• August 30, 2015

पुलिस अधीक्षक कार्य की गहनता से समीक्षा करें तो अपराधों पर अंकुश लगाया जा सकता है -गृह मंत्री

पुलिस अधीक्षक कार्य की गहनता से समीक्षा करें तो अपराधों पर अंकुश लगाया जा सकता है -गृह मंत्री

जयपुर – गृह मंत्री श्री गुलाब चन्द कटारिया ने कहा कि जिला पुलिस अधीक्षक यदि सजगता से काम करें तथा अपने क्षेत्र के पुलिस कार्य की गहनता से समीक्षा करें तो अपराधों पर अंकुश लगाया जा सकता है। प्रभावी गश्त एवं नाकाबन्दी के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि रात्रि गश्त एवं समय-समय पर नाकाबन्दी का किया जाना अपराधियों में भय के लिए आवश्यक है।
गृह मंत्री श्री कटारिया शुक्रवार को कोटा में पुलिस अधिकारियों की अपराध गोष्ठी में बोल रहे थे। इस अवसर पर अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, कोटा रेंज प्रभारी श्री के. नरसिम्हराव एवं महानिरीक्षक कोटा रेंज श्री विशाल बंसल सहित कोटा संभाग के पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।
श्री कटारिया ने सम्पत्ति सम्बन्धी अपराधों के अन्वेषण में विशेष ध्यान देने हेतु निर्देश दिये जहॉं पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में सजग पुलिस प्रशासन है वहॉं इन अपराधों में गिरावट आती है। बरामदगी एवं चालानी प्रतिशत बढ़ता है। कोटा रेंज में बांरा जिले में जुलाई 2015 तक चोरी के अपराध 17 प्रतिशत घटे हैं वहीं बरामदगी व चालानी प्रतिशत बढ़ा है। उन्होंने कोटा शहर में सम्पत्ति सम्बन्धी अपराधों में अप्रत्याशित वृद्घि पर चिंता व्यक्त की।
उन्होंने बताया कि कोटा रेंज में केस ऑफीसर स्कीम में गत 7 माह में मात्र 24 प्रकरण लिये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिये कि जघन्य अपराधों को केस ऑफीसर स्कीम में लिया जाकर अपराधियों को अल्प समय में सजा दिलाने की कार्यवाही करें। श्री कटारिया ने बीट प्रणाली को अधिक सशक्त बनाने हेतु निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक बीट अधिकारी का अपने बीट क्षेत्र के निवासियों के साथ सार्थक सम्पर्क रहे।
श्री कटारिया ने कहा कि भूमि विवादों के निस्तारण में पुलिस अधिकारी निष्पक्षता से कार्य करने के निर्देश दिये। महिलाओं, अनुसूचित जाति जनजाति के प्रति अत्याचारों के प्रकरणों की भी निष्पक्ष एवं पारदर्शी जॉच करने एवं संवेदनशील होने की आवश्यकता बताई। श्री कटारिया ने कहा कि पुलिस परिसरो में सफाई व्यवस्था अन्य प्रतिष्ठानो के लिये प्रेरणादायक बने। जिले में पुलिस अधीक्षक निर्धारित समय पर जनसुनवाई नियमित आधार पर करें। यदि वह भ्रमण पर है तो अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जन-सुनवाई करें। जन-सुनवाई में प्राप्त प्रकरणो की भी समय समय पर समीक्षा करें। कोई भी परिवादी एफ.आई.आर. दर्ज करवाने आते है तो निसंकोच तत्काल एफ.आई.आर. दर्ज करें, इसे गंभीरता से लिया जायेगा।
समीक्षा के पश्चात् कोटा रेंज प्रभारी अति. महानिदेशक रेल्वेज श्री के.नरसिंम्हा राव ने कहा कि अपराधी को पकडने पर उसकी पुरी श्रृंखला तक पहुॅच कर जड से अपराध का खात्मा करना आवश्यक है। कोटा शहर में कार्यरत कोचिंग सेन्टरों का पूरा डाटाबेस तैयार कर संकलित करें तथा सार्वजनिक स्थानों पर अपराधों की रोकथाम हेतु सी.एल.जी. का सहयोग लेना आवश्यक है। उन्होंने शहरों में पुलिस निगरानी हेतु दो-पहिया वाहनों का उपयोग करना व सडक दुर्घटनाओं का विश्लेषण कर कमी लाने को पुलिस की प्राथमिकता बताया। उन्होंने बताया कि विश्लेषण से यह तथ्य सामने आया है कि एक तिहाई दुर्घटनायें 6 से 8 पी.एम. के बीच होती है तथा इस अवधि में विशेष निगरानी से दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है।
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