- November 13, 2014
सार्क मोटर वाहन समझौता पथ-प्रदर्शक प्रयास होगाः नितिन गडकरी
सड़क, परिवहन व राजमार्ग और पोत परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज काठमांडू में आयोजित इंफ्रास्ट्रक्टर समिट को संबोधित करते हुए कहा कि “प्रस्तावित सार्क मोटर वाहन समझौता सार्क सदस्य देशों में सभी तरह के वाहनों के आवागमन के रास्ते खोलेगा और यह एक नए तरह का पथ-प्रदर्शक प्रयास होगा।” इस समिट का आयोजन कनफेडरेशन ऑफ नेपाली इंडस्ट्रीज (सीएनआई) ने किया है। प्रधानमंत्री की आगामी नेपाल यात्रा के दौरान सार्क देशों में यात्री और मालवाहक वाहनों के आवागमन समझौते पर हस्ताक्षर की उम्मीद है। नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि “भारत नेपाल में ढांचागत विकास के लिए खासतौर से जोड़ने व लोगों से लोगों के बीच संपर्क के क्षेत्र में सहयोग का प्रयास कर रहा है।”
दोनों देशों के बीच यात्रियों के आवागमन को नियंत्रित करने वाले इस समझौते के लिए हाल ही में भारत का आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल और नेपाल की तरफ से भौतिक पूर्वाधार तथा यातायात मंत्रालय के सचिव और अधिकारी तथा नेपाल सरकार के विदेश मंत्रालय के अधिकारी मिले। सितंबर 2014 में हुई इस बैठक में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल ने सार्क मोटर वाहन समझौते पर सहमति जताई। तकनीकी स्तर और साथ ही साथ विशेषज्ञ समूह ने भी इस समझौते पर सहमति दी है जिसने भारत और नेपाल के बीच यात्री वाहनों के आवागमन पर रोक खत्म करने के लिए जरूरी संशोधन किया है।
इस समझौते से नेपाल-भारत के बीच पारस्परिक आधार पर बस सेवा की सुविधा और दोनों देशों के लोगों को बिना रोक-टोक के आवागमन की सुविधा मिलेगी। इससे पर्यटन और लोगों से लोगों के बीच संबंध को बढ़ावा मिलेगा। पहले चरण में बस सेवा के लिए निम्न तीन मार्ग चिन्हित किए गए हैः
(i) काठमांडू-भैरहवा-सोनौली-गोरखपुर-लखनऊ-नई दिल्ली
(ii) काठमांडू-भैरहवा-सोनौली-आजमगढ़-वाराणसी-नई दिल्ली
(iii) पोखरा-भैरहवा-सोनौली-गोरखपुर-लखनऊ-नई दिल्ली
इन तीन मार्गों पर बस सेवा के अलावा मोटर वाहन समझौते से निजी वाहनों और अनियमित यात्री वाहनों के सीमा पार आने-जाने की सुविधा होगी। इस तरह के निजी और अनियमित यात्री वाहनों को समझौते के मसौदे में उल्लिखित संरचना के मुताबिक स्थापित किए गए सभी प्रवेश व निकास द्वार का इस्तेमाल करने की इजाजत होगी। मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि “प्रस्तावित सार्क सम्मेलन और सार्क/द्विपक्षीय समझौते के अलावा हम काठमांडू से नई दिल्ली के बीच पहली बस सेवा के लिए प्रयास शुरू कर सकते हैं।” किसी प्रमुख भारतीय ट्रांसपोर्टर को इस बात के लिए राजी करने का प्रयास किया जा सकता है जो इसी तरह से उसी दिन दिल्ली से काठमांडू तक के लिए नियमित बस सेवा शुरू करे।
भारत और नेपाल के बीच तराई रोड परियोजना के दूसरे चरण की बातचीत का हवाला देते हुए मंत्री ने कहा कि “हम अभी पहले चरण की प्रस्तावित परियोजनाओं को पूरा करने के प्रयास में लगे हैं और हालांकि पहले चरण पर फैसला अलग से लिया जा सकता है, मैं समझता हूं कि दूसरे चरण में चिन्हित की सड़कों की लंबाई के बारे में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट/व्यावहारिक अध्ययन की तैयारी पहले दौर में की जा सकती है और यह भारत सरकार के पास विचार के लिए लंबित है।”