- July 19, 2016
महिला और पुरूष की समान भागीदारी सतत् विकास के लिए आवश्यक:-राज्यपाल आचार्य देवव्रत
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि महिला और पुरूष की समान भागीदारी सतत् विकास के लिए आवश्यक है। राज्यपाल आज नालागढ़ में सात दिवसीय दुर्गा वाहिनी प्रान्तिय शौर्य प्रशिक्षण एवं व्यक्तित्व विकास शिविर के समापन अवसर पर उपस्थित लड़कियों एवं अन्य को सम्बोधित कर रहे थे।
आचार्य देवव्रत ने कहा कि नारी शक्ति का प्रतीक है और प्राचीन वैदिक परम्परा में नारी को पुरूष के समकक्ष स्थान दिया गया था। उन्होंने कहा कि मध्यकाल में सामाजिक संरचना में नकारात्मक बदलाव हुआ और इस दौरान महिलाओं की स्थिति में गिरावट आई। इस समयावधि में देश में अनेक सामाजिक कुरीतियां भी पनपी। उन्होंने कहा कि मध्यकाल में ही राजा राम मोहन राॅय, स्वामी दयानन्द सरस्वती तथा स्वामी विवेकानन्द जैसे समाज सुधारक एवं मनीषियों ने नारी को यथोचित सम्मान दिलाने का बीड़ा उठाया। इसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिले।
राज्यपाल ने कहा कि स्वतंत्रता के उपरान्त देश में नारी की स्थिति सुधारने की दिशा में कार्य किया गया। आज लड़कियां प्रत्येक क्षेत्र में लड़कों से आगे निकल रही हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि भविष्य में यह क्रम जारी रहेगा। उन्होंने लड़कियों से आग्रह किया कि वे सांस्कृतिक संरक्षण का बीड़ा उठाएं और देश विशेषकर हिमाचल की समृद्ध संस्कृति को सहेजें।
आचार्य देवव्रत ने कहा कि आज नशे के बढ़ते कुप्रभाव को रोकना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इसके लिए युवाओं को संस्कारवान बनाना होगा। इस कार्य में शिक्षकों एवं अभिभावकों को मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि देश और हिमाचल का नशामुक्त बनना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि युवाओं को स्वच्छता एवं पौधरोपण अभियान को पूर्ण रूप से अपनाना होगा। इस कार्य में लड़कियों की भी बराबर भूमिका है। उन्होंने लड़कियों से आग्रह किया कि वे हिमाचल को गौपालन एवं जैविक खेती का सिरमौर बनाएं। उन्होंने कहा कि हिमाचल में भी लिंगानुपात का गिरता स्तर चिन्ता का विषय है। इस दिशा में सभी को अपनी भूमिका निभानी होगी।
आचार्य देवव्रत ने कहा कि प्रदेश में शीघ्र ही 5-5 गांवों के समूह तैयार किए जायेंगे। इन गांवों में जन्मदिन, विवाह वर्षगांठ इत्यादि के अवसर पर पौधरोपण किया जाएगा। इन समूहों में पौधरोपण को व्यवहारिक बनाया जाएगा।
राज्यपाल ने इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को सम्मानित भी किया।
लड़कियों ने इस अवसर पर आत्मरक्षा एवं योग का प्रदर्शन किया।
दुर्गा वाहिनी की क्षेत्रीय संयोजिका रजनी ठुकराल ने इस अवसर पर दुर्गावाहिनी के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि दुर्गावाहिनी का गठन वर्ष 1984 में हुआ था।
इस अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद प्रदेश संगठन महामंत्री मनोज कुमार तथा दुर्गावाहिनी की हिमाचल प्रांत संयोजिका भावना ठाकुर ने भी अपने विचार रखे।
इस सात दिवसीय शिविर में 126 लड़कियों ने भाग लिया। शिविर के दौरान उन्हें सेवा, सुरक्षा, संस्कार, व्यक्तित्व विकास एवं आत्मरक्षा का प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
वजीर राम सिंह पठानिया स्मारक के संस्थापक ठाकुर बलदेव सिंह, नालागढ़ के विधायक केएल ठाकुर, नगर परिषद नालागढ़ के अध्यक्ष महेश गौतम, उपाध्यक्ष सरोज शर्मा, विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक मास्टर सुरेन्द्र, मातृ शक्ति संयोजक बिमला अंगिरथ, गुरूकुल इंटरनेशन स्कूल के प्रधानाचार्य जयदीप अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक बद्दी बीएस ठाकुर, उपमण्डलाधिकारी नालागढ़ हरिकेश मीणा सहित अन्य अधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।