• December 5, 2017

राज्य सरकार के 4 साल— विकास एवं जनकल्याण की प्रतीक योजनाएं

राज्य सरकार के 4 साल— विकास एवं जनकल्याण की प्रतीक योजनाएं

जयपुर –(-गुलाब बत्रा)———– स्वाधीनता संग्राम में राजस्थान सहित देश के विभिन्न अंचलाें में निकाली जाने वाली प्रभात फेरियों, सभाओं, रैली इत्यादि में गाया जाने वाला एक गीत अत्यंत लोकप्रिय हुआ। इस गीत के बोल थे-झंडा ऊँचा रहे हमारा-विजयी विश्व तिरंगा प्यारा। इसी क्रम मेंं क्रांतिकारी विजय सिंह पथिक का लिखा गीत प्राण मित्रों भले ही गंवाये, पर न ये झंडा नीचे झुकने पाये-गीत भी लोकप्रिय हुआ। बदली हुई परिस्थितियों में यह झंडा विकास के नये आयाम से जुड़ी फ्लेगशिप योजनाओं का प्रतीक बन गया है।

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से विकास के लिए विभिन्न कार्यक्रम हाथ मेंं लिए गए। इनकी समीक्षा करते हुए विकास आधारित योजनाओं मेंं नए आयाम जोड़े गये। एक लम्बी अवधि तक यह सिलसिला चला। अब समग्र विकास के रूप मेंं फ्लेगशिप योजनाओं का सूत्रपात हुआ। संसदीय प्रणाली और संघीय शासन व्यवस्था के अन्तर्गत केन्द्र तथा राज्य सरकारों ने मिल जुलकर विकास योजनाओं को जमीनी हकीकत देने की दिशा मेंं कार्य किया। भौगोलिक दृष्टि से सबसे बड़े प्रांत एवं विशेषकर पहाड़ी क्षेत्रों की तरह विशाल मरूस्थलीय इलाके को समेटे राजस्थान को केन्द्र सरकार से विशेष दर्जा देने की मांग की जाती रही है। ऎसी परिस्थितियों मेंं केन्द्र सरकार ने कई अवसरों पर विशेष अनुदान या सहायता राशि उपलब्ध करवायी है।

फ्लेगशिप योजना एक तरह की बड़ी छतरी का रूप लिए होती है, जिसमें व्यापक जन कल्याण के साथ-साथ सामुदायिक विकास का मार्ग भी प्रशस्त होता है। इन योजनाओं मेंं महिला सशक्तीकरण, निःशक्तजनों सहित समाज के विभिन्न वर्गों की परेशानियों को दूर कर अंतिम व्यक्ति को न्याय एवं राहत पहुंचाने पर विशेष बल दिया गया है। स्वयं मुख्यमंत्री, जनप्रतिनिधियों एवं सरकारी मशीनरी द्वारा फील्ड मेंं जाकर फीड बैक लेने से इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन मेंं पारदर्शिता से काम हो रहा है।

कार्य प्रक्रिया मेंं सुधार लाने और संभावित भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने मेंं भी मदद मिली है। यही नहीं इन योजनाओं के क्रियान्वयन मेंं जन सहयोग से शासन-प्रशासन तथा आम जनता के बीच विश्वास की कड़ी मजबूत हुई है और प्रशासन के स्तर पर नई कार्य संस्कृति एवं मानवीय संवेदना की भावना विकसित हुई है।

अहम बात यह भी है कि केन्द्र सरकार ने कुछ फ्लेगशिप योजनाओं का श्रीगणेश राजस्थान से किया। वहीं मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे की दूरदृष्टि एवं प्रशासनिक अनुभव तथा कुशलता से कई अनूठी योजनाओं का सूत्रपात किया गया जिसका अनुसरण विभिन्न राज्यों मेंं भी हुआ। ऎसी अभिनव योजनायें राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय एजेन्सियाें के लिए अध्ययन एवं शोध का विषय बनी और इनके बेहतर क्रियान्वयन से पिछड़ेपन से अभिशप्त राजस्थान को अग्रणी राज्याें मेंं शामिल होने का गौरव हासिल हुआ। इनमें भामाशाह योजना विशेष उल्लेखनीय है।

भारत में मुगल शासन मेंं स्वाभिमान की रक्षा के लिए भामाशाह ने महाराणा प्रताप के समक्ष अपनी सारी निधि समर्पित की थी। समाज के प्रति सरकार की जवाबदेही की इसी भावना से प्रेरित होकर श्रीमती वसुंधरा राजे के प्रथम मुख्यमंत्रित्व काल मेंं आरम्भ इस योजना को इस बार महत्वाकांक्षी स्वरूप प्रदान किया गया।

महिला सशक्तिकरण के साथ आमजन को पारदर्शी तरीके से विभिन्न राजकीय सेवाओं का सीधे लाभ पहुंचाया गया। नतीजतन एक करोड 48 लाख परिवाराें के 5 करोड़ 47 लाख सदस्यों के लिए डी.बी.टी. के माध्यम से 30 करोड़ 26 लाख रुपये नकद एवं गैर नकद ट्रांजेक्शन तथा लाभार्थियों के बैंक खातों मेंं दस हजार 852 करोड़ रुपये की धनराशि हस्तांतरित की गई।

भामाशाह योजना मेंं सामाजिक सुरक्षा पेंशन, मनरेगा भुगतान, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, जननी सुरक्षा एवं छात्रवृत्ति सुविधा का समावेश किया गया। इसी के तहत भामाशाह स्वास्थ्य योजना मेंं गरीबों को उच्च स्तर के तथा निजी चिकित्सालयों मेंं चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए राजकीय एवं निजी कुल 1 हजार 304 चिकित्सालयों को जोड़ा गया। प्रत्येक परिवार के लिए सामान्य बीमारी मद मेंं सालाना तीस हजार रुपये तथा चिन्हित गंभीर बीमारियों हेतु 3 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर किया गया।

बीमा से पूर्व की समस्त 1 हजार 715 बीमारियों को कवर करते हुए अब तक 17 लाख 21 हजार क्लेम बीमा कम्पनी को भेजे जा चुके हैं एवं 933 करोड़ रुपये की चिकित्सा सुविधाएं सुलभ करवाई जा चुकी हैं। इसी के साथ ग्रामीण क्षेत्रों मेंं 15 अगस्त 2016 से आरम्भ आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र योजना के अन्तर्गत प्रथम चरण में 295 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के रूप में विकसित किया गया है।

द्वितीय चरण में चयनित 600 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में से 286 को आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के रूप में प्रारम्भ किया गया है। इन केन्द्रों पर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध करवाकर इन्हें ‘‘वेलनेस सेन्टर‘‘ के रूप मेंं विकसित किया जा रहा है।

देश के अन्नदाता किसानों की 2022 तक आमदनी दुगुनी करने के लक्ष्य के अनुरूप प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान के सूरतगढ़ मेंं 2014-15 से राष्ट्रव्यापी मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना आरम्भ की थी। प्रदेश मेंं 78 लाख किसानों को यह कार्ड उपलब्ध कराने के साथ किसानाें को संतुलित खाद एवं उर्वरक प्रबंधन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। खेती मेंं सिंचाई पानी की जरूरत तथा पेयजल के लिए राजस्थान सरकार ने इस दिशा मेंं अनुकरणीय योजना आरम्भ की है।

भारत के लगभग दस फीसदी क्षेत्रफल को समेटे मरूस्थलीय राजस्थान मेेंं पानी की उपलब्धता महज डेढ़ प्रतिशत है। आजादी के सत्तर साल बीतने पर भी आम आदगी को पानी नसीब नहीं होने की चुनौती को स्वीकारते हुए गांवों के साथ शहरी क्षेत्रों में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान की शुरूआत की गई। दो चरणों के बाद अब तीसरे चरण की शुरूआत की जा रही है।

इस योजना ने जन अभियान का भागीरथ रूप ले लिया है। राजनीतिक दृष्टि से विरोध के बावजूद अब तक साढ़े सात हजार से अधिक गांवों मेंं 2 हजार 795 करोड़ लागत और 66 शहरी क्षेत्रों मेंं 62.37 करोड़ रुपये की लागत के 1 हजार 393 काम हाथ में लिए गए थे। जिनमें से 1 हजार 307 कार्यों को पूरा करके पेयजल के स्थायी समाधान का सफल प्रयास किया गया है। शहरी इलाकों मेंं बावड़ियों, तालाबों, जोहड़ाें इत्यादि के जीर्णोद्धार से जल संरक्षण की विरासत को भी सहेजा गया है।

अपने आप मेंं अनूठी मुख्यमंत्री राजश्री योजना बालिकाओें के उज्जवल भविष्य का प्रतीक बन गई है। भ्रूण हत्या का कलंक मिटाने और लिंगानुपात को सही करने के दिशा मेंं यह मील का पत्थर साबित होगी। सरकारी चिकित्सा केन्द्रों पर जून 2016 के बाद जन्म लेने वाली बालिकाएं इस योजना में लाभ की पात्र हैं। अब तक 7 लाख 92 हजार 811 बेटियों को इस योजना से लाभान्वित किया गया है।

इस योजना के अन्तर्गत 198 करोड़ 20 लाख रुपये की राशि अब तक वितरित की जा चुकी है। ऎसी बेटी की पहली वर्षगांठ पर ढाई हजार रुपये, सरकारी विद्यालय मेंं पहली कक्षा मेंं प्रवेश पर चार हजार रुपये, छठी कक्षा मेंं पांच हजार, दसवी मेंं 11 हजार रुपये तथा बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण करने पर 25 हजार रुपये यानि कुल 50 हजार रुपये का परिलाभ दिया जायेगा।

ग्रामीण तथा शहरी गौरव पथ योजना के तहत नगरीय शासन एवं ग्राम पंचायत स्तर पर नालियों सहित सीमेंंट सड़कों का निर्माण किए जाने से सुचारू आवागमन संभव हुआ है। खाद्यान्न सुरक्षा की दृष्टि से सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पारदर्शी एवं मजबूत बनाने के लिए सरकार ने प्रभावी कदम उठाये है।

अन्नपूर्णा भंडार योजना के तहत उचित मूल्य की दुकानों पर मल्टी ब्रांड की उपभोक्ता वस्तुओं की उपलब्धता से राशन विक्रेता की अतिरिक्त आमदनी का उपाय किया गया है। ऎसे 5 हजार 919 भंडार खोले गये हैं तथा 25 हजार पंजीकृत पोस मशीनें लगाकर राशन वस्तुओं की कालाबाजारी की रोकथाम के प्रयास किए गए है।

युवाओं की रोजगार समस्या के समाधान के लिए राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम ने विभिन्न ट्रेड्स मेंं दो लाख 8 हजार युवाओं को प्रशिक्षण दिया है। इसके अलावा एक लाख 50 हजार सरकारी नौकरियों के अलावा 11 लाख 50 हजार युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गये हैं।

लालकिले से प्रधानमंत्री ने स्वच्छता का आहवान किया था। स्वच्छ भारत मिशन के तहत राजस्थान को 2017-18 तक खुले में शौच से मुक्त बनाने का संकल्प है। कुल 9 हजार 891 ग्राम पंचायताें मेंं 71 फीसदी पंचायतें खुले में शौच से मुक्त हो गई हैं तथा 83 लाख 58 हजार 831 शौचालय विहीन परिवारों मेंं से 73 लाख 75 हजार परिवार शौचालय सुविधा का लाभ लेने लगे हैं।

अजमेर, चित्तौडगढ़, बीकानेर, चूरू, झुंझूनूं एवं पाली जिले की सभी ग्राम पंचायतें खुले में शौच से मुक्त हैं। शहरों मेंं दो लाख 87 हजार शौचालयों के निर्माण के साथ शहरों को भी इस कलंक से मुक्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

फ्लेगशिप योजनाओं मेंं निःशक्तजनों को राहत देने के लिए पं.दीनदयाल उपाध्याय विशेष योग्यजन शिविर लगाकर लगभग 8 लाख 77 हजार विशेेष योग्यजनों का पंजीयन किया गया। इसके अतिरिक्त 47 हजार 646 विशेष योग्यजनों को निःशक्तता प्रमाण पत्र भी जारी किये गए हैं। इन्हें कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण उपलब्ध कराने के लिए मार्च तक शिविर लगाये जायेंगे।

इसी प्रकार ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्राें में शिविर लगाकर पट्टा वितरण अभियान को गति दी गई। राजस्व लोक अदालत न्याय आपके द्वार अभियान मेंं किसानों एवं ग्रामीणों के अपने स्वामित्व खातेदारी अधिकार एवं उत्तराधिकार सम्बन्धी विवादों का निस्तारण किया गया। आंकड़े देखें तो 95 लाख से अधिक प्रकरणों एवं लम्बित पुराने 2 लाख 15 हजार प्रकरणों का निपटारा कर आमजन को राहत दी गई।

राजस्थान सम्पर्क पोर्टल के माध्यम से आमजन को ऑनलाइन शिकायतें दर्ज कराने की सुविधा देकर 17 लाख 27 हजार दर्ज परिवादों मेंं से 15 लाख 30 हजार प्रकरण निस्तारित किए गए हैं। इस प्रकार फ्लेगशिप योजनाएं राजस्थान को प्रगति पथ पर अग्रसर करने मेंं अहम भूमिका निभा रही है।

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