- April 30, 2015
परमात्मा से मिलने के तीन मार्ग हैं – ज्ञान, भक्ति और कर्म – मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि परहित से बडा कोई धर्म नहीं होता। दूसरों की भलाई के लिये काम करें तो भगवान स्वयं मिल जायेंगे। परमात्मा से मिलने के तीन मार्ग हैं – ज्ञान, भक्ति और कर्म। ज्ञान से स्वयं के साथ-साथ दूसरों को भी सत्मार्ग की सीख, भक्ति से समर्पण भाव और कर्म के जरिये परमात्मा से मिलन का मार्ग आसान होता है।
श्री चौहान आज सागर जिले के बामोरा में गृहस्थ संत पं. श्री देवप्रभाकर शास्त्री ‘दद्दाजी’ के सान्निध्य में सवा पाँच करोड़ पार्थिव शिवलिंग निर्माण के धार्मिक अनुष्ठान में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह के साथ पार्थिव शिवलिंग का पवित्र नदियों के जल और पंचामृत से रूद्राभिषेक कर दद्दाजी से आशीर्वाद प्राप्त किया। श्री चौहान ने इस अवसर पर परिवहन मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह के पिता श्री दीवान अमोल सिंह की प्रतिमा का अनावरण भी किया।
भूकम्प त्रासदी में सहायता देने की अपील
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार ने नेपाल में भूकम्प त्रासदी के लिये अभी 5 करोड़ की राशि उपलब्ध करवायी है। उन्होंने जन-सामान्य से अपील की कि भूकम्प त्रासदी से प्रभावित लोगों की मदद में आगे आयें और सहायता राशि देने का काम करें। प्राप्त राशि को प्रधानमंत्री के माध्यम से नेपाल में प्रभावितों की मदद के लिये भेजा जायेगा। मुख्यमंत्री को सागर नगर निगम की ओर से भी 6 लाख 57 हजार की सहायता राशि का चेक दिया गया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि परिवहन मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने अपने पिता स्व. श्री दीवान अमोल सिंह की प्रतिमा लगवाकर उनके प्रति अपना श्रद्धा-भाव प्रकट कर अनुकरणीय एवं सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि माता-पिता और गुरू का आशीर्वाद सदैव कवच और आगे बढ़ने में सहायक होता है।
इस अवसर पर राजस्व मंत्री श्री रामपाल सिंह, विधायक सर्वश्री शैलेन्द्र जैन, प्रदीप लारिया, हरवंश सिंह, श्रीमती पारूल साहू सहित जन-प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।