- July 23, 2018
पडोसी राज्यों से नहरों के पानी के बंटवारे को रोकने का कोई अधिकार नहीं है– सर्वोच्च न्यायालय
चण्डीगढ़—— केंद्रीय इस्पात मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह ने कहा है कि पंजाब के मुख्यमंत्री श्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को संविधान के दायरे में रहकर ही अपने सुझाव देने चाहिए।
उन्होंने कहा कि अमरेंद्र सिंह पहले भी पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके है और उन्होंने विधानसभा में प्रस्ताव पास कर 2004 में पडोसी राज्यों के साथ नहरों का पानी बांटने का समझौता तोड़ दिया था। श्री सिंह रोहतक के दीनबंधु सर छोटूराम स्मारक सांपला में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में जस्टिस एआर दवे की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बैंच ने मामलें पर सुनवाई करते हुए कहा है कि पंजाब टर्मिनेशन ऑफ एग्रीमेंट एक्ट 2004 असंवैधानिक बताया था और कहा था कि पंजाब को ऐसा एक तरफा निर्णय लेकर पडोसी राज्यों से नहरों के पानी के बंटवारे को रोकने का कोई अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि पंजाब ने उस दौरान संवैधानिक मान्यताओं को ताक पर रखकर कानून बनाया था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को ऐसी कोई बात नहीं करनी चाहिए जिससे कि संविधान की संवेदनशिलता पर आंच आती हो।
उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय हरियाणा के हक में फैसला दे चुका है, जिसके तहत हरियाणा का रावि-व्यास नदी के 3.55 मिलियन एकड़ फीट पानी पर अधिकार है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के क्रियान्वयन के लिए हरियाणा सरकार ने याचिका दायर कर रखी है।
पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा चंड़ीगढ़ के अधिकार को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री को लिखे गये पत्र के बारे में चौ. बीरेंद्र सिंह ने कहा कि शाह कमीशन ने चंडीगढ़ को हरियाणा को दे दिया था, लेकिन बाद में विकास के चलते स्थिति यह थी कि चंडीगढ़ न तो पंजाब का है और न ही हरियाणा का।
उन्होंने यह भी कहा कि जब हरियाणा का गठन हुआ तो सबसे पहले चंडीगढ़ हरियाणा की राजधानी बना था।
बलात्कार की घटनाओं के संबंध में पूछे गये एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बलात्कारियों को सजा देने के लिए कठोर कानून बनाया गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में क्रिमिनल लॉ बिल 2018 के तहत 12 साल तक की बच्ची के साथ रेप करने पर फांसी की सजा का प्रावधान करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है।
दीनबंधु सर छोटूराम की सांपला स्मारक में लगी प्रतिमा के अनावरण के बारे में उन्होंने कहा कि 15 अगस्त तक केएमपी का काम पूरा हो जायेगा और जब प्रधानमंत्री इस परियोजना का उद्घाटन करेंगे तो उसी दिन प्रतिमा का अनावरण भी करवाया जायेगा।
उन्होंने कहा कि स्मारक में पार्क आदि बनाने का कार्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। इससे पहले स्मारक पर छोटूराम विचारमंच की बैठक आयोजित कर प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम पर विचार-विमर्श किया गया।
इस अवसर पर उचाना की विधायक श्रीमती प्रेमलता, केंद्रीय मंत्री के ओएसडी सुधीर फौगाट,चांद फौगाट, रामकिशन रोड, रज्जू अहलावत, राज ङ्क्षसह हुड्डा, सुरेंद्र मलिक, संजीत नांदल, दीपक मलिक, अमित काजल, सोनु ढुल व बलराज कौशिक सहित अन्य लोग मौजूद थे।