- January 11, 2015
मेघालय : 50 करोड़ टन कोयला : जोखिम में जान
गरीबी इंसान से क्या नहीं कराती. भारत के कई हिस्सों में लोग अपना पेट भरने के लिए अवैध खदानों में काम करते हैं. उत्तर पूर्वी राज्य मेघालय में भी हालात ऐसे ही हैं.
पूर्वोत्तर भारत के मेघालय प्रांत में जमीन के भीतर 50 करोड़ टन कोयला मौजूद है. कई निजी कंपनियां भी यहां से कोयला निकालने का काम कर रही हैं.
इन खदानों से आज भी पारंपरिक रूप से कोयला निकाला जाता है. सीढ़ी लगा कर मजदूर नीचे उतरते हैं और फिर पीठ पर कोयला ढो कर दो फीट ऊपर आते हैं.
ये मजदूर खून पसीना बहा कर अपना पेट पालते हैं. सुरक्षा के आधुनिक इंतजाम नहीं होने के कारण यहां अक्सर दुर्घटनाएं भी होती हैं.
अक्टूबर में मेघालय सरकार ने कहा कि पिछले छह सालों में बांग्लादेश से आए 20,000 लोगों की शिनाख्त की गयी है जो अवैध रूप से यहां काम कर रहे हैं.
मेघालय के मुख्यमंत्री ने खनन नीति को सिरे से बदलने की सरकारी योजना की घोषणा की लेकिनं फिलहाल यह महज एक कागजी घोषणा है.
जान जोखिम में डाल कर कोयला खदानों में काम करने की एक वजह यह भी है कि यहां मजदूरी कर लोग महीने के पांच से दस हजार रुपये कमा लेते हैं.
दूर किसी गांव से घर बार छोड़ यहां काम करने आए किसी मजदूर से जब वजह पूछो, तो जवाब मिलता है, “भूखे मरने से तो जान जोखिम में डालना भला.”