• December 31, 2015

भारत-ऑस्‍ट्रेलिया असैन्‍य परमाणु सहयोग समझौते की समीक्षा

भारत-ऑस्‍ट्रेलिया असैन्‍य परमाणु सहयोग समझौते  की समीक्षा

पेसूका ०००००००००००००००००      प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने 13 नवम्‍बर, 2015 को प्रभाव में आए भारत-ऑस्‍ट्रेलिया असैन्‍य परमाणु सहयोग समझौते के कार्यान्‍वयन के लिए प्रशासनिक प्रबंधों की समीक्षा की। ऑस्‍ट्रेलिया के साथ ईधन आपूर्ति प्रबंधन से भारत में परमाणु ऊर्जा के विस्‍तार में सहयोग के द्वारा ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में वर्ष 2015 में असैन्‍य परमाणु सहयोग के क्षेत्र में महत्‍वपूर्ण उपलब्‍धियां दर्ज की गई हैं। जापान के प्रधानमंत्री अबे की 12 दिसम्‍बर, 2015 की भारत यात्रा के दौरान द्विपक्षीय असैन्‍य परमाणु सहयोग समझौते पर एक समझौते तक इस मुद्दे पर पांच वर्ष की करीबी वार्तालापों के बाद पहुँचा गया। इस ऐतिहासिक समझौते को नेताओं के स्‍तर पर दृढ़ वचनबद्धता के द्वारा संभव बनाया गया।

अमरीका के साथ असैन्‍य परमाणु समझौते का कार्यान्‍वयन पर पुन: उस वक्‍त वार्तालाप हुआ जब प्रधानमंत्री ने 25-27 जनवरी, 2015 को राष्‍ट्रपति ओबामा की मेजबानी की। इसके पश्‍चात, इस समझौते को कार्यान्‍वित करने के लिए प्रशासनिक प्रबंध पर हस्‍ताक्षर किये जा चुके हैं और भारत का परमाणु बीमा पूल असैन्‍य परमाणु दायित्‍व पर समझौते को कार्यान्‍वित करने के लिए गठित किया गया है, जिसने 2010 के परमाणु क्षति अधिनियम के लिए भारत के असैन्‍य दायित्‍व पर अंतर्राष्‍ट्रीय और घरेलु चिंताओं का समाधान किया है। गुजरात के मीथि विरदी में एपी-1000 रिएक्‍टर की 6 इकाईयों के निर्माण के लिए एनपीसीआईएल और वैंस्‍टिंगहाऊस के बीच वाणिज्‍यिक वार्तालापों पर 2016 में अंतिम रूप दिया जाएगा।

इस वर्ष के दौरान, रूस और फ्रांस के साथ असैन्‍य परमाणु सहयोग को आगे बढ़ाया गया है। अप्रैल, 2015 में प्रधानमंत्री की फ्रांस की यात्रा के दौरान, महाराष्‍ट्र में जैतपुर परियोजना के लिए स्‍थानीयकरण को बढ़ाने के द्वारा लागत में कमी के उद्देश्‍य से मैसर्स लार्सन एंड टर्बो और मैसर्स अरीवा के बीच एक समझौते पत्र पर हस्‍ताक्षर किए गये। 22 दिसम्‍बर, 2015 को प्रधानमंत्री की रूस यात्रा के दौरान, रूसी डिजाइन वाले परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के लिए भारत में विनिर्माण के स्‍थानीयकरण हेतु संयुक्‍त कार्ययोजना पर हस्‍ताक्षर किए गये। रूस के सहयोग के साथ न्‍यूनतम 2 रिएक्‍टर इकाईयों का निर्माण किया जाएगा।

अप्रैल, 2015 में प्रधानमंत्री की कनाडा यात्रा के दौरान, यूरेनियम की दीर्घावधि आपूर्ति के लिए एक अनुबंध पर हस्‍ताक्षर के बाद, दिसम्‍बर, 2015 में यूरेनियम का पहली खेप भारत पहुँची। इसी प्रकार से जुलाई 2015 में प्रधानमंत्री की कज़ाकिस्‍तान यात्रा के दौरान यूरेनियम की खरीद के लिए एक दीर्घकालीन समझौते पर हस्‍ताक्षर किये गये। इसके अतिरिक्‍त देश में की गई पहलों के अंतर्गत, विशेष रूप से सार्वजनिक क्षेत्र की अन्‍य इकाईयों के साथ संयुक्‍त उपक्रम में शामिल होने के लिए एनपीसीआईएल को समर्थ बनाने के लिए परमाणु ऊर्जा अधिनिमय के संशोधन को संसंद के माध्‍यम से पारित करने से भारत में परमाणु ऊर्जा के विस्‍तार के लिए एक मजबूत आधारशिला बनी। अंतत: कार्यान्‍वयन के लिए एक ऊर्जावान क्षेत्र को सक्रिय रूप दिया जा चुका है।

Related post

वरिष्ठ नागरिकों को एबी पीएम-जेएवाई योजना के तहत उपचार से इनकार करने की सूचना

वरिष्ठ नागरिकों को एबी पीएम-जेएवाई योजना के तहत उपचार से इनकार करने की सूचना

नई दिल्ली: — एनएचआरसी, भारत ने कर्नाटक के बेंगलुरु में एक सरकारी अस्पताल द्वारा आयुष्मान भारत…
4-सप्ताह की शीतकालीन इंटर्नशिप-2024 जिसमें छात्रों ने व्यक्तिगत रूप से भाग लिया, का समापन

4-सप्ताह की शीतकालीन इंटर्नशिप-2024 जिसमें छात्रों ने व्यक्तिगत रूप से भाग लिया, का समापन

नई दिल्ली: ——— एनएचआरसी, भारत द्वारा आयोजित 4-सप्ताह की शीतकालीन इंटर्नशिप-2024 जिसमें छात्रों ने व्यक्तिगत रूप…
केरल के पथानामथिट्टा जिले में कई व्यक्तियों द्वारा एक लड़की के साथ कथित यौन शोषण: एनएचआरसी,

केरल के पथानामथिट्टा जिले में कई व्यक्तियों द्वारा एक लड़की के साथ कथित यौन शोषण: एनएचआरसी,

एनएचआरसी, भारत ने केरल के पथानामथिट्टा जिले में कई व्यक्तियों द्वारा एक लड़की के साथ कथित…

Leave a Reply