- July 12, 2016
पशु चिकित्सालय में कम से कम एक चिकित्सक अनिवार्य
सुनीता दुबे——————— पशुपालन मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य ने प्रदेश के प्रत्येक पशु चिकित्सालय में कम से कम एक चिकित्सक को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने को कहा है। श्री आर्य ने यह निर्देश आज यहाँ विभाग की गतिविधियों की समीक्षा करते हुए दिये। श्री आर्य ने कहा कि पशु चिकित्सालय की आवश्यकता ग्रामीण इलाकों में होती है। इसलिये हर विकासखण्ड-स्तर पर एक सर्व-सुविधायुक्त पशु चिकित्सालय अवश्य हो। बैठक में प्रमुख सचिव पशुपालन श्री अश्विनी राय भी उपस्थित थे।
बैठक में बताया गया कि शीघ्र ही प्रदेश के सभी 51 जिले में पशु चिकित्सालयों का अपना भवन हो जायेगा। मात्र 3-4 भवन को छोड़कर शेष का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। श्री आर्य ने गौ-सेवक, नंदी शाला योजना, दुग्ध समितियों की स्थिति, कड़कनाथ उत्पादन, गोपाल पुरस्कार योजना, प्रजनन केन्द्र आदि की समीक्षा की।
श्री आर्य ने कहा कि विभाग और दुग्ध महासंघ मिलकर प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ायें और प्रदेश को दुग्ध प्रदेश बनायें। श्री आर्य ने मिल्क-रूट से अछूते, परंतु दुग्ध उत्पादन वाले गाँव में भी नये मिल्क-रूट बनाने के निर्देश दिये। बैठक में बताया गया कि देश का एकमात्र पशु टीकाकरण लेब मध्यप्रदेश के महू में है, जो अंतर्राष्ट्रीय-स्तर की मानी जाती है। बैठक में बताया गया कि निरंतर घाटे में चल रहा दुग्ध निगम आज साढ़े नौ करोड़ के लाभ में है।
श्री आर्य ने लोगों को रोजगार के साधन बढ़ाने के लिये आवासहीन लोगों को घर बैठे कड़कनाथ मुर्गे के 20-20 चूजे देने को भी कहा। श्री आर्य ने कहा कि इनके अण्डे और चिकन बेचने की व्यवस्था भी विभाग करेगा।