- August 23, 2016
ब्रिक्स देशों का सम्मेलन तकनीकी सत्रों में सुझाव
जयपुर—–वर्ष 2005 में भारत में आई सुनामी के बाद आपदा प्रबंधन अधिनियम बनाया गया। इसके चलते मौसम या आपातकालीन स्थितियों का पूर्वानुमान लगाते हुए आमजन को सावचेत करने के सार्थक प्रयासों से बड़ी संख्या में जनहानि को रोकने में मदद मिली है। इसी प्रकार भारत में 12 हजार लोगों के विशेष आपदा प्रबंधन बल की स्थापना की गई है। जो लोगों को आपदा के बाबत् जागरूक करने एवं त्वरित बचाव व राहत के उपाय सुनिश्चित करती है।
यह विचार ब्रिक्स सम्मेलन के दो तकनीकी सत्रों में वक्ताओं ने व्यक्त किए। इस दौरान प्रतिभागियों ने बताया कि भारत में भूकम्प से जानमाल का सर्वाधिक नुकसान होता है, यहां भवन निर्माण के क्षेत्र में सर्वाधिक ईंट एवं पत्थरों का उपयोग होने से सर्वाधिक क्षतिग्रस्त होते है। देश के आसाम में भूकम्परोधी भवन निर्माण तकनीक अपनाई जा रही है। इस तकनीक को देश के अन्य भागों में भी लागू करने की जरूरत हैं।
सत्र के दौरान बताया गया कि भारत भूकम्प प्रभावित क्षेत्रों के रूप में पांच जॉन में विभाजित है। इसमें पांचवां जॉन सर्वोच्च जोखिम वाला है। जबकि तीन, चार व पांच हाईरिस्क जॉन के रूप में चिन्हित है। सभी को एकजुट प्रयास करनें होंगे ब्रिक्स देशों के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने देश की आपदा प्रबंधन रणनीति पर प्रकाश डालते हुए सभी देशों को एकजुट एवं प्रभावी उपायों को अपनाने की जरूरत बताई। सभी देशों ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के बेहतरीन उपयोग, राहत के प्रभावी उपाय, साझा राहत फण्ड की स्थापना, बीमा पॉलिसी आदि के लिए प्रभावी भूमिका निभाने पर जोर दिया।
दक्षिणी अफ्रीका में आपदा प्रबंधन शिक्षा प्रणाली में शामिल प्रथम तकनीकी सत्र में दक्षिणी अफ्रीका के प्रतिभागियों ने वहां शिक्षा प्रणाली में आपात प्रबंधन विषय से विद्यार्थियों को आपात स्थितियों से बचाव एवं उनकी रोकथाम के प्रभावी उपायों के बारे में जानकारी दी। यह जानमाल की हानि रोकने की दिशा में कारगर कदम है। आपदा प्रबंधन एप बने भारत की ओर से आपात स्थितियों में त्वरित बचाव एवं राहत की दिशा में एडवांस आपदा प्रबंधन एप बनाने का सुझाव दिया गया। जिनका आपात प्रबंधन के क्षेत्र में कार्य करने वाले विशेषज्ञ जनहित में उपयोग कर सकेंं।
चीन करता है नवीनतम तकनीक का प्रयोग प्रतिनिधियाें ने बताया कि चीन भूगर्भीय आपदाओं की रोकथाम के लिए नवीनतम तकनीक का उपयोग कर रहा है। वहां विभिन्न विभागों के माध्यम से नवीनतम तकनीकी आधारित उपकरणों के प्रयोग से जनहानि का न्यूनीकरण संभव हो रहा है। सभी देशों को पृथक विषयों पर करना होगा चिन्तन आपदा प्रबंधन की दिशा में सभी देशों ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में ग्रामीण एवं शहरी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए प्रभावी एवं सार्थक प्रयासों पर जोर दिया।
दूसरे सत्र में ब्रिक्स देशों के प्रतिनिधियों ने सामूहिक तौर पर आपदा प्रबंधन के उपायों की दिशा में परस्पर सहयोग पर सहमति जताई। देशों ने अपने-अपने देश की आपदा प्रबंधन की समस्याओं को साझा कर ठोस आपदा प्रबंधन की प्रभावी रणनीति बनाने पर जोर दिया। सभी देशों में आपदा प्रबंधन की दिशा में नवीनतम तकनीक को साझा करने की महती आवश्यकता जताई।