मध्यप्रदेश में जेनेरिक दवाएँ नि:शुल्क

मध्यप्रदेश में जेनेरिक दवाएँ नि:शुल्क

मध्यप्रदेश स्वास्थ्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में भी देश में प्रथम स्थिति में आता जा रहा है। जहाँ कई राज्यों में जेनेरिक दवाएँ सशुल्क दी जाती हैं, वही मध्यप्रदेश इन दवाओं को नि:शुल्क उपलब्ध करा रहा है। इस वर्ष देश के 12 राज्य में पेंटावेलेंट वेक्सीन प्रारंभ होना था। मध्यप्रदेश इस टीके का प्रयोग करने वाला प्रथम प्रांत है। निर्धारित शेड्यूल के अनुसार वर्ष 2012 में देश के 2 प्रांत, वर्ष 2013 में 6 प्रांत और वर्ष 2014 में 12 प्रांत बच्चों को जिंदगी देने वाली इस वेक्सीन को प्रारंभ करने के लिये चयनित किये गये हैं। मध्यप्रदेश ने सबसे पहले इसकी शुरूआत की है।

विश्व में करीब 20 लाख सालाना और देश में करीब 72 हजार बच्चों को प्रतिवर्ष असमय मृत्यु से बचाने में उपयोगी पेंटावेलेंट वेक्सीन के प्रयोग में मध्यप्रदेश के अव्वल आने की आज समन्वय भवन में आयोजित कार्यक्रम में विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भी प्रशंसा की। डॉ. सुश्री नाटा ने बच्चों को रोग मुक्त बनाने के प्रयास की प्रशंसा की और मध्यप्रदेश सरकार को बधाई दी। श्री डेविड ने वर्ष 2011-12 के पश्चात मध्यप्रदेश में टीकाकरण प्रतिशत में 8 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के बाद 70 प्रतिशत तक पहुँचने की उपलब्धि की तारीफ की। पेंटावेलेंट वेक्सीन मध्यप्रदेश में लांच होने के बाद 5 साल तक के बच्चों की बीमारियों से मृत्यु में 4 प्रतिशत की गिरावट आयेगी।

उल्लेखनीय है कि शिशुओं को पाँच रोग से बचाव का कार्य पेंटावेलेंट वेक्सीन नाम के एक ही टीके से संभव होगा। डिप्थीरिया, काली खाँसी, टेटनस, हेपेटाइटस-बी और हिब जैसी जानलेवा बीमारियों से बच्चों की सुरक्षा के लिए यह टीका तीन बार लगाया जाएगा। पहला टीका शिशु के जन्म के डेढ़ माह बाद, दूसरा टीका ढाई माह बाद और तीसरा टीका शिशु के जन्म के साढ़े तीन माह बाद लगाने की व्यवस्था रहेगी। जीरो डोज के रूप में संस्थागत प्रसव प्रश्चात जन्में सभी शिशुओं के जन्म के 24 घंटे में बीसीजी, हिपेटाइटिस-बी के साथ पोलियो की खुराक दिया जाना जारी रहेगा । इसी तरह शिशुओं को 9 से 12 माह के प्रथम मीजल्स टीकाकरण के बाद बूस्टर खुराक 16 से 24 माह की उम्र में दी जाने वाली डीपीटी, पोलियो, मीजल्स दूसरी खुराक और 5 से 6 वर्ष की उम्र में दी जाने वाली डीपीटी की बूस्टर खुराक पूर्व की तरह जारी रहेगी।

अशोक मनवानी

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