• July 15, 2017

फिक्की द्वारा एग्रो मार्केटिंग पर कॉन्फ्रेंस आयोजित

फिक्की द्वारा एग्रो मार्केटिंग पर कॉन्फ्रेंस आयोजित

जयपुर——–कृषि मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी ने कहा है कि राजस्थान में अगले माह मुख्यमंत्री के हाथों जैतून चाय ऑलिव टी की लॉन्चिंग करवाई जाएगी। इस प्रकार राजस्थान पूरे एशिया में ऑलिव टी की शुरुआत करने वाला पहला प्रदेश बन जायेगा।

श्री सैनी ने शुक्रवार को नई दिल्ली में फिक्की द्वारा आयोजित एग्रो मार्केटिंग पर आयोजित कॉन्फ्रेंस में भाग लेते हुए यह जानकारी दी।1

उन्होंने बताया कि राजस्थान में आयोजित ग्लोबल एग्रीटेक ग्राम में ओलोटिया कंपनी के साथ हुए एम ओ यू के आधार पर जयपुर के निकट बस्सी के एक फार्म पर ऑलिव टी की फैक्ट्री लगाई गई है। जिसमे एक्सपर्ट टीम द्वारा जैतून की चाय की गुणवत्ता और उसमें मिलाए जाने वाले तत्वों आदि की जांच करवा दी है।

श्री सैनी ने बताया कि जैतून की खेती विशेष कर बीकानेर जिले के लूणकरणसर में देश की पहली जैतून की रिफाइनरी राज ऑलिवश् लगाने आदि में राजस्थान अग्रणी प्रदेश बन कर उभरा है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे की प्रेरणा से इजराइल से एक लाख पौधो का आयात कर राज्य में जैतून की खेती का प्रयोग शुरू किया गया था। साथ ही इजराइल के साथ राजस्थान ऑलिव कल्टीवेशन लिमिटेड आर ओ सी एल संयुक्त उद्दम की स्थापना भी की गई। वर्तमान में राज्य के 8 कृषि फॉम्र्स के 5000 हेक्टर क्षेत्र में यह खेती की जा रही है।

श्री सैनी ने बताया कि ट्राइबल प्रधान क्षेत्र उदयपुर में देश की पहली लघु उपज वन मंडी खोली गई है। जिसमे 26 प्रकार की औषधीय महत्व की वैन उपजो को प्रोत्साहित किया जा रहा है।गत दो वषोर्ं में इस आदिवासी क्षेत्र में किसानों की आमदनी में सुधार हुआ है और उन्होंने 1600 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड व्यवसाय किया है।

उन्होंने बताया कि भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार कृषि क्षेत्र में सुधार की दृष्टि से सर्वप्रथम नवाचारों को लागू करने में भी राजस्थान देश मे सबसे आगे है। प्रदेश में फसलों का विविधीकरण कर नवाचारों को अपनाते हुए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के विजन अनुरूप 2022 तक किसानों की आय दुगनी करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।

श्री सैनी ने बताया कि प्रदेश के सभी वेयर हाउस को मंडी घोषित किया जा रहा है। देश मे इस प्रकार के पहले प्रयास में पारदर्शिता से किसानों की तकदीर बदलने का प्रयास होगा जैसा केंद्र के मॉडल एक्ट में कल्पना की गई है। एक देश एक व्यापार विजन को भी प्रभावी रूप में लागू किया जा रहा है।

किसानों की आय को दुगुनी करने के लिए कृषि उत्पादन, उत्पादकता, गुणवत्ता पानी का प्रबंधन न्यूट्रेशन वेल्यू वैल्यू एडीशन आपदा प्रबंधन आदि सारी विधियों को अपनाने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने बताया राज्य की 25 मंडियों को नेशनल एग्रीकल्चर मार्किट ई नाम और 125 मंडियों को राजस्थान इंटीग्रेटेड मंडी मैनेजमेंट सिस्टम रिम्स से जोड़ा गया है। देश मे इस प्रकार का सिस्टम देश मे पहली बार राज्य में विकसित किया गया है। सभी मंडियों को वाकी टोकी से भी जोड़ने की योजना है। इसके लिए एग्रोटेक टावर बनाये जायेगे।

प्रदेश की 23 कृषि मंडियों को जहां उत्पादन वह विपणन की धारणानुसार विशिष्ट जीन्स मंडियों का दर्जा भी दिया गया है। जिसका लाभ व्यपारियो की मिल रहा है। राज्य की 29 मंडियों में सरसों आयल टेस्टिग लेब बनाई गई है। इससे आयल ग्रेडिंग द्वारा बिचौलियों को समाप्त कर किसानों की आय बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।

इस अवसर पर केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री राधामोहन सिंह मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे।

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