- May 4, 2015
वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र की आधारशिला – न्यायाधीश श्री टी.पी. शर्मा
महासमुंद – छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री टी.पी. शर्मा ने जिला न्यायालय परिसर में दो करोड़ 33 लाख रूपए की लागत से बनने वाले वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र की आधारशिला रखी। उन्होंने कलेक्टोरेट परिसर में लीगल एड क्लिीनिक और जिला जेल में पांच नई बैरकों का भी लोकार्पण किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सर्व श्री गौतम भादुड़ी, चंद्रभूषण बाजपेयी और आई.एस.उबोवेजा, जिला सत्र न्यायाधीश श्रीमती अनुराधा खरे सहित अनेक न्यायिक और प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री टी.पी. शर्मा ने आज जिला न्यायालय परिसर में दो करोड़ 33 लाख रूपए की लागत से बनने वाले वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र की आधारशिला रखी।उन्होंने कलेक्टोरेट परिसर में लीगल एड क्लिीनिक और जिला जेल में पांच नई बैरकों का भी लोकार्पण किया। इस अवसर पर कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सर्व श्री गौतम भादुड़ी, चंद्रभूषण बाजपेयी और आई.एस.उबोवेजा, जिला सत्र न्यायाधीश श्रीमती अनुराधा खरे सहित अनेक न्यायिक और प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए।
जिला न्यायालय परिसर में बनाए जाने वाला वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र सर्व सुविधा युक्त होगा। इस भवन के भू-तल में वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र का कार्यालय होगा। साथ ही लाइब्रेरी, कम्प्यूटर कक्ष, वेटिंग रूम, लोक अदालत चेम्बर आदि होंगे। प्रथम तल पर मीटिंग हाल, पी.एल.ए. आफिस, रिकार्ड रूम होगा। इस भवन का निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा एक साल के भीतर पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
जिला जेल में बैरकों के लोकापर्ण के दौरान न्यायाधीश श्री शर्मा ने जेल के कैदियों से भी चर्चा की तथा जेल अधीक्षक से विभिन्न सुविधाओं की जानकारी ली। उन्होंने जेल के भीतर संचालित किए जा रहे लीगल एड क्लीनिक का भी निरीक्षण कर कर्मचारियों से परिचय प्राप्त किया। इस दौरान जेल अधीक्षक ने बताया कि चार बैरकों में लगभग 70 कैदियों के रहने की व्यवस्था है तथा पांचवा बैकर का उपयोग बैरक कम अस्पताल के रूप में किया जाए ।
कार्यक्रम में कलेक्टर श्री उमेश कुमार अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक श्री दीपक झा, कुटुंब न्यायालय की प्रधान न्यायाधीश श्रीमती संगीता तिवारी, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश श्री सुनीता टोप्पो, अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती विनिता वारनर, द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश श्री मोहन प्रसाद गुप्ता, अपर सत्र न्यायाधीश सराईपाली श्री शक्ति सिंह राजपूत, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्रीमती ममता पटेल, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री अनिल शर्मा सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक और अधिवक्तागण उपस्थित थे।
जिला न्यायालय परिसर में बनाए जाने वाला वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र सर्व सुविधा युक्त होगा। इस भवन के भू-तल में वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र का कार्यालय होगा। साथ ही लाइब्रेरी, कम्प्यूटर कक्ष, वेटिंग रूम, लोक अदालत चेम्बर आदि होंगे। प्रथम तल पर मीटिंग हाल, पी.एल.ए. आफिस, रिकार्ड रूम होगा। इस भवन का निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा एक साल के भीतर पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
जिला जेल में बैरकों के लोकापर्ण के दौरान न्यायाधीश श्री शर्मा ने जेल के कैदियों से भी चर्चा की तथा जेल अधीक्षक से विभिन्न सुविधाओं की जानकारी ली। उन्होंने जेल के भीतर संचालित किए जा रहे लीगल एड क्लीनिक का भी निरीक्षण कर कर्मचारियों से परिचय प्राप्त किया। इस दौरान जेल अधीक्षक ने बताया कि चार बैरकों में लगभग 70 कैदियों के रहने की व्यवस्था है तथा पांचवा बैकर का उपयोग बैरक कम अस्पताल के रूप में किया जाएगा।
************************************************छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री टी.पी. शर्मा ने कहा कि देश को तेजी से विकसित करने के लिए महिलाओं का सशक्त होना जरूरी है, इसके लिए हमारी सोंच में साकारात्मक परिवर्तन लाना होगा। महिलाओं समाज परिवार में बराबरी का दर्जा देना होगा, इसकी शुरूआत हमें अपने घर से करनी होगी।
श्री शर्मा आज स्थानीय शंकराचार्य सांस्कृतिक भवन में स्थानीय अधिवक्ता संघ द्वारा आयोजित महिला सशक्तिकरण पर समाज, न्यायाधीश और अधिवक्ताओं की भूमिका विषय पर आयोजित परिचर्चा को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री गौतम भादुड़ी ने की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सर्व श्री चंद्रभूषण बाजपेयी और आई.एस.उबोवेजा थे।
छत्तीसढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री शर्मा ने कहा कि महिलाओं को बराबरी का दर्जा लेने तैयार होना पड़ेगा, उन्हें मानसिक सोच में परिवर्तन लाना पडे़गा तभी महिलाएं सशक्त होंगी। इन सब के लिए पूरे समाज की सोंच में सकारात्मक बदलाव लाना होगा। उन्होंने कहा कि परिवार में पति पत्नी बराबर के भागीदार हैं यदि इनमें कोई कमजोर है तो कोई भी समाज और देश आगे नहीं बढ़ सकता। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि भी लोगों को महिला सशक्तिकरण के संबंध में जागरूक करने का काम कर सकते हैं। अधिवक्तागण नारी अधिकारों के हनन होने पर इसकी जानकारी लोगों को दें। जहां भी उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा हो वहां लोगों को जागरूक करें।
अधिवक्तागण भरण पोषण, दहेज, बंटवारा के प्रकरणों में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर न्याय दिलाएं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को संरक्षण के लिए कानून में पाजिटिव डिस्क्रीमीनेशन दिया गया है। न्यायाधीश का निर्णय दिखना चाहिए उसे इफेक्वि होना चाहिए। कोई महिला कोर्ट में आए तो उसे महसूस होना चाहिए, कि उसे न्याय मिला है। न्यायाधीश समग्र परिरिथतियों को देखते हुए निर्णय दें। न्यायाधीश समाज के अंग हैं इसलिए निर्णयों में पूरी संवेदनशीलता दिखनी चाहिए।
न्यायाधीश श्री गौतम भादुड़ी ने कहा कि महिला सशक्तिकरण को सपोर्ट करते हैं तो मामले अदालत के सामने लाएं। उन्होंने कहा कि लोगांें को फ्रंट फुट पर आना होगा तभी अदालत सहयोग कर पाएगी। हर मामले पर पूरा ध्यान देगी। न्यायाधीश चंद्र भूषण बाजपेई ने कहा कि महलाओं के प्रकरणों का निराकरण जल्द होना चाहिए। गैर सरकारी संगठनों द्वारा इस विषय पर निरंतर शोध और सर्वे होना चाहिए, जिससे इन बिन्दुओं की निरंतर पड़ताल कर सुधारात्मक उपाए हो सके।
न्यायाधीश आई.एस. उबोवेजा ने कहा कि समाज में जागरूकता छोटे-छोटे कामों से भी लायी जा सकती है। कोई सम्पत्ति या सामग्री खरीदते समय महिलाओं के नाम खरीद कर उनमें आत्मविश्वास ला सकते हैं। कार्यक्रम को जिला सत्र न्यायाधीश श्रीमती अनुराधा खरे और विधायक महासमुंद डॉ. विमल चोपड़ा ने भी सम्बोधित किया।
इससे पहले अधिवक्ता श्री प्रलय थिटे ने महासमुंद जिले के न्यायिक इतिहास की जानकारी दी। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री अनिल शर्मा द्वारा स्वागत भाषण दिया गया। अधिवक्ता संघ द्वारा छत्तीसगढ़ उच्च न्ययालय के न्यायाधीशों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। आभार प्रदर्शन अधिकवक्ता संघ के सचिव श्री भरतसिंह ठाकुर द्वारा किया गया।
कार्यक्रम संचालन अधिवक्ता श्री सलीम कुरैशी ने किया। कार्यक्रम में विधायक सराईपाली श्री रामलाल चौहान और विधायक बसना श्रीमती रूपकुमारी चौधरी, जनपद पंचायत महासमुंद के अध्यक्ष श्री धरमदास महिलांग, कुटुंब न्यायालय की प्राधान न्यायाधीश श्रीमती संगीता तिवारी, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश श्री सुनीता टोप्पो, अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती विनिता वारनर, द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश श्री मोहन प्रसाद गुप्ता, अपर सत्र न्यायाधीश सराईपाली श्री शक्ति सिंह राजपूत, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्रीमती ममता पटेल सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक और जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे ।
कार्यक्रम में कलेक्टर श्री उमेश कुमार अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक श्री दीपक झा, कुटुंब न्यायालय की प्रधान न्यायाधीश श्रीमती संगीता तिवारी, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश श्री सुनीता टोप्पो, अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती विनिता वारनर, द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश श्री मोहन प्रसाद गुप्ता, अपर सत्र न्यायाधीश सराईपाली श्री शक्ति सिंह राजपूत, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्रीमती ममता पटेल, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री अनिल शर्मा सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक और अधिवक्तागण उपस्थित थे।