राज्य सच्चे ग्राम स्वराज के लिए पंचायती राज संस्थानों को शक्तियां प्रदान करें: बीरेन्द्र सिंह

राज्य सच्चे ग्राम स्वराज के लिए पंचायती राज संस्थानों को शक्तियां प्रदान करें: बीरेन्द्र सिंह

केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री बीरेन्द्र सिंह ने कहा है कि जमीनी स्तर पर लोकतंत्र तथा ग्राम स्वराज के लक्ष्य को हासिल करने की संयुक्त जिम्मेदारी केन्द्र तथा राज्यों की है।

श्री सिंह आज पंचायती राज दिवस के अवसर पर एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संविधान में पंचायती राज संस्थानों को प्रशासनिक तथा वित्तीय शक्तियां देने का प्रावधान है। लेकिन अनेक राज्य ऐसी शक्तियां देने में उदासीन है।

श्री सिंह ने कहा कि 14वें वित्त आयोग ने 2015-2020 के लिए पंचायतों को 200,292.2 करोड़ रुपये दिया है। यह 13वें वित्त आयोग के अनुदान से साढ़े तीन गुना से भी अधिक है। 13वें वित्त आयोग ने स्थानीय निकायों के लिए विभाजीय पूल के प्रतिशत की सिफारिश की थी और पंचायतों के लिए 63,051 करोड़ रुपये दिया था।

13वें वित्त आयोग की अनुदान तीन स्तरीय पंचायतों यानी जिला, ब्लॉक तथा ग्राम पंचायत के लिए था जबकि 14वें वित्त आयोग की अनुदान केवल पंचायतों के लिए है। ग्राम पंचायत स्तरों पर अब पांच वर्षों के लिए प्रति व्यक्ति 2,404 रुपये तथा औसत ग्राम पंचायत के लिए प्रतिवर्ष 17 लाख (पांच वर्षों के लिए 85 लाख रुपये) धन उपलब्ध होगा। उन्होंने बताया कि उनका मंत्रालय ग्राम पंचायत के आकार के अनुपात में धन देने पर विचार कर रहा है।

इस अवसर पर पंचायती राज राज्यमंत्री श्री निहाल चन्द ने कहा कि 14वें वित्त आयोग की अनुदान राशि स्वच्छता, पेय जल, सामुदायिक संपत्ति के रख रखाव पर खर्च की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए पंचायतों को योजना बनानी होगी ताकि बुनियादी सेवाएं समाज के वंचित लोगों सहित सभी को मिलें। विभिन्न श्रेणियों में पंचायतों के प्रदर्शन के लिए विशेष पुरस्कार दिये गये।

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