पंच परमेश्वर योजना की राशि के उपयोग के लिये नवीन दिशा-निर्देश जारी

पंच परमेश्वर योजना की राशि के उपयोग के लिये नवीन दिशा-निर्देश जारी

भोपाल :(अनिल वशिष्ठ)———– राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों में विकास गतिविधियों के संचालन के लिये दी जाने वाली पंच परमेश्वर योजना की राशि के उपयोग के लिये नवीन दिशा-निर्देश जारी कर दिए गये हैं।

अब इस योजना मद से कम से कम 75 प्रतिशत राशि का उपयोग ग्राम में अधोसंरचना विकास पर तथा 10 प्रतिशत राशि पेयजल व्यवस्था पर खर्च करना अनिवार्य होगा।

अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री इकबाल सिंह बैंस द्वारा जारी आदेश के अनुसार ग्राम पंचायतों में विकास गतिविधियों के लिए 14वाँ वित्त मूल अनुदान, 14वाँ वित्त परफॉर्मेंस ग्रांट तथा राज्य वित्त आयोग द्वारा अनुदान की एकजाई राशि पंच परमेश्वर योजना का अंग है। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा इस मद से कराये जाने वाले कार्यों के संबंध में स्पष्टता लाने के लिये राशि के उपयोग का वितरण प्रतिशत के आधार पर निर्धारित किया गया है।

नये निर्देशों के अनुसार अब ग्राम पंचायतों को प्राप्त कुल राशि का 50 प्रतिशत नवीन अधोसंरचना कार्यों जैसे सीमेंट-कांक्रीट रोड और नाली निर्माण पर तथा 25 प्रतिशत तक राशि रपटा-पुलिया निर्माण, बाउण्ड्री-वॉल निर्माण (पंचायत भवन, कब्रिस्तान, श्मशान घाट, आँगनवाड़ी केन्द्र, विद्यालय), कांजी हाउस, पुस्तकालय भवन निर्माण, यात्री प्रतीक्षालय, ग्राम चौपाल बाजार चबूतरे, सामुदायिक शौचालय, एलईडी लाइट, सार्वजनिक पार्क निर्माण, नि:शक्तजनों के लिए बाधारहित वातावरण निर्माण पर व्यय की जाएगी।

इसी प्रकार एक वित्त वर्ष में अधिकतम 10 प्रतिशत राशि पेयजल व्यवस्था पर, 7.5 प्रतिशत राशि स्थाई सम्पत्तियों के संधारण और साफ-सफाई कार्य पर तथा शेष 7.5 प्रतिशत राशि ग्राम पंचायतें कार्यालयीन और प्रशासनिक व्यय के लिये उपयोग कर सकेंगी।

इस आदेश में जो कार्य इस राशि से नहीं कराये जा सकते हैं, उन्हें भी स्पष्ट किया गया है। ऐसे कार्यों में हैण्ड-पम्प खनन एवं संधारण, मोटर पम्प क्रय, पेयजल परिवहन, मुरमीकरण, स्टॉप अथवा चेक-डेम निर्माण, स्वागत द्वार, प्रतिमा स्थापना, सौर ऊर्जा लाइट क्रय, एयर-कंडीशनर, मोबाइल, टैंकर क्रय तथा विज्ञापन आदि शामिल हैं।

नई व्यवस्था के अनुसार इस राशि से आकस्मिक परिस्थिति में 10 हजार रुपये तक अग्रिम आहरण किया जा सकेगा। कराये गये कार्य, पंचायत दर्पण पोर्टल पर अपलोड करना आवश्यक होगा। कार्यों की गुणवत्ता का नियंत्रण ग्रामीण यांत्रिक सेवा के अमले द्वारा किया जायेगा।

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