• September 8, 2015

विधायक सलाहकार समिति की बैठक: बजट घोषणा की समीक्षा

विधायक सलाहकार समिति की बैठक: बजट घोषणा की समीक्षा

जयपुर-  जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री श्री नन्द लाल मीणा की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में आयोजित विधायक सलाहकार समिति की बैठक में बजट घोषणाओं एवं मुख्यमंत्री के निर्देशों तथा अन्य घोषणाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई।

बैठक में विधायक श्री सुरेन्द्र गोयल एवं जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री खेमराज, जनजाति क्षेत्रीय विकास आयुक्त श्री भवानी सिंह देथा तथा विभागीय अधिकारियों ने भाग लिया।

श्री मीणा ने जनजाति समुदाय के लोगों को राजकीय सेवाओं, कौशल विकास एवं प्रशिक्षण के माध्यम से आजीविका के अवसरों में वृद्घि करने हेतु विशेष प्रयास किये जाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने इसके लिए अनुसूचित क्षेत्र एवं अनुसूचित क्षेत्र के विस्तार के प्रस्तावित जिलों में जनजाति अभ्यार्थियों को राजकीय सेवाओं में आयोजित की जाने वाली भर्तियों में सफल होने के लिए कोंचिग कराये जाने के निर्देश दिए।

उन्होंने बताया कि जनजाति समुदाय के अभ्यार्थियों को परीक्षा में सफल होने के लिए विषय विशेषज्ञों द्वारा तैयारी करवाई जायेगी। इसके साथ ही राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम के माध्यम से आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों में अधिक से अधिक जनजाति युवक युवतियों को शामिल किए जाने हेतु आयुक्त जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग को प्रभावी प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए।

श्री मीणा ने कृषि, उद्यानिकी, मत्स्य, डेयरी, पशुपालन एवं संबंधित गतिविधियों से जनजाति समुदाय में आय सृजन में वृद्घि करने हेतु संचालित कार्यक्रमों में समन्वय स्थापित करने एंव सफल क्रियान्वयन हेतु विषय विशेषज्ञों की सेवाएं लेने के निर्देश दिए। इसके साथ ही निर्माण कार्यो की गुणवत्ता सुनिश्चित करने एवं स्वीकृत राशि में ही तय समय सीमा में निर्माण कार्य पूर्ण करवाए जाने के निर्देश दिए।

जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री ने विभाग द्वारा संचालित किए जा रहे आश्रम छात्रवासों में डायनिंग हॉल एवं रीडिंग रूम की आवश्यकता होने पर निर्माण करवाने के निर्देश दिये। इसके साथ ही विभाग द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थाओं में गुणात्मक शिक्षा को बढ़ाने हेतु नियमित निरीक्षण किये जाने के निर्देश दिए। विभाग द्वारा विभिन्न जिलों में सतत, समग्र एवं समान विकास हेतु कार्य स्वीकृत किए जाने के निर्देश दिए। इसके लिए असमानताओं का विश्लेषण कर पिछड़े जिलों के विकास हेतु कार्यों की स्वीकृति में प्राथमिकता दी जाये।

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