• April 10, 2015

राजस्थान राज्य बस टर्मिनल विकास प्राधिकरण विधेयक, 2015 पारित

राजस्थान राज्य बस टर्मिनल विकास प्राधिकरण विधेयक, 2015 पारित

जयपुर-  परिवहन मंत्री श्री यूनुस खान ने विधेयक को सदन में विचारार्थ प्रस्तुत किया। विधेयक पर हुई बहस के बाद श्री खान ने कहा कि यात्रियों को अधिकतम आराम और सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए बस टर्मिनलों के निर्माण और उन पर सुविधाओं के  विकास, उन्नयन, संधारण एवं प्रबन्धन की आवश्यकता है। इसीलिए राजस्थान राज्य बस टर्मिनल विकास प्राधिकरण का गठन किया जाएगा।  उन्होंने कहा कि यह विधेयक राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के साथ-साथ पूरी सड़क परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने के लिए लाया गया है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के 92 बस अड्डे सहित 225 बस अड्डे किसी ने किसी तरह सूचीबद्घ है, इनमें नगर निकायोंं के 80, पंचायतों के 35 एवं दानदाताओं एवं अन्य प्रकार के कुल 18 बस अड्डे शामिल है। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में बस अड्डों पर छाया, पानी, शौचालय आदि सुविधाओं की स्थिति ठीक नहीं है।

45 हजार 496 गांवों मेें बस स्टेण्डों के निर्माण या संधारण के लिए कोई एजेंसी नहीं है। उन्होंने बताया कि नगर पालिका क्षेत्रों में भी बस स्टेण्ड तो बना दिए गए हैं लेकिन उनके संधारण के लिए नियम-कायदों का अभाव है। ऐसे में राजस्थान राज्य बस टर्मिनल विकास प्राधिकरण के निर्माण से राज्य सरकार की स्पष्ट मंशा है कि राज्य की जनता को बस टर्मिनलों पर पीने के लिए शुद्घ पानी, बैठने के लिए छायादार जगह और स्वच्छ शौचालय जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।

उन्होंने बताया कि जिस प्रकार हवाई अड्डे पर निजी और सरकारी दोनों प्रकार के विमान संचालित होते हैं, बस टर्मिनलों का भी उपयोग दोनों क्षेत्रों के बस संचालकों द्वारा किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि राज्य में प्रतिदिन करीब 50 लाख यात्री सफर करते हैं। इनमें से 10 से 12 प्रतिशत रेलवे का उपयोग करते हैं एवं शेष यात्री रोडवेज एवं निजी बसों का उपयोग करते हैैं।

पथ परिवहन निगम की करीब 4 हजार 5 सौ बसें राष्ट्रीयकृत राजमार्गों के केवल 12 प्रतिशत पर संचालित हैं जबकि शेष आवश्यकता की पूर्ति 39 हजार से अधिक निजी बसों से होती है। बेहतर परिवहन व्यवस्था के लिए इन सभी का प्रबन्धन अपरिहार्य है।

श्री खान ने बताया कि  प्राधिकरण का गठन परिवहन सेवाओं के बेहतर प्रबन्धन के लिहाज से किया जा रहा है और इसमें कोई व्यावसायिक पक्ष शामिल नहीं है। प्राधिकरण को हस्तांतरित की जाने वाली परिसम्पत्तियां पहले राज्य सरकार को हस्तांतरित होंगी। इसके बाद ही सरकार उन्हें प्राधिकरण को सौंपने पर निर्णय करेेगी।

उन्होंने बताया कि प्राधिकरण के गठन से राज्य पथ परिवहन निगम पर प्रतिकूल प्रभाव की आशंका निर्मूल है। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने वर्ष 2014-15 के बजट में स्पष्ट कहा था कि राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम को बंद नहीं किया जाएगा।

श्री खान ने कहा कि राजस्थान पथ परिवहन निगम के कर्मचारियों के हितों का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा, इसके लिए किसी को कोई शंका रखने की जरूरत नहीं है। राजस्थान राज्य बस टर्मिनल विकास प्राधिकरण का गठन और कियान्वयन चरणबद्घ रूप से होगा और इसके नियमों-उपनियमों का निर्माण करते समय भी सभी व्यावहारिक पक्षों का ध्यान रखा जाएगा।

इससे पहले सदन ने सदस्यों द्वारा विधेयक को जनमत जानने के लिए परिचारित करने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।

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