• July 29, 2016

राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग

राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग

जयपुर———–राजस्थान के सहकारिता मंत्री श्री अजय सिंह किलक ने सहकारी साख संस्थाओं को वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराने में राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा देने का आग्रह किया है। श्री किलक ने बताया कि उन्होंने स्वयं इस विषय पर नाबार्ड चेयरमेन से बात की है और राज्य के सहकारिता सचिव श्री अभय कुमार अपेक्स बैंक नाबार्ड में पुरजोर तरीके से राजस्थान का पक्ष रखने को मुंबई गए हैं।

सहकारिता मंत्री श्री किलक ने नाबार्ड द्वारा केवल 40 प्रतिशत ही रिफायनेंस सुविधा उपलब्ध कराने के निर्णय पर असंतोष व्यक्त करते हुए नाबार्ड से सहकारी साख संस्थाओं को रियायती दर पर अधिक रिफायनेंस सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है। उन्हाेंने कहा कि राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य होने के साथ ही यहां की भौगोलिक स्थिति अन्य प्रदेशों की तुलना में अलग तरीके की है। खेती मानसून पर निर्भर है और भूजल का स्तर लगातार गिर रहा है। ऎसे में प्रतिकूल मानसून का सीधा असर काश्तकारों पर पड़ता है।

उन्होंने कहा कि इसके बावजूद काश्तकारों को ब्याजमुक्त फसली सहकारी ऋण वितरण में राजस्थान समूचे देश में अग्रणी प्रदेश है। वहीं देश में राजस्थान ही नाबार्ड से सबसे अधिक रिफायनेंस सुविधा प्राप्त करने वाला प्रदेश है। राज्य में इस वर्ष काश्तकारों को 13 हजार करोड़ रुपए के ब्याजमुक्त फसली सहकारी ऋण वितरण का कार्यक्रम बनाया है जिसमें से खरीफ में ही अब तक 20 लाख से अधिक काश्तकारों को 8 हजार करोड़ रुपए से अधिक के फसली सहकारी ऋण वितरित किए जा चुके हैं।

श्री अजय सिंह किलक बताया कि सहकारी बैंकों के निजी संसाधनों की राशि को फसली ऋण वितरण में लगाने से बैंकों की वित्तीय स्थिति प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि काश्तकारों के हित में नाबार्ड को तत्काल प्रभाव से सहकारी बैकों को रिफायनेंस सुविधा बढ़ाने और रियायती दर पर वित्तीय सहायता उपलब्ध करानी चाहिए।

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