कृषि ऋण माफ़ी योजना -पंजाब सरकार के गले की फांस

कृषि ऋण माफ़ी योजना -पंजाब सरकार के गले की फांस

विशेष आलेख —————

जगमोहन ठाकन——-(चुरु , राजस्थान)——-

पंजाब विधान सभा चुनावों में सभी पार्टियों ने अपने अपने लुभावने वायदे जनता
के बीच परोसे थे,परन्तु कामयाबी कांग्रेस को ही मिली,चाहे इसके लिए उसे कोई
भी घोषणा क्यों ना करनी पड़ी हो.
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उसने किसानों की कर्जा माफ़ी की घोषणा करी,तो युवाओं के लिए फ्री स्मार्ट फ़ोन देने का वायदा भी. और इन लुभावने नारों के बीच चुनाव जीत भी गए.

परन्तु अब यही वायदे उसके गले की फांस बन गए हैं.सरकार के पास न तो खजाने में इसके लिए पैसे हैं, न बजट में इसका पर्याप्त प्रावधान और न ही कोई सरप्लस संसाधन.

नई कांग्रेस सरकार द्वारा पारित पंजाब के वितीय वर्ष २०१७-१८ के बजट पर एक नज़र डालें तो स्थिति स्वतः ही स्पष्ट हो जाती है.

सरकार का कुल बजट १.१८ लाख करोड़ रूपए का है,मगर उस पर इस वित्तीय वर्ष तक का बकाया कर्जा आंकलन १.९५ लाख करोड़ रूपए का है. सरकार का इस वर्ष का बजट में आंकलित वित्तीय घाटा १४७८४ करोड़ रूपए है,जो गत वर्ष के घाटे रूपए ११३६२ करोड़ से ३४२२ करोड़ अधिक है.

सरकार ने अपने किसान कर्ज माफ़ी नारे को फलीभूत करने हेतु मात्र १५०० करोड़ रूपए का प्रावधान किया है, जबकि सरकार द्वारा तोड़ मरोड़ करने के बावजूद अभी तक के आंकलन के अनुसार माफ़ी योग्य यह राशी लगभग ९५०० करोड़ रूपए बैठ रही है.

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