- December 4, 2014
सजायाफ्ता लोगों के आदान-प्रदान के लिए भारत और कतर के बीच संधि
इस संधि पर हस्ताक्षर होने के बाद कतर में कैद भारतीय कैदियों को अपनी सजा का शेष हिस्सा भारत में काटने के लिए यहां लाया जाएगा ताकि वे अपने परिजनों के निकट रह सकें और उनका सामाजिक पुनर्वास संभव हो सके। इसी तरह भारत में सजा काटने वाले कतर के कैदियों को उनके देश वापस भेजा जाएगा।
2004 के पहले देश में ऐसा कोई कानून नहीं था, जिसके तहत विदशी कैदियों को उनकी सजा का शेष समय अपने देश में काटने के लिए वहां भेजा जा सके। इसी प्रकार विदशों में सजा काटने वाले भारतीय कैदियों को वापस बुलाने का भी कोई कानून मौजूद नहीं था।
भारत ने इस तरह की संधि अब तक इंग्लैंड, मॉरीशस, बुलगारिया, ब्राजील, कंबोडिया, मिस्र, फ्रांस, बांग्लादेश, दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब, ईरान, कुवैत, श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात, मालदीव, थाइलैंड, तुर्की, इटली, बोस्निया एवं हर्जेगोविना, इजराइल, रूस, वियतनाम और ऑस्ट्रेलिया के साथ किया है। कनाडा, हांगकांग, नाइजीरिया और स्पेन की साथ यह संधि किए जाने की बातचीत हो रही है।