- September 4, 2016
राजस्थान स्टाम्प अधिनियम से गोशालाओं का कायाकल्प
जयपुर- 4 सितम्बर। पशुपालन एवं गोपालन मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी ने बताया कि राजस्थान स्टाम्प अधिनियम के तहत संग्रहित अधिभार से प्रदेश की गोशालाओं का कायाकल्प किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस अधिभार राशि का उपयोग राज्य की पंजीकृत गाशालाओं, नगर निकायों और पंचायती राज संस्थाओं द्वारा संचालित गो पुर्नवास केन्द्रों तथा कांजी हाउसों के विकास पर भी होगा।
श्री सैनी ने बताया कि गोरसंरक्षा एवं संवद्र्धन निधि के संचालन के लिए नियम बनाए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री महोदया ने अपने बजट भाषण में गायों के संरक्षण एवं संवद्र्धन के लिए स्टाम्प अधिनियम में अधिभार लगाने की घोषणा की थी। इस अधिभार से संग्रहित शुल्क से गोशालाओं को आत्मनिर्भर और स्वाबलंबी बनाने के प्रयास किए जाएंगे।
प्रथम चरण में इस राशि से प्रदेश की लगभग 200 गोशालाओं में आधारभूत ढांचों का निर्माण करवाया जाएगा। देशी गौवंश के नस्ल सुधार के लिए लागू होगी कामधेनू वेंचर कैपीटल स्कीम गोपालन मंत्री श्री सैनी ने बताया कि दशी गौवंश के संरक्षण, संवद्र्धन व नस्ल सुधार के लिए कामधेनू वेंचर कैपीटल स्कीम शुरू की जाएगी।
इस योजना के तहत देशी गौवंश की उच्च संततियों को बचाया जाएगा और उनका नस्ल सुधार किया जाएगा। इस योजना के माध्यम से दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने और पंच गव्य उत्पादन वृद्धि पर जोर दिया जाएगा।
गोशालाओं के विकास के लिए संचालित होगी गोशाला विकास योजना गोपालन मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी ने बताया कि गोशालाओं के सर्वांगीण विकास के लिए गोशाला विकास योजना संचालित की जाएगी। असहाय और वध से बचाए गए गौवंश का पालन पोषण भी इस योजना के तहत किया जाएगा।
इस योजना के तहत गोशालाओं में आधारभूत ढांचों का निर्माण किया जाएगा, ताकि गौवंश के लिए आवास, छाया और स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था हो सके। उन्होंने बताया कि गाशालाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए वर्मीकम्पोस्ट इकाईयां निर्मित की जाएंगी और बायोगैस संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।
इन गाशालाओं के लिए चिलिंग मिल्क वाहन और स्वचालित दुग्ध मशीनों की खरीद की जाएगी। गोेशाला विकास योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिला गोपालन समितियों और उपखंड स्तरीय गोपालन समितियों का गठन किया जाएगा।