2.6 करोड़ घरों में जल जीवन से पहुंचा जल

2.6 करोड़ घरों में जल जीवन से पहुंचा जल

रुचिका चित्रवंशी — विगत डेढ़ वर्षों में जल जीवन मिशन के तहत 2.6 करोड़ से अधिक परिवारों को पाइप के जरिये पेयजल मुहैया कराया जा चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उत्तर प्रदेश के 2 जिलों में ग्रामीण पेयजल आपूर्ति परियोजनाओं की आधारशिला रखते समय कहा कि इससे गांवों के विकास को एक नई तेजी मिलेगी।

अगले 2 वर्षों में इन परियोजनाओं के पूरा हो जाने की उम्मीद है। इन परियोजनाओं पर 5,555 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आने का अनुमान है। इनके पूरा हो जाने पर उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर एवं सोनभद्र जिलों के सभी 2,995 गांवों में रहने वाले करीब 42 लाख लोगों को पाइप के माध्यम से पेयजल आपूर्ति की जाएगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने इन परियोजनाओं की आधारशिला रखते हुए कहा, ‘जल जीवन मिशन ने हमारी बहनों एवं माताओं की जिंदगी को आसान बनाने का काम किया है। इसकी वजह से इन्सेफेलाइटिस और टाइफायड जैसी जल-जनित बीमारियों को बड़े पैमाने पर रोकने में भी कामयाबी मिली है और गरीब परिवारों की सेहत में सुधार आया है।’ उन्होंने कहा कि पाइप के जरिये लाखों परिवारों तक पेयजल पहुंचाने से उनके बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होगा।

उन्होंने कहा कि प्रचुर संसाधन एवं कई नदियां होते हुए भी विंध्याचल एवं बुंदेलखंड के इलाकों में अभाव की स्थिति है और उन्हें सबसे सूखाग्रस्त एवं प्यासे इलाकों के तौर पर जाना जाता है। इसकी वजह से तमाम लोगों को यहां से दूसरी जगह जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

उत्तर प्रदेश की गिनती ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप के जरिये जलापूर्ति के मामले में देश के सर्वाधिक पिछले पांच राज्यों में होती है। इसके ग्रामीण क्षेत्रों के सिर्फ छह फीसदी घरों में ही पानी के कनेक्शन उपलब्ध हैं। इस मामले में पश्चिम बंगाल, असम, लद्दाख और मेघालय की भी हालत काफी खस्ता है।

जल जीवन मिशन के तहत शुरू की गई इन दोनों परियोजनाओं से उत्तर प्रदेश के इन दोनों पिछड़े जिलों में पानी की किल्लत दूर करने और सिंचाई सुविधा मुहैया कराने में सहूलियत होगी और विकास कार्यों को भी तेजी मिलेगी। मोदी ने कहा, ‘आत्म-निर्भर भारत को आत्म-निर्भर गांवों से ही ताकत मिलती है। जब अपने गांव के विकास के लिए किसी व्यक्ति को खुद ही फैसले लेने और उन पर अमल करने की आजादी मिलती है तो उससे गांव के हरेक शख्स का भरोसा बढ़ता है।’

इन जिलों के सभी गांवों में ग्रामीण जल एवं स्वच्छता समितियां बनाई गई हैं जो परियोजना से जुड़े कार्यों को संपन्न कराने एवं उनके रखरखाव का दायित्व उठाएंगी।

सरकार ने अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में 5.8 करोड़ पानी कनेक्शन मुहैया कराए हैं जिससे करीब 30 फीसदी ग्रामीण परिवारों तक यह सुविधा पहुंच गई है। देश में केवल गोवा ही इकलौता राज्य है जहां सौ फीसदी परिवारों को पाइप के जरिये पानी पहुंचाया जाता है। बिहार, पुदुच्चेरी और तेलंगाना में भी अगले साल के अंत तक सौ फीसदी जलापूर्ति का लक्ष्य हासिल कर लिए जाने की संभावना है। इस अभियान पर करीब 3.60 लाख करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है जिसमें केंद्र सरकार का हिस्सा 2.08 लाख करोड़ रुपये का होगा।

(बिजनेस स्टैंडर्ड)

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