुनामी आ जाये तो NDRF (a combined organization of para military). लगा दो—।
4. सीमा की रक्षा के लिए BSF/ITBP/SSB लगा दो—।
5. किसी भी प्रकार का पूरे देश में कही भी चुनाव हो BSF/CRPF/ITBP/SSB आदि को लगा दो—-।
6. नक्सलविरोधी अभियान में BSF/CRPF/ITBP/SSB को लगा दो—-।
7… जम्मू कश्मीर में आतंकबादियो से लडने के लिए BSF/CRPF/ITBP को लगा दो—।
8. सामप्रदायिकं दंगो से निपटने के लिए RAF /CRPF/ITBP/BSF/SSB को लगा दो..।
9. दुश्मन देशो से जब लडाई लगेगी तो आर्मी अकेली नही लडेगी BSF/ITBP साथ में लडेगी…।
हद तो तब हो गयी जब BSF/CRPF/ITBP/SSB का सैनिक अगर अपनी ड्युटी के निर्वहन के दौरान या आतंकियो या नक्सलियो के खिलाफ लडते हुए मारे गये तो वे शहीद नही कहलायेगा—।
BSF/CRPF/ITBP/SSB में इन्सान नही जानवर है क्या ?
अब मेरा सबाल देश की व्यबस्था से है न कि सेना से , ये पोस्ट सेना के खिलाफ नही है और न ही सेना के खिलाफ लिखने की किसी की औकात है !
अब मेरा सबाल है कि पैरा-मिलेट्री जवानों के साथ ये शौतेला भेद भाव क्यों किया जा रहा है?
आखिर कब BSF/CRPF/ITBP को सेना के समान दर्जा दिया जायेगा ?
अनुदेशक सीमा सुरक्षा बल इंदौर म.प्र.
9983737380
(नवसंचार समाचार फेसबूक से)