- July 25, 2016
बाल यौनाचार एवं उत्पीड़न : पोस्को कानून की जानकारी
जयपुर————– अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर (दक्षिण) श्री हरिसिंह मीना ने कहा कि जिले में बाल यौनाचार एवं उत्पीड़न की रोकथाम के लिए समग्र एवं सघन प्रयास कर जिला कलक्टर श्री सिद्धार्थ महाजन के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में कार्य योजना तैयार की गई है जिसके सफल क्रियान्वयन हेतु रविवार को कलेक्ट्रेट के सभागार में विभिन्न विभागों के लगभग 125 मास्टर ट्रेनर अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया।
श्री मीना ने बताया कि इस प्रशिक्षण में पुलिस, शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास विभाग, केन्द्रीय विद्यालय संगठन के मास्टर ट्रेनर अधिकारियों को दक्ष प्रशिक्षकों द्वारा बाल यौनाचार एवं उत्पीड़न के प्रभावी रोकथाम के लिए लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम-2012 के प्रावधानों एवं क्रियान्वयन के बारे में गहनता से प्रशिक्षण दिया गया है ताकि मास्टर ट्रेनर्स अपने अपने विभागों के अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों, विद्यालयों के बच्चों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, महिला सुपरवाइजरों, राजकीय छात्रावासों एवं बालगृहों को पोस्को कानून के बारे में गहनता से जानकारी देने के साथ ही बाल यौनाचार एवं उत्पीड़न की घटनाओं को शून्य स्तर पर लाने का प्रयास किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सीबीएससी से मान्यता प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों का मास्टर ट्रेनिंग कार्यक्रम 29 जुलाई को केन्द्रीय विद्यालय नम्बर, 1 बजाज नगर, टोंक फाटक के सभागार में किया जाएगा। इसी प्रकार 30 जुलाई को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के जयपुर मुख्यालय पर स्थित राजकीय सैकेण्डरी एवं सीनियर सैकेण्डरी स्कूलों के शिक्षकों का मास्टर ट्रेनिंग कार्यक्रम महारानी गल्र्स सीनियर सैकेण्डरी स्कूल बनीपार्क के सभागार में एवं राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त निजी सैकेण्डरी एवं सीनियर सैकेण्डरी स्कूलों के शिक्षकों का मास्टर ट्रेनिंग कार्यक्रम भवानी निकेतन सीनियर सैकेण्डरी स्कूल, सीकर रोड के सभागार में आयोजित किया जाएगा।
श्री मीना ने बताया कि प्रत्येक विद्यालय के मास्टर ट्रेनरों के प्रशिक्षण के उपरान्त अगले कार्यदिवस से प्रत्येक विद्यालय की प्रार्थना सभा में बाल यौनाचार एवं उत्पीड़न की रोकथाम के सम्बन्ध में व्यापक कानूनी प्रावधनों एवं बचाव व उपायों के सम्बन्ध में मास्टर ट्रेनरों द्वारा जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक माह में एक दिन प्रार्थना सभा में छात्र-छात्राओं को पोस्को कानून एवं यौनाचार उत्पीड़न के सम्बन्ध में बचाव व उपायों के सम्बन्ध में व्यापक जानकारी देने के साथ काउन्सिलिंग भी की जाएगी।
उन्होंने बताया कि विद्यालयों के मास्टर ट्रेनरों द्वारा विद्यालय के अन्य शिक्षकों, स्टाफ एवं अन्य सेवा प्रदाता व्यक्ति यथा – बालवाहिनी, ऑटो रिक्शा चालक एवं विद्यालय में कार्यरत नियुक्त अन्य व्यक्तियों को कानूनी प्रावधानों एवं बाल यौनाचार एवं उत्पीड़न से बचाव के सम्बन्ध में व्यापक जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के मास्टर ट्रेनर बालगृहों, राजकीय छात्रावासों, पुलिस विभाग के मास्टर ट्रेनर द्वारा पुलिस थानों, पुलिस कार्मिकों, सीएलजी कार्मिकों को भी इस सम्बन्ध में कानूनी प्रावधानों एवं बचाव व उपायों के बारे में जानकारी देकर जागरूक करेंगे।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा विभाग के मास्टर ट्रेनर राजकीय चिकित्सालयों, प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के चिकित्सा अधिकारियों एवं कार्मिकों को पोस्को कानून के सम्बन्ध में विस्तार से प्रशिक्षण देंगे। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग के मास्टर ट्रेनरों से अपेक्षा की कि वे आंगनबाड़ी केन्द्र के कार्यकर्ताओं, आशा सहयोगिनियों, साथिनों, महिला पर्यवेक्षकों को गहनता से प्रशिक्षण दें। उन्होंने प्रशिक्षण में भाग लेने आए सभी ट्रेनरों से अपेक्षा की कि वे समाज में बाल यौन हिंसा व उत्पीड़न की रोकथाम के लिए आमजन को जागरूक करने भरसक प्रयास करेंं।
प्रशिक्षण में बाल उत्पीड़न एवं यौनाचार के सम्बन्ध में पोस्को कानून के प्रावधानों एवं क्रियान्वयन के बारे में बाल संरक्षण विशेषज्ञ श्री गोविन्द बेनीवाल एवं बाल उत्पीड़न से बच्चों पर पड़ने वाले मानसिक प्रभाव के सम्बन्ध में सुश्री प्रज्ञा देशपाण्डे क्लिनिकल साइक्लोजिस्ट एवं कविता सहित अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने गहनता से प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षण में उपखण्ड अधिकारी, शहर (उत्तर) श्रीमती सीमा शर्मा, (पूर्व) श्रीमती सरोज ढाका, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक (प्रथम) श्री विष्णुदत्त स्वामी, आईसीडीएस की उप निदेशक जयश्री ठाकरिया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। —