निर्धन एवं असहाय लोगों को वस्त्र एवं भोजन सामग्री वितरित

निर्धन एवं असहाय लोगों को वस्त्र एवं भोजन सामग्री वितरित

जैन समाज मानवता की सेवा के लिए तत्पर: गणि राजेन्द्र विजय
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नई दिल्ली–(बरुण कुमार सिंह)———– प्रख्यात जैन संत एवं आदिवासी जनजीवन के प्रेरक गणि राजेन्द्र विजय ने कहा कि जैन समाज सदैव मानवता की सेवा के लिए तत्पर रहता है। भगवान महावीर के अहिंसा, अनेकांत व अपरिग्रह के मानवसेवा से जुड़े सिद्धांतांे की आज ज्यादा आवश्यकता है।

गणि राजेन्द्र विजय सांसद श्री राजीव रंजन के आवास बलवंत राय मेहता मार्ग पर आयोजित धर्मयोग मानवसेवा यज्ञ समारोह को संबोधित करते हुए बोल रहे थे।

गणि राजेन्द्र विजय जी एवं योगभूषण जी महाराज एवं ललित गर्ग।
आचार्य श्रीमद विजय इन्द्रदिन्न सूरीश्वर जी म.सा. की 96वीं जन्म जयंती एवं आचार्य श्री विद्याभूषण सन्मति सागरजी महाराज की 69वीं जन्म जयंती के पावन अवसर पर सुखी परिवार फाउंडेशन एवं धर्मयोग फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस समारोह में निर्धन, निराश्रित एवं असहाय बीमार बंधु जनों में वस्त्र व भोजन सामग्री का वितरण किया गया।

गणि राजेन्द्र विजय ने सुखी परिवार फाउंडेशन द्वारा देश भर में संचालित हो रही सेवा एवं परोपकार की गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने भगवान महावीर के संदेश ‘जिओ और जीने दो’ का सार बताते हुए मानव सेवा को सर्वोपरि ठहराया।

इस अवसर पर डाॅ. योगभूषणजी महाराज ने कहा कि हमारा खान-पान, रहन-सहन सात्विक होगा, तो हम अपने जीवन को सुखी, स्वस्थ, समृद्ध और शक्तिशाली बना पाएंगे। बीड़ी, सिगरेट, तम्बाकू, गुटखा, शराब आदि नशा को त्याग करने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी देश में यह विज्ञापन नहीं मिलता कि नशा करने से स्वास्थ्य लाभ होता है या जीवन खुशहाल बनता है। हर नशीले पदार्थ पर यह चेतावनी अंकित रहती है कि इसके सेवन से कैंसर हो सकता है। इसलिए अपने जीवन को स्वस्थ, समृद्ध और शक्तिशाली बनाना चाहते हो तो आज ही इन सब बुरे व्यसनों का त्याग कर अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें। दोनों संतों की प्रेरणा से अनेक लोगों ने अपनी जेबों से बीड़ी, सिगरेट, तम्बाकू निकाल कर उनके चरणों मे रख दिये और सदाचारी बनने का संकल्प किया। कार्यक्रम का संयोजन करते हुए सुखी परिवार फाउंडेशन के राष्ट्रीय संयोजक श्री ललित गर्ग ने उन्नत समाज के लिए गरीबी को एक अभिशाप के रूप में बताते हुए कहा कि संतुलित समाज निर्माण का संकल्प गरीबी का संबोधन मिटाकर ही हासिल किया जा सकता है।

समारोह में विशम्बर दयाल बाबूजी, योगांशी धर्मयोगी, गौतम कुमार शर्मा, संजय झा, महेश साहू, कौशलेंद्रजी, अभय जैन, सरला जैन, राखी जैन, राहुल वत्स आदि सहित जैन समाज के गणमान्य लोग भी मौजूद थे।

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