• August 28, 2018

फसलों की ब्यौरा के लिये ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ नामक पोर्टल लॉन्च–

फसलों की ब्यौरा के लिये  ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ नामक पोर्टल लॉन्च–

चंडीगढ़—– हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की ऑनालाइन व सूचना प्रौद्योगिकी के अधिक से अधिक उपयोग करने के उनके डिजिटलाइजेशन विजन को आगे बढ़ाते हुए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने फसलों का ब्यौरा ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज करवाने की सुविधा पहल की है। इसके लिए विभाग ने ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ नामक पोर्टल लॉन्च किया है।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री ओम प्रकाश धनखड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि खरीफ फसलों का ब्यौरा किसान इस पोर्टल पर 15 सितंबर, 2018 तक ऑनलाइन दर्ज करवा सकते है । उन्होंने बताया कि ऑनलाइन करने का कार्य गांवों में स्थित सामान्य सेवा केंद्रों के वीएलई (वीलेज लेवल इंटरप्रन्योर) करेंगे जिसके लिए उन्हें 5 रुपये प्रति खेवट की दर से भुगतान किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि बोई जाने वाली फसलों की जानकारी प्राप्त करने तथा विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ पात्र किसानों को देने के लिए प्रदेश सरकार ने राज्य स्तरीय फसल ई-सूचना नामक वैब पोर्टल लॉन्च किया है।

पोर्टल 15 सितंबर,2018 तक खुला रहेगा। इस अवधि के दौरान गांवों में कार्यरत वीएलई सभी किसानों की फसलों का ब्यौरा ऑनलाइन दर्ज करवाएंगे जिसके लिए किसानों को कोई भुगतान नहीं करना है। वीएलई को इस कार्य के लिए प्रदेश सरकार द्वारा सीधे उसके खाते में भुगतान किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि वीएलई के अलावा किसान अपने स्तर पर खुद इंटरनेट के माध्यम से ईदिशा डॉट जीओवी डॉट इन पर इस पोर्टल को खोलकर भी अपनी फसलों का ब्यौरा ऑनलाइन दर्ज करवा सकता है। इस पोर्टल पर आने वाली सूचनाओं को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के साथ सांझा किया जाएगा।

किसानों द्वारा अपलोड की जाने वाली सूचना किसी अन्य कानूनी क्लेम में प्रयोग नहीं की जा सकेगी। इसके अलावा जमाबंदी संबंधी डाटा भी पटवारियों द्वारा सांझा किया जाएगा। इससे किसानों की फसलों की खरीद प्रक्रिया आसान हो जाएगी।

उन्होंने बताया कि वीएलई को इस योजना की जानकारी व प्रशिक्षण देने के लिए विशेष कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं।

Related post

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…
पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…

Leave a Reply