• November 23, 2018

राजगीर में गुरू नानक देव जी का 550वां जन्मोत्सव प्रकाष पर्व की तरह धूमधाम से मनाया जायेगा:- मुख्यमंत्री

राजगीर में गुरू नानक देव जी का 550वां जन्मोत्सव प्रकाष पर्व की तरह धूमधाम से मनाया जायेगा:- मुख्यमंत्री

गुरु पूर्णिमा पर तख्त श्री हरमंदिर साहिब में मुख्यमंत्री ने मत्था टेका
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पटना———– – मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने गुरु पूर्णिमा के दिन तख्त श्री हरमंदिर साहिब में मत्था टेकने के बाद प्रकाश पुंज की परिक्रमा की। तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के जत्थेदार ग्रंथी श्री ज्ञानी इकबाल सिंह जी ने मुख्यमंत्री को सरोपा एवं तलवार भेंटकर उनका स्वागत किया। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर तख्त श्री हरमंदिर साहिब में उमड़े सिख श्रद्धालुओं का मुख्यमंत्री ने हाथ जोड़कर अभिनंदन किया।

पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु गोविन्द सिंह जी महाराज की स्मृति में उनके प्रति श्रद्धा निवेदित करने के लिए 350वां प्रकाश पर्व और शुकराना समारोह आयोजित किया गया था। प्रकाश पर्व होता रहा है और आगे भी होता रहेगा। उसमें राज्य सरकार की तरफ से पूरा सहयोग रहेगा। प्रथम गुरु गुरुनानक देव जी का आज जन्म दिवस है इसलिए इस अवसर पर हमलोग श्रद्धा निवेदित करने आये हैं।

उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी का संबंध पटना साहिब से बहुत पुराना है। यहाँ जो गायघाट है, उसका बहुत महत्व है। गुरु नानक देव जी जब यहाॅ आये थे, तब वे यहां रुके थे। उनके शिष्य जैतामल जी मुक्ति चाहते थे। गुरु नानक देव जी महाराज ने कहा था कि हम फिर आयेंगे और नौवें गुरु के रूप में आयेंगे। गुरुनानक देव जी के जाने के बाद वे पूजा करते रहे। जैतामल जी प्रतिदिन गंगा स्नान करते थे और पूजा-पाठ करते थे। जब उनकी उम्र इतनी अधिक हो गई कि वो गंगा स्नान करने में असमर्थ हो गये तो उन्होंने गंगा माता का स्मरण किया।

माँ गंगा गाय के रूप में प्रकट हुयीं और प्रतिदिन गाय के रूप में आकर उन्हें स्नान कराती थीं। गुरु तेग बहादुर सिंह जब वहां पर आये तो जैतामल जी से दरवाजा खोलने को कहा गया, इस पर जैतामल जी ने कहा कि जब गुरु हंै तो फिर दरवाजा खोलने की क्या आवश्यकता है ? वे खिड़की के माध्यम से अंदर प्रवेश करके उसी स्थान पर बैठे, जहाँ गुरुनानक देव जी बैठे थे। उसके बाद जैतामल जी को मुक्ति मिल गई। उन्होंने कहा कि गंगा किनारे माँ गंगा जैतामल जी को गाय के रूप में आकर प्रतिदिन उन्हें स्नान कराती थीं इसलिए इस जगह का नाम गायघाट पड़ गया।

गायघाट से गुरु नानक देव जी और गुरु तेग बहादुर जी का गहरा संबंध है। यहीं गुरु गोविन्द सिंह जी महाराज का जन्म हुआ। सिख समाज में जो पाँच प्रमुख स्थल माने जाते हैं, उसमंे से पटना साहिब भी एक स्थल है। हर वर्ष लोग नियमित रूप से यहाँ आते हंै और प्रकाश पर्व के अवसर पर तो लोग बड़ी संख्या में यहाँ आये थे। इस बार भी जो प्रकाश पर्व होगा, उसमें राज्य सरकार पूरा सहयोग करेगी ताकि जो भी आये उन्हें किसी प्रकार का कष्ट न हो। उन्होंने कहा कि प्रकाष पर्व की तरह ही गुरू नानक देव जी का 550वां जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन अगले वर्ष 12 नवम्बर को गुरू नानक देव जी के जन्म का 550वां वर्ष होने वाला है। गुरु नानक देव जी तो अन्य जगहों पर भी गये थे। वे राजगीर भी गये थे। राजगीर के सारे कुंड में गर्म पानी है। जब गुरु नानक देव जी कुंड के पास गये तो लोगों ने उन्हें बताया कि यह गर्म कुंड है। जैसे ही गर्म कुंड से उनका स्पर्ष हुआ तो वहां का कुंड शीतल हो गया।

उस स्थल को गुरु नानक शीतल कुंड कहा जाता है। उस स्थल पर भी एक गुरुद्वारा का निर्माण होगा। यहाँ के साथ-साथ केंद्र सरकार के वाइल्ड लाइफ बोर्ड से भी इसे स्वीकृति मिल चुकी है। सेवादार लोग वहां गुरूद्वारा बनाना चाहते थे, जिसे देखते हुये हमलोगों ने पूरा सहयोग कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमलोगों की यही इच्छा है कि 550वें वर्ष तक वहां गुरुद्वारे का निर्माण हो जाय। गुरु नानक देव जी राजगीर गये, इसका न सिर्फ धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक महत्व भी है इसलिए स्वाभाविक है कि 550वां वर्ष राजगीर में ही मनाया जाएगा।

इस अवसर पर पथ निर्माण मंत्री श्री नंदकिषोर यादव, तख्त श्री हरमंदिर साहिब के जनरल सेक्रेटरी श्री महेंद्र पाल सिंह ढिल्लन, प्रधान सचिव पर्यटन श्री रवि मनु भाई परमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं बड़ी संख्या में सिख श्रद्धालु उपस्थित थे।

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