- June 12, 2016
बचाखुचा खाना बाहर न फेंके, जानवर आकर्षित होते हैं : वन मंडल
दंतेवाड़ा—-(छ०गढ)——-हाल ही में हिरण शावकों के शहर में आ जाने की कुछ घटनाओं को देखते हुए वन विभाग ने जिले के नागरिकों को कुछ सावधानी बरतने की सलाह दी है ताकि ऐसी घटनाओं को टाला जा सके। वन विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि घर का बचाखुचा खाना बाहर न फेंके, इसके चलते जानवर शहर की ओर आकर्षित होते हैं।
शहर में यदि कोई चीतल देखा जाता है तो इसकी सूचना तुरंत वन विभाग के अमले को दें। उल्लेखनीय है कि हाल ही में वन विभाग के अमले ने तीन चीतलों को सुरक्षित संरक्षित वनों तक पहुँचाया है। उल्लेखनीय है कि 8 जून को सुबह 5:30 बजे कतियार रास गाँव के समीप एक २ से ३ माह का चीतल नाली में गिरा हुआ पाया गया ।
ग्राम वासियों की सूचना पाकर दंतेवाडा वन परिसर के परिसर रक्षक, सहायक परिक्षेत्र अधिकारी एवं अन्य कर्मचारी तत्काल मौके पर पहुंचे| चीतल को सुरक्षित अपने अधिकार में लेकर, सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी, श्रीमती मालवी के समक्ष प्रस्तुत किया गया| जहाँ वन्य प्राणी का स्वास्थ परीक्षण किया गया| कुछ समय तक चीतल को देखरेख में रखने के पश्चात वन विभाग की टीम ने कतियार रास के पास के ही संरक्षित वन में उसे सुरक्षित छोड़ दिया।
दूसरी घटना दिनांक १० जून को सुबह दंतेवाड़ा में संतोषी मंदिर के समीप हुई| लगभग २ वर्ष की आयु का एक वयस्क चीतल एक घर के परिसर के अन्दर पाया गया| सूचना मिलने पर, वन रक्षक एवं सहायक परिक्षेत्र रक्षक के साथ वन विभाग की टीम ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया|
वन्य प्राणी सकुशल पाया गया इसलिए बिना चिकित्सक की सहायता लिए एक्शन प्लान बनाकर, चीतल को घर के पीछे से योजना्बद्ध तरीके से संरक्षित वन में पहुचाया गया तीसरी घटना उसी दिन शाम को संतोषी मंदिर के समीप ही हुई, जहाँ से पुनः चीतल को संरक्षित वन की और पहुचाया गया| इन प्रकरणों में दंतेवाडा वन विभाग की टीम ने तत्काल कार्यवाही करके वन्य प्राणियों की रक्षा सुनिश्चित की|
दंतेवाडा वनमंडल वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, और इस क्रम में दंतेवाडा नगर वासियों की भूमिका भी बहुत अहम है|