भारत में फरवरी तक आ सकती है कोविड टीके की पहली खेप

भारत में फरवरी तक आ सकती है कोविड टीके की पहली खेप

सोहिनी दास (मुंबई) अगर सब कुछ ठीक रहा तो भारत में टीके की पहली खुराक फरवरी के आस-पास आ सकती है। सूत्रों के अनुसार इस बात की संभावना है कि देश का औषधि विनियामक जनवरी के अंत तक टीके के कम से कम एक उम्मीदवार को आपातकालीन उपयोग अधिकार (ईयूए) जारी कर सकता है और इसके बाद प्राथमिकता वाली सूची में शामिल लोगों का टीकाकरण करने के लिए सरकार द्वारा इसकी खरीद की जाएगी।

घटनाक्रम के जानकार सूत्र का कहना है कि नीति आयोग, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के सदस्य उन क्लीनिकल परीक्षणों पर निगाह रखे हुए हैं जो अगले विकसित चरणों में हैं। उन्हें दिसंबर के आखिर तक इन परीक्षणों से कम से कम अंतरिम आंकड़े मिलने की उम्मीद है और इनके आधार पर सीडीएससीओ द्वारा जनवरी में ईयूए दिए जाने की संभावना है।

उद्योग के सूत्रों ने संकेत दिया है कि एस्ट्राजेनेका द्वारा किए गए ब्रिटेन के बड़े स्तर के परीक्षण (लगभग 30,000 व्यक्तियों पर) के आंकड़े दिसंबर तक आ जाएंगे और इसके बाद इन्हें भारतीय विनियामक को सौंपा जा सकता है। इस बीच इसकी साझेदार सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने कोविशील्ड (एस्ट्राजेनेका का टीका उम्मीदवार) के लिए अपने तीसरे चरण के वास्ते 1,600 व्यक्तियों की भर्ती पूरी कर ली है और एसआईआई दिसंबर में भारतीय शाखा के परीक्षण के अंतरिम डेटा भी प्रस्तुत कर देगी।

उद्योग के एक सूत्र ने कहा कि इस बात की संभावना है कि विनियामक इन आंकड़ों के आधार पर ईयूए की अनुमति देने पर विचार करे। जनवरी में ऐसा हो सकता है और फिर फरवरी तक कोविड-19 टीके का सरकारी टीकाकरण शुरू हो सकता है।

सिरिंज विनिर्माताओं ने भी इस समयसीमा की पुष्टि की है। आम तौर पर टीका विनिर्माता सिरिंज की खरीद नहीं करते हैं (इसकी खरीद यूनिसेफ या टीकाकरण करने वाली सरकार या एजेंसियों द्वारा की जाती है), लेकिन वे इसकी आवश्यकता के लिए समयसीमा का संकेत जरूरी देती हैं।

एक सिरिंज विनिर्माता ने कहा कि सरकार ने हाल ही में हमें तकरीबन पांच से छह करोड़ सिरिंज का ऑर्डर दिया है। सरकार ने अन्य विनिर्माताओं को भी ऑर्डर दिए हैं और कुल ऑर्डर का आकार करीब 10 करोड़ होने का अनुमान है। इन ऑर्डर की आपूर्ति जनवरी के आसपास की जाएगी। सरकार के पास पहले से ही कुछ स्टॉक (अनुमानित रूप से लगभग 15 करोड़ सिरिंज का) है।

एसआईआई पहले ही कह चुकी है कि वह भारत के लिए इस उत्पाद की शीघ्र उपलब्धता में आईसीएमआर की सहायता करेगी।

सीरम इंस्टीट्यूट के मुख्य कार्याधिकारी अदर पूनावाला ने हाल ही में संकेत दिया है कि उनकी कंपनी दिसंबर में विनियामक के पास आंकड़े सौंपेगी और ईयूए के लिए आवेदन करेगी। अगर जनवरी में मंजूरी मिलती है, तो सीरम-एस्ट्राजेनेका टीका जनवरी या फरवरी के अंत तक प्राथमिकता वाली सूची के लोगों (आवश्यक सेवा में लगे कर्मचारी, डॉक्टर और स्वास्थ्य सेवा कार्यकर्ता, असुरक्षित लोगों) के लिए उपलब्ध हो जाएगा।

एसआईआई के पास जनवरी तक टीके की 20 करोड़ खुराक तैयार होगी जिसमें से 50 प्रतिशत (लगभग 10 करोड़ खुराक) भारत के लिए होगी। तब तक यह प्रति माह लगभग 10 करोड़ खुराक निर्माण का क्षमता विस्तार कर लेगी। सरकार के लिए इस टीके के दाम 250 से 300 रुपये प्रति खुराक हो सकते हैं, जबकि एसआईआई द्वारा अप्रैल से मई या इसके बाद तक निजी बाजार में इसे 500 से 600 रुपये प्रति खुराक की दर पर बेचने के आसार हैं।

समयसीमा पर प्रतिकूल घटना का असर नहीं

हैदराबाद की भारत बायोटेक इंटरनैशनल (बीबीआईएल) ने स्वीकार किया है कि अगस्त 2020 के दौरान पहले चरण के क्लीनिकल परीक्षण में एक प्रतिकूल घटना हुई थी। यह घटना और इसकी पुष्टि होने के 24 घंटे के दौरान ही दवा विनियामक को इस बारे में सूचित कर दिया गया था। हालांकि यह घटना टीके से संबंधित नहीं थी और समयसीमा पर इसका कोई प्रभाव नहीं पडऩे वाला है।

कंपनी ने कहा कि इस प्रतिकूल घटना की पूरी तरह से जांच की गई है और यह निर्धारित किया गया है कि यह टीके से संबंधित नहीं है। इस घटना की सूचना भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) और डेटा सुरक्षा निगरानी बोर्ड तथा प्रायोजक को दी गई है।

कंपनी ने कहा कि दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण की मंजूरी लेने से पहले इस प्रतिकूल घटना की गहन जांच की गई थी और इसे सीडीएससीओ-डीसीजीआई के सामने रखा गया था। अब कंपनी तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण कर रही है और इस घटना का समयसीमा पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

बीबीआईएल ने अपने 20 साल के इतिहास में 18 देशों में 6,00,000 व्यक्तियों पर 80 से ज्यादा क्लीनिकल परीक्षण किए हैं और इन सभी क्लीनिकल परीक्षणों के लिए एक ही सूचना प्रक्रिया का पालन किया है।

(बिजनेस स्टैंडर्ड )

Related post

धोखाधड़ी, जालसाजी व जान से मारने की धमकी  : मुख्यमंत्री महोदय का  पत्र सलग्न :

धोखाधड़ी, जालसाजी व जान से मारने की धमकी : मुख्यमंत्री महोदय का पत्र सलग्न :

रमाकांत उपाध्याय (आरा )—– प्रार्थी के जमीन के साथ हुई कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर धोखाधड़ी, जालसाजी…
क्या भारत एक स्वस्थ युवाओं का देश भी है?

क्या भारत एक स्वस्थ युवाओं का देश भी है?

डॉक्टर नीलम महेंद्र : वर्तमान  भारत जिसके विषय में हम गर्व से कहते हैं कि यह…
नेहरू से हमें जो सीखना चाहिए

नेहरू से हमें जो सीखना चाहिए

कल्पना पांडे————-इतने सालों बाद हमे शर्म से ये स्वीकार कर लेना चाहिए कि धार्मिक आडंबरों, पाखंड…

Leave a Reply