• February 15, 2016

विश्व मैत्री और प्रेम के सुरों की सरिता वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल

विश्व मैत्री और प्रेम के सुरों की सरिता वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल

तेरे इश्क नचाया, करके ताता-थैया… ..’
– दिलों के तारों को झंकृत कर गया दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगीत का सफर
– अलबेले संगीतज्ञों से यादगार बनी वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल की हर बेला
– विश्व मैत्री और प्रेम के सुरों की सरिता और संदेश के साथ वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल समापन
– मुख्तियार और पैपोन की प्रस्तुतियों ने झूमाया
– शहरवासियों की भारी भीड उमडी, फतहसागर पाल व रेलवे ग्राउंड में पैर रखने की जगह तक नहीं बची

उदयपुर –(डा० दीपक अाचार्य) ———————   जैज, गजल, असमिया शास्त्रीय संगीत और भारतीय लोक गीतों की अनूठी जुगलबंदी करते हुए पैपोन ने यहां रेलवे ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के ग्राउंड पर वेलेंटाइन की शाम में मुहोब्बत के तारानों से रंगीन कर दिया। खोल, तबला व हारमोनियम ने आवाज की रुमानियत ऐसी बढाई कि युवा दिलों के समंदर में सूफियाना रंग में डूबी प्रेम की लहरों ने बार-बार दस्तक दी। कभी भिगोया, कभी डुबोया तो कभी यादों के बियाबान का सफर करवाया। पैपोन के चाहने वालों ने कभी आंखें मूंदी तो कभी हाथ उठा कर संगीत की लहर को अपने से बीच चुफ से गुजरने दिया। मौका था उदयपुर वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल के दूसरे दिन यहां रेलवे ट्रेनिंग ग्राउंड पर सजी सुरमई शाम का।P_7

हिन्दुतान जिंक, वन्डर सीमेंट, राजस्थान ट्यूरिज्म द्वारा सहर के संजीव भार्गव की परिकल्पना में आयोजित वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल के दूसरे व अंतिम दिन युवा दिलों की धडकन पैपोन ने अपने बैण्ड पैपोन एंड द इस्ट इंडिया कंपनी के साथ रामधेनू, द स्टोरी सो फार, बर्फ, दम लगा के हईशा, दम मारो दम जैसे कई यादगार तराने पेश किए। पैपोन और ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रख्यात कलाकारों ने देश विदेश की विविध संस्कृतियों को एकता में पिरोकर दर्शको का भरपूर मनोरंजन किया। इस भारतीय इलेक्ट्रिक फॉक फ्यूजन बैण्ड ने अपनी प्रस्तुती दी जिसमें पैपोन ने अपने गायन, संगीत और वादन से सभी के मन को थिरका दिया।

कव्वाली संग सूफियाना तराने

विश्व संगीत के यादगार पलों में दोपहर फतहसागर पाल पर फ्रांस के मेथियास डुप्लेसी और भातर के मुख्तियार अली की सूफी कव्वाली और वर्ल्ड म्यूजिक फ्यूजन की प्रस्तुति से संगीत प्रेमियों में जोश भर दिया। तालियों और सीटियों की बारिश के बीच मुख्तियार ने ‘मारू थारा देश में, निपजे तीन रतन..’ सुना कर वाहवाही लूटी तो मेथियास ने गिटार को विशेष अंदाज में बजा कर मंत्रमुग्ध कर दिया। दोनों की जुगलबंदी में ‘यार मना लेंगे..’, मैनू सच्ची राह दिखा देना..’, सखी डगर-डगर, सखी नजर नजर..’ पर देश-विदेश के कद्रदानों को झूमने पर मजबूर कर दिया। दोनों ने माहौल को सूफियाना कलाम से सराबोर कर अलौकिक आध्यात्म का अहसास करा दिया।

इधर, शाम की पहली प्रस्तुति जेज फ्यूजन के इटली मिट्स इण्डिया की थी जिसके कलाकारों रोम के सेक्साफोन वादक मार्सेलो अल्यूली एवं सेनीगालिया के ड्रमर मेट्यूफ्रेबोनी अपनी भारत यात्रा के दौरान एक दूसरे मुलाकात के बाद हिन्दुस्तानी संगीतज्ञों से सीखे संगीत और अपने वाद्यों की जुगलबंदी से सभी का मन मोह लिया। इसके बाद वेनेजुएला, घाना और यूके से ‘फैमिली अटलांटिका’ दूरदराज सरजमीं से ऐसी धुनें लेकर आए, जो इस कार्यक्रम के माध्यम से पहली बार सुनने को मिली। तीन अलग अलग महाद्वीपों से आए लंदन के जेक येग्लेसियास, उनकी पत्नी वेनेजुएला की लूजमेरियाजर्पा एवं घाना के नाईजेरियन क्वामें ने विश्व संगीत के तारने सजाए।

12 देशों के 1॰॰ से अधिक कलाकारों से सजे संगीत के कुंभ के दूसरे दिन दोपहर फतहसागर की पाल पर प्रस्तुतियों की शुरुआत सोनम कालरा एंड द सूफी गोस्पेल प्रोजेक्ट की सूफी और गोस्पेल संगीत प्रस्तुतियों से हुई। रूहानी अंदाज, सुरों की बेमिसाल फनकारी के बीच सोनम व उनके दल के साजिंदों ने अपनी बंदिश ‘मौला रखी है लाज तुमने मेरी, हर मकाम पर, यूं ही रखियो नजर अपने गुलाम पर…’ में विश्व की 18 भाषाओं के लफ्जों के साथ पेश की। इसके बाद ‘तेरे इश्क में इतना खोया हूं कि..हूं भी और नहीं भी, तन मन-मन, मन मन-मन’ ने हजारों दर्शकों के दिलों में सर्वधर्म समभाव का वैश्विक भाव जगाया। लोग मगन होकर तालियों से सुर में सुर मिलाते रहे। सोनम के दल की खासियत ये रही कि उनकी प्रस्तुति में गीतों में सभी धर्म ग्रन्थों के समावेश के साथ ही सीमाओं, दीवारों, धर्म, लेबल से परे प्रेम शांति और सौहार्द का संदेश देता नजर आया जिसे दर्शको ने सूफी की रूमानियत को जीवंत कर दिया। सोनम की खुबियों के चलते ऐले मेग्जीन में इनकी प्रोफाइल ट्रांसफोर्मस  वूमेन हू ऑन द फ्यूचर के नाम से सूचिबद्ध हैं।

Related post

धार्मिक समाज सुधारकों की परंपरा को बचाने की लड़ाई

धार्मिक समाज सुधारकों की परंपरा को बचाने की लड़ाई

एड. संजय पांडे — शिवगिरी मठ सभी दलों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखता है। वार्षिक…
हिमालय की तलहटी में  6.8 तीव्रता का भूकंप,95 लोग मारे गए,नेपाल, भूटान और भारत में भी इमारतों को हिला दिया

हिमालय की तलहटी में  6.8 तीव्रता का भूकंप,95 लोग मारे गए,नेपाल, भूटान और भारत में भी…

बीजिंग/काठमांडू 7 जनवरी (रायटर) – चीनी अधिकारियों ने कहा  तिब्बत के सबसे पवित्र शहरों में से…
1991 के पूजा स्थल कानून को लागू करने की मांग याचिका पर विचार करने पर सहमति : सर्वोच्च न्यायालय

1991 के पूजा स्थल कानून को लागू करने की मांग याचिका पर विचार करने पर सहमति…

सर्वोच्च न्यायालय ने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की उस याचिका पर विचार करने पर सहमति जताई…

Leave a Reply