विकास का पूरा लाभ तभी मिलेगा, जब आप समाज में शांति, प्रेम और भाईचारे के साथ रहिएगा:- मुख्यमंत्री

विकास का पूरा लाभ तभी मिलेगा, जब आप समाज में शांति, प्रेम और भाईचारे के साथ रहिएगा:- मुख्यमंत्री

पटना——–:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज समस्तीपुर जिला के विथान प्रखंड अंतर्गत करेह नदी के फुहिया घाट पर 10.54 करोड़ रुपये की लागत से 159.24 मीटर लंबे उच्चस्तरीय पुल निर्माण का कार्यारम्भ शिलापट्ट का अनावरण कर किया।

ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना अंतर्गत 13 अन्य योजनाओं का उद्घाटन, कार्यारंभ एवं शिलान्यास मुख्यमंत्री ने किया। जनसभा को लेकर बने मंच पर ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव श्री विनय कुमार ने पुष्प-गुच्छ भेंटकर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। स्थानीय विधायक श्री राजकुमार राय ने अंगवस्त्र, पाग एवं मखाने की माला भेंट कर, जबकि कार्यकर्ताओं ने फूलों की बड़ी माला पहनाकर मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया।

जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज इस कार्यक्रम में शामिल होकर आप सभी के अंदर जो उल्लास का भाव है, उसे देखकर मुझे आत्म संतोष हो रहा है। उन्होंने कहा कि न्याय के साथ विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है जिसका मतलब है हर तबके और हर इलाके का विकास करना ताकि हाशिये पर खड़े लोग विकास की मुख्य धारा से जुड़ सकें।

स्थानीय विधायक श्री राजकुमार राय की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने इलाके के विकास के लिए ये सदैव सक्रिय रहते हैं। इनके प्रयत्न से ही आज इस इलाके में विकास के अनेक काम हुए हैं या हो रहे हैं। पहले की तुलना में अब यहाँ की स्थिति में काफी सुधार हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले ग्रामीण इलाकों में सड़कें कहाँ थीं ? स्व0 अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में जब हम रेल, कृषि के साथ अन्य मंत्रालयों के मंत्री रहे थे, तब प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना शुरू की गई थी, जिसकी सबसे ज्यादा आवश्यकता बिहार को थी लेकिन प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का दायित्व केंद्रीय एजेंसी को सौंपने के कारण काम नहीं हुआ।

उन्होंने कहा कि जब हमने बिहार की कमान संभाली तो प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का काम राज्य सरकार के माध्यम से कराने का निर्णय लिया और इसके लिए ग्रामीण कार्य विभाग की शुरुआत की। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में 1000 से अधिक आबादी वाले गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ा जा रहा था।

हमने मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना शुरू कर 500 तक की आबादी वाले गांवों को भी पक्की सड़क से जोड़ने का निष्चय किया। इसके बाद केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के माध्यम से 500-1000 की आबादी वाले गांवों को पक्की सड़क से जोड़ना प्रारंभ किया। तब हमलोगों ने मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना शुरू कर 250 तक की आबादी वाले गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ने का निष्चय किया और काम प्रारंभ किया।

सात निश्चय योजनाओं के तहत हो रहे विकास कार्यों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस निश्चय योजना में टोलों को बारहमासी पक्की सड़कों से जोड़ने के लिए टोला सम्पर्क योजना भी शुरू की गई। इसके लिए एरियल सर्वे करने के बाद जमीन पर जाकर टोलों का सत्यापन किया गया। उन्होंने कहा कि 2020 तक प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से अगर कोई गांव छूट गया तो उसे मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना से जोड़ा जाएगा। इसके लिए धन की कमी नही होगी। ग्रामीण कार्य विभाग को बाजार से टोला सम्पर्क योजना के लिए ऋण जरूरत के मुताबिक लेने का निर्देश दिया गया है, राज्य सरकार उसके लिए ब्याज चुकता करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना या अन्य किसी भी योजना के तहत अब तक जो सड़कें पूरे बिहार में बनी हैं या बनेगी, उनके रखरखाव के लिए नईं नीति बनाई गई है। इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी भी दे दी गयी है और अब इसका पालन होगा। उन्होंने कहा कि गांवों की स्थिति को देखते हुए अब ग्रामीण सड़कों को भी चैड़ा और मजबूत बनाया जाएगा ताकि लोग बुलंदी से आ-जा सकें। उन्होंने कहा कि जो सड़कें बची हैं उन पर अगले साल काम शुरू होगा और 2020 तक बिहार में सड़कों का काम पूरा करने के साथ ही जर्जर सड़कों की स्थिति दुरुस्त की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय योजना के माध्यम से हर घर नल का जल, हर घर पक्की गली-नाली, हर घर शौचालय सहित अन्य बुनियादी सुविधाएं लोगों तक पहुंचाई जा रही हैं। अब तक सात निश्चय में से दो निश्चय राज्य सरकार की सेवाओं में महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण तथा हर घर बिजली कनेक्शन का काम पूरा हो गया है। हर घर बिजली पहुंचाने का लक्ष्य 31 दिसंबर 2018 निर्धारित था, जिसे दो महीने पहले ही पूरा कर लिया गया।

उन्होंने कहा कि जब हम सांसद और केंद्र में मंत्री थे तो प्रतिदिन 10 से 18 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता था लेकिन अब हमने प्रत्येक ग्राम पंचायत में 4 से 10 लोगों के बैठने की क्षमता वाले 5 वाहन क्रय कराने की नई स्कीम तैयार की है, इसके लिए राज्य सरकार प्रति वाहन एक लाख रुपये की आर्थिक मदद देगी। इस सुविधा का लाभ अनुसूचित जाति एवं जनजाति के तीन एवं अति पिछड़ा वर्ग के दो लोगों को दिया जायेगा। हम विकास का एक-एक काम नई-नई योजनाएं बनाकर कर रहें हैं और करते रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज सुधार के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है और शराबबंदी लागू कर हमने समाज सुधार की बुनियाद रखी है। इसका सबसे ज्यादा फायदा गरीब लोगों को हुआ है जो अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा शराब में गंवा देते थे, शराब पीकर घर मे झगड़ा करते थे। अब इन सब चीजों पर रोक लगी है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग गड़बड़ करने में लगे रहते हैं। चंद लोगों की मानसिकता गलत करने की होती है।

गड़बड़ करने वालों का साथ देने में कुछ सरकारी तंत्र के लोग भी लगे हुये हैं, ऐसे लोगों पर कार्रवाई हो रही है। सभा मे शामिल लोगों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जगह बिजली के खम्भों पर टेलीफोन नम्बर लिखा हुआ है, उस नम्बर पर आप गड़बड़ करने वालों की सूचना दे सकते हैं, सूचना देने वालों का नाम गोपनीय रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि हत्या के मामले में कानून बना हुआ है, जिसके तहत फांसी और आजीवन कारावास की सजा भी दी जाती है बावजूद इसके लोग ऐसे अपराध करते हैं। शराबबंदी के मामले में आपकी सजगता निरंतर आवश्यक है। सरकार और कानून भी अपना काम कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल-विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ सशक्त अभियान चलाया जा रहा है। बाल विवाह और दहेज प्रथा को आप सभी मिलकर रोकिये। जब आप मन बना लीजियेगा तो यह जरूर बंद हो जायेगा। जनसभा में आये लोगों से अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी न दहेज लें, न दहेज दें और न ही दहेज का लेन-देन कर होने वाली शादी में शामिल हों, ऐसा करेंगे तो यह स्वतः ही बंद हो जाएगा। उन्होंने कहा कि दहेज का प्रचलन पहले सम्पन्न घरानों तक ही सीमित था लेकिन अब यह गरीब परिवारों तक फैल चुका है। दहेज देने के डर से गरीब परिवार के लोग अपनी लड़की की शादी कम उम्र में ही कर देते हैं। कम उम्र में गर्भधारण करने से वे या तो मौत की शिकार हो जाती है या उनसे जो बच्चे पैदा होते हैं वे मंदबुद्धि या बौनेपन के शिकार होते हैं इसलिए इसे हर हाल में रोकिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के सषक्तिकरण की दिषा में आगे बढ़ने वाला बिहार पहला राज्य है, जहां पंचायती राज और नगर निकाय के चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया। स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया। उन्होंने कहा कि आज कल झगड़ा लगाने वाले काफी सक्रिय हो गए हैं, उनसे सजग रहिये। विकास का पूरा लाभ तभी मिलेगा जब आप समाज में शांति, प्रेम और भाईचारे के साथ रहिएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज फुहिया घाट पर एक उच्चस्तरीय पुल निर्माण का कार्य प्रारंभ हो गया है। उन्होंने कहा कि जब हम यहाँ हेलीकॉप्टर से उतर रहे थे तो देखा कि फुहिया घाट के पूरब पुलिया और दर्जिया दो अलग-अलग बांध हैं, जिसे एक उच्चस्तरीय पुल के माध्यम से जोड़ने का भी हमने निर्णय लिया है ताकि बांध के आस-पास रहने वाले लोगों को आवागमन की सुविधा आसानी से उपलब्ध हो सके। इसके लिए बहुत जल्द इंजीनियर आकर डी0पी0आर0 तैयार करेंगे और 26 जनवरी के पहले इसकी मंजूरी ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा ले ली जाएगी। जनसभा में मौजूद लोगों को मुख्यमंत्री ने दीपावली और लोक आस्था के महापर्व छठ की शुभकामनाएं भी दीं।

जनसभा को बिहार विधानसभा अध्यक्ष श्री विजय कुमार चौधरी, ग्रामीण कार्य मंत्री श्री शैलेश कुमार, भवन निर्माण मंत्री श्री महेश्वर हजारी, सांसद श्री रामनाथ ठाकुर, सांसद चैधरी श्री महबूब अली कैसर, विधायक श्री राजकुमार राय एवं ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव श्री विनय कुमार ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर विधायक श्री विद्यासागर निषाद, विधायक श्री रामबालक सिंह, विधायक श्री शशिभूषण हजारी, विधान पार्षद श्री राणा गंगेश्वर सिंह, समस्तीपुर जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती प्रेमलता, पूर्व सांसद एवं जदयू जिलाध्यक्ष श्रीमती अश्वमेघ देवी, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री राम सुमिरन सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, दरभंगा प्रमंडलीय आयुक्त श्री मयंक बड़बड़े, आई0जी0 श्री पंकज कुमार दराद, डी0आई0जी0 श्री विनोद कुमार, जिलाधिकारी श्री चन्द्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक सुश्री हरप्रीत कौर सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं आम लोग उपस्थित थे।
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