- February 27, 2015
संसद में हंगामा
कांग्रेस भी आत्मचिंतन करेगी और यदि वह यहां ऐसा नहीं कर सकती तो उसे ऐसा करने के लिए ‘‘कहीं दूर चले जाना चाहिए।’’
नई दिल्ली, फरवरी २७ : संसदीय कार्यमंत्री एम वेंकैया नायडू की टिप्पणी को लेकर लोकसभा में एकजुट विपक्ष ने आज उनसे माफी की मांग की जिस पर नायडू ने कहा कि उनका किसी की भावनाओं को आहत करने का कोई इरादा नहीं था। इस मुद्दे को लेकर आज सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।
लोकसभा में सुबह प्रश्नकाल से पूर्व विपक्षी सदस्य इस मुद्दे को लेकर आसन के समक्ष आ गए जिस पर नायडू ने अपनी ओर से स्पष्टीकरण देकर आक्रोशित विपक्ष को शांत करने का प्रयास किया लेकिन विपक्ष का हंगामा और नारेबाजी जारी रही। इसके चलते कार्यवाही को सुबह पहले करीब सवा 11 बजे 15 मिनट के लिए और उसके बाद साढ़े 11 बजे फिर से 15 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा।
पौने 12 बजे सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर नायडू ने कहा कि उनका इरादा किसी को आहत करना या किसी की मानहानि करने का नहीं था और जो भी उन्होंने कहा वह सामान्यत: राजनीतिक प्रकृति का था।
उन्होंने कहा कि कल राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए उन्होंने कुछ बातें कही थीं लेकिन उन्होंने असंसदीय भाषा का इस्तेमाल नहीं किया और वह सभी दलों और नेताओं का सम्मान करते हैं।
उनके दोबारा दिए गए स्पष्टीकरण के बाद सदन सामान्य रूप से चलने लगा।
नायडू ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के चिंतन के लिए छुट्टी पर जाने का सीधा उल्लेख किए बिना कल कटाक्ष किया था कि क्या कांग्रेस भी आत्मचिंतन करेगी और यदि वह यहां ऐसा नहीं कर सकती तो उसे ऐसा करने के लिए ‘‘कहीं दूर चले जाना चाहिए।’’
नायडू ने यह भी दावा किया था कि भाजपा सरकार अध्यादेश नहीं लाना चाहती। उन्होंने अध्यादेश जारी करने को लेकर कांग्रेस का रिकॉर्ड खराब होने का आरोप लगाया। उनकी इन टिप्पणियों ने कल विपक्ष को आक्रोशित कर दिया था और वे सदन से वाकआउट कर गए थे। आज सदन में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच नायडू ने कहा, ‘‘मैंने केवल यह कहा था कि आपके समय में क्या हुआ और हमारे कार्यकाल में क्या हो रहा है। मैंने मौजूदा सरकार की सोच का भी जिक्र किया था…. बहस और प्रति बहस राजनीतिक प्रणाली का हिस्सा हैं।’’
सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विपक्ष का सदन की कार्यवाही को बाधित करने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘नायडू एक वरिष्ठ नेता हैं और संसदीय कार्यमंत्री हैं। सभी को साथ लेकर चलना उनका कर्तव्य है…. उन्हें ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करने का कोई अधिकार नहीं है। यह हमारे सम्मान का सवाल है। उन्हें खेद प्रकट करना चाहिए। आगे ऐसा न हो। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।’’
अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि नायडू स्वयं इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण दे चुके हैं इसलिए मामले को यहीं समाप्त किया जाना चाहिए।