• October 3, 2022

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुनी वैज्ञानिक अजयशर्मा के मन की बात

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुनी वैज्ञानिक अजयशर्मा के मन की बात

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नेसुनी वैज्ञानिक अजय शर्मा के मन की बात

*न्यूटन के तीसरे नियम में संशोधन के लिए कुछ प्रयोगो की जरूरत

**2018 में अमेरिकी वैज्ञानिक ने वाशिगटन कान्फरैस में अजय का उत्साह बढ़ाया था।

कहा था कि न्यूटन के नियम में संशोधन से भारत को मिलेगा नोबेल प्राईज।

अजयने नये प्रयोग सुझाये है।

*** अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों की सिफारशों के बाद भी सरकार से नहीं मिली अजय को प्रयोगो की सुविधाएं

न्यूटन के तीसरे नियम की खामी यह है कि नियम वस्तु के आकार की अनदेखी करता है। इसलिए अजय शर्मा ने न्यूटन के नियम का संशोधन किया है।

1896 में रशियन वैज्ञानिक सलिको बसकाइ ने न्यूटन के नियम परआधारित राकेट इक्वेसन डिराइव की थी। पर आज तक इस इक्वेसन (समीकरण) को साधारण अतिशवाजी (फायरवर्कस) के लिए भी सिद्ध नही किया है। पर न्यूटन के नियम को बिना परखे सभी अवस्थाओं में सही माना जा रहा है।

इसी मुद्दे को अजय वर्षो से उठा रहे हैं।

अमेरिकन एसोसियन आफ फिजिक्स टीर्चस वाशिगटन, नैशनल फिजिकल लैबोरेटरी, नईदिल्ली और कई संस्थाओं के वैज्ञानिक चार साल पहले इन प्रयोगों की पुष्टि कर चुके है। पर सरकार के सहयोग के बिना ये प्रयोग नही हो पा रहे है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार

अजय ने प्रधानमंत्री श्री मोदी को पत्र लिखा कि उन्हें प्रयोगो की सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जाए।अजयशर्मा अमेरिका, इग्लैंड, रूस, जर्मनी आदि देशों में व्याख्यान दे चुके हैं। पर आज तक भारत सरकार ने बार-बार पत्रों के बाद इस विषय पर कोई सेमिनार नहीं करवाया । प्रधानमंत्री कार्यालय ने पहले मार्च और फिर अगस्त 2022 महीने में केन्द्रीय विज्ञान सचिव को पत्र लिखा और इस विषय पर कार्यवाही करके प्रधानमंत्री कार्यालय के पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिये । अजय को कार्यवाही का इन्तजार है।

अजय शर्मा वर्षो से कह रहे हैं कि ये प्रयोग सफल होगेंऔर भारत की शोध दुनिया के स्कूलों में पढाई जाएगी।

Ajay Sharma
Former Lecturer Physics,
DAV College Chandigarh & Deputy Director Education (off.) Shimla
Mobile &WhasApp 94184 50899 Email ajoy.plus@gmail.com

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