पैसा कितना खर्च हुआ से ज्यादा महत्वपूर्ण है पैसा कैसे खर्च हुआ :—– प्रो. शमिका रवि

पैसा कितना खर्च हुआ से ज्यादा महत्वपूर्ण है पैसा कैसे खर्च हुआ :—– प्रो. शमिका रवि

भोपाल : —— पैसा कितना खर्च हुआ है से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि पैसा कैसे खर्च हुआ। स्वास्थ्य सेवाओं में अमेरिका कुल जीडीपी का 18 प्रतिशत जबकि सिंगापुर मात्र 4 प्रतिशत खर्च करता है, लेकिन स्वास्थ्य सूचकांक लगभग समान हैं। सीनियर फेलो ब्रूकिंग इंस्टीट्यूशन वॉशिंगटन डीसी प्रो. शमिका रवि ने यह बात अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान में व्याख्यान माला “असरदार परिवर्तन-टिकाऊ परिणाम” में “द प्रोमिस ऑफ सोशल इंटरप्राइजेस इन इंडियन ग्रोथ एंड डेव्हलेपमेंट” विषय पर व्याख्यान देते हुए कही।

वैक्सीनेशन में हुआ बेहतर कार्य

प्रो. शमिका रवि ने कहा कि सोशल इंटरप्राइजेस शहरों के निम्न एवं मध्यम आय वर्ग के लोगों को ही सेवाएँ देते हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए सोशल इंटरप्राइजेस का उपयोग मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में बेहतर ढंग से होना चाहिए। उन्होंने बताया कि कोविड-19 वैक्सीनेशन में मध्यप्रदेश में अन्‍य राज्यों की तुलना में बेहतर कार्य हुआ है। इसी तरह अन्य सेक्टर में भी कार्य होने पर विकास को गति मिलेगी।

प्रो. रवि ने कहा कि किसी भी देश में शहर ग्रोथ के इंजन के रूप में कार्य करते हैं। उन्होंने प्रति व्यक्ति आय की जानकारी देते हुए बताया कि पंजाब और नागालैण्ड की प्रति व्यक्ति आय लगभग समान है। प्रो. रवि ने कहा कि किसानों द्वारा उत्पादित सामग्री के लिए मार्केट उपलब्ध होना चाहिए। लाभकारी खेती के लिए प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर प्रबंधन जरूरी है।

रियल टाइम डाटा जरूरी

प्रो. रवि ने कहा कि विकास की योजनाएँ बनाने के लिए रियल टाइम डाटा जरूरी है। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में ग्रामीण बैंक और आंध्रप्रदेश में स्व-सहायता समूहों का गठन एक साथ शुरू हुआ था। प्रो. रवि ने श्रोताओं के प्रश्नों के उत्तर भी दिये।

सुशासन संस्थान के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी ने कहा कि आंत्रप्रन्योरशिप आधारित विकास का मॉडल बनाना होगा, जो सिर्फ सरकारी अनुदान पर निर्भर नहीं हो। उन्होंने कहा कि स्व-सहायता समूहों और सहकारी समितियों के माध्यम से विकास की रूपरेखा बनायी जानी चाहिए। प्रो. चतुर्वेदी ने कहा कि हम सिविल सोसायटी संगठनों में लगातार संपर्क कर रहे हैं। उन्होंने राजस्थान के खुशी वेवी संगठन के बारे में भी बताया। प्रो. चतुर्वेदी ने सी.एस.आर. फंडिंग के सदुपयोग की भी जरूरत बतायी।

इस दौरान एडजंक्ट फेलो आर.आई.एस. दिल्ली डॉ. अमिताभ कुंडू, सुशासन संस्थान के सीईओ श्री श्रीमन शुक्ला, संचालक श्री गिरीश शर्मा एवं सलाहकार उपस्थित थे।

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