- March 2, 2016
विधानसभा प्रकोष्ठ से :: प्रदेश में अपराधों की संख्या में कमी आई – गृह मंत्री
जयपुर, 2 मार्च (सू०ब्यूरो) ——————- गृह मंत्री श्री गुलाब चंद कटारिया ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि प्रदेश में वर्ष 2015 में पिछले वर्ष की तुलना में कमी आई है। उन्होंने कहा कि अपराधों पर नियंत्राण के लिए इस वर्ष की सभी डीपीसी पूरी करवाई जा रही है एवं भर्ती किए गए कानिस्टेबलों की ट्रेनिंग पूरी करवाकर उन्हें शीघ्र ही आवश्यकता अनुसार थानों में नियुक्ति दी जाएगी।
श्री कटारिया प्रश्नकाल के दौरान विधायकों की ओर से पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने राज्य में अपराधों के वर्षवार आंकड़े प्रस्तुत करते हुए बताया कि वर्ष 2015 में पिछले वर्ष की तुलना में कमी आई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अपराधों के आंकड़े में वर्ष 2009-2010 में 2.1 प्रतिशत की कमी आई थी। उसके बाद 2010-11 में 1.6 प्रतिशत, वर्ष 2011-12 में 3.2 प्रतिशत, वर्ष 2012-13 में 14.79 प्रतिशत एवं वर्ष 2013-14 मंे 7.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि वर्ष 2014-15 में पिछले वर्ष की तुलना में 5.8 प्रतिशत की कमी आई है।
गृहमंत्राी ने अलवर में हुए अपराधों का भी वर्षवार ब्योरा देते हुए बताया कि अलवर में वर्ष 2013 में 115, वर्ष 2014 में 104 और 2015 में 112 हत्या के मामले दर्ज हुए, वहीं हत्या के प्रयास का आंकड़ा वर्ष 2013 में 85, वर्ष 2014 में 64 और 2015 में 73 रहा। इसी प्रकार अलवर में 2013 में 316, 2014 में 299 और 2015 में 254 बलात्कार के मामले दर्ज हुए। नकबजनी के 2013 में 314, 2014 में 238 और 2015 में 204 मामले दर्ज किए गए। गृह मंत्राी ने कहा कि नकबजनी के मामलों में वर्ष 2015 में 14 प्रतिशत की कमी आई।
चोरी के मामले 2013 में 3964, वर्ष 2014 में 3189 और 2015 में 2848 दर्ज किए गए और 2015 में इनमें भी 10 प्रतिशत की कमी आई। उन्होंने अलवर में महिला अत्याचार के आंकड़े प्रस्तुत करते हुए बताया कि 2013 में 1751, 2014 में 1719 और 2015 में 1551 मामले दर्ज हुए, जिनमें 2015 में 9.7 प्रतिशत की कमी आई। अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार के मामले 2013 में 608, 2014 में 438 और 2015 में 371 दर्ज हुए और इनमें भी वर्ष 2015 में 15.3 प्रतिशत की कमी आई।
गृह मंत्री ने कहा कि अलवर समेत पूरे प्रदेश में अपराध का ग्राफ घटा है। उन्होंने अलवर में दो पुलिस अधीक्षक पदस्थापित करने की मांग पर कहा कि इसे प्राथमिकता दी जाएगी और वित्तीय संसाधन उपलब्ध होने एवं स्वीकृति मिलने के बाद इस दिशा में प्रयास किए जाएंगे। श्री कटारिया ने कहा कि किसी व्यक्ति की यदि एक बार हिस्ट्रीशीट खुल जाती है, तो उसे बंद करना बहुत मुश्किल है। थानों में यदि अपराधियों की तस्वीरें प्रदर्शित किए जाने में यदि कोई कमी-खामी है, तो उसे दिखवाएंगे और उसे दूर करेंगे।
अपराधों पर प्रभावी नियंत्राण के लिए नफरी बढ़ाने के मामले में गृह मंत्राी ने कहा कि इस वर्ष 31 मार्च तक पुलिस विभाग की सभी डीपीसी पूरी कर ली जाएंगी। उन्होंने कहा कि 12 हजार कानिस्टेबलों का चयन किया गया था, लेकिन प्रदेश में प्रशिक्षण की क्षमता उपलब्ध नहीं थी, फिर भी हमने प्रशिक्षण के लिए दूसरे राज्यों में भी भेजा है। उन्होंने बताया कि सभी की ट्रेनिंग पूरी होते ही सभी थानों में रिक्त पदों को भरने की कोशिश की जाएगी।
अपराधों के आधुनिकीकरण और साइबर अपराधों को रोकने के मामले में गृहमंत्राी ने कहा कि इस बजट में थानों में सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों की टीम बनाने और कैमरे समेत अन्य सुविधाएं जुटाने की अधिकतम व्यवस्था की जाएगी। न्यायालय की ओर से एफआईआर के मामले में आपराधिक दंड संहिता की धारा 156 (3) के मामले में गृह मंत्राी ने कहा कि कुल प्रकरणों में 18 प्रतिशत मामले इस धारा के तहत दर्ज होते हैं, जिनमें से 70 प्रतिशत बाद में गलत पाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष परीक्षण के रूप में किसी एक जिले में आॅनलाइन एफआईआर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और उसके परिणामों का अध्ययन किया जाएगा।
विधायक श्री बनवारी लाल सिंघल के मूल प्रश्न के जवाब में गृह मंत्राी ने पिछले 5 वर्ष (2009 से 2013) एवं वर्ष 2014 एवं 2015 म भारतीय दंड संहिता के कुल अपराध की संख्या एवं पूर्व वर्ष से उसकी तुलना का विवरण सदन के पटल पर रखा। श्री कटारिया ने बताया कि राज्य म वर्ष 2012 की तुलना म वर्ष 2013 म भारतीय दंड संहिता के कुल अपराध 14.79 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2014 म वर्ष 2013 की तुलना म 7.23 प्रतशित की वृद्धि हुई है, जबकि वर्ष 2015 म वर्ष 2014 की तुलना म 5.86 प्रतिशत की कमी आई है।
गृह मंत्री ने अलवर जिले म पिछले 5 वर्ष (2009 से 2013) एवं वर्ष 2014 एवं 2015 म भारतीय दंड संहिता के कुल अपराध¨ की संख्या का विवरण भी सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि अलवर जिले म वर्ष 2012 की तुलना म वर्ष 2013 म 22.29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि वर्ष 2014 म वर्ष 2013 की तुलना म 13.18 प्रतिशत की कमी आई है एवं वर्ष 2015 म वर्ष 2014 की तुलना म 6.43 प्रतिशत की कमी आई है।
श्री कटारिया ने बताया कि अलवर जिले म हत्या के वर्ष 2014 म 104 एवं वर्ष 2015 म 112 प्रकरण घटित हुये। उन्होंने अलवर जिले म घटित अन्य आपराधिक घटनाओं का विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि आपराधिक घटनाओं के नियंत्राण के लिये जिला पुलिस द्वारा प्रभावी गश्त व्यवस्था, सुदृढ़ नाकाबन्दी, साइक्ल¨न सेल द्वारा प्रभावी कार्यवाही, महिला सुरक्षा एवं आत्मरक्षा हेतु प्रशिक्षण, हाईवे पेट्र¨लिंग, केस आॅफिसर स्कीम, निरधात्मक कार्यवाही तथा स्थानीय एवं विशेष अधिनियम¨ं के अन्तर्गत प्रभावी कार्यवाही की गई है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोड़ा (पीलीबंगा) के भवन का निर्माण ———————-– चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्राी श्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने बुधवार को विधानसभा में बताया कि विधानसभा क्षेत्रा पीलीबंगा की ग्राम पंचायत खोड़ा में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के भवन का इसी वित्तीय वर्ष में निर्माण करवाया जाएगा।
श्री राठौड़ ने प्रश्नकाल के दौरान विधायकों की ओर से इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए बताया कि ग्राम पंचायत खोड़ा में वर्तमान में भूमि का पट्टा नहीं होने के कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के भवन का निर्माण नहीं हो पाया है।
इससे पहले विधायक श्रीमती द्रोपती के मूल प्रश्न के जवाब में श्री राठौड़ ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ख¨ड़ा का भवन बना हुआ नह° है तथा वर्तमान म उप स्वास्थ्य केन्द्र के भवन म संचालित है। उन्होंने अवगत कराया कि आगामी वित्तीय वर्षों म प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के भवन निर्माण हेतु समुचित वित्तीय प्रावधान उपलब्ध ह¨ने पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ख¨ड़ा के भवन निर्माण की स्वीकृति जारी करवाने के प्रयास किये जायगे।
उन्होंने बताया कि आगामी वित्तीय वर्षों म उप स्वास्थ्य केन्द्र ख¨ले जाने हेतु वित्तीय संसाधन उपलब्ध ह¨ने व गुणावगुण के आधार पर ग्राम पंचायत अमरपुरा राठान के गांव लुढाणा म उप स्वास्थ्य केन्द्र ख¨ले जाने के प्रयास किये जायेंगे।