नवीन बस स्टैण्ड:- मुख्यमंत्री की घोषणाओं व हेल्पलाईन को आईना मुंडन

नवीन बस स्टैण्ड:- मुख्यमंत्री की घोषणाओं व हेल्पलाईन को आईना मुंडन

सीधी(विजय सिंह)——— जिले के युवा पत्रकार आदित्य सिंह,विगत् 1 वर्ष 11 माह से मुंडन आंदोलन कर रहे हैं। वह चाहते है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की घोषणा क्रमांक: बी-1592,दिनांक: 29.01.2016 के अनुसार ‘‘जिला मुख्यालय में सर्व सुविधायुक्त नवीन बस स्टैण्ड’’ का निर्माण कराया जाय।

पत्रकार आदित्य के अगस्त 2016से जारी इस आंदोलन ने जन समस्याओं के तथाकथित निराकरण के लिये संचालित ‘‘सी.एम.हेल्पलाईन’’ व जिला मुख्यालयों में प्रत्येक मंगलवार को होने वाली ‘‘जन सुनवाई’’ में समस्याओं के निराकरण की वास्तविक स्थिति को भी आईना दिखाने का काम किया है।

प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान, 29.01.2016 को ‘‘सिद्धिदात्री नाट्य महोत्सव’’ में शरीक होने सीधी आये थे। छत्रसाल स्टेडियम में आयोजित गरिमामयी समारोह में उन्होंने जन प्रतिनिधियों की मांग पर नवीन बस स्टैण्ड निर्माण की घोषणा की थी। घोषणा के परिपालन में स्थानीय नगरीय निकाय ने अपना पत्र व्यवहार शुरू किया,लेकिन फाईल आगे नहीं बढ़ी।

तब पत्रकार आदित्य सिंह ने मुख्यमंत्री की जन शिकायतों के निराकरण हेतु संचालित ‘‘सी.एम.हेल्पलाईन योजना‘‘ को अजमाया। श्री सिंह ने घोषणा के अनुरूप बस स्टैण्ड निर्माण न करवाये जाने की शिकायत हेल्पलाईन में दर्ज कराई। आदित्य की शिकायत क्रमांक: 2254774,दिनांक: 27.06.2016 को बगैर निराकरण किये ही विलोपित कर दिया गया। तत्पश्चात उनके द्वारा इसी सम्बंध में शिकायत क्रमांक: 3464393,दिनांक: 08.03.2016 व शिकायत क्रमांक: 3473616,दिनांक: 09.03.2016की स्थिति का पता नहीं है, किन्तु शिकायत क्रमांक : 4669387, दिनांक: 09.10.2017आज तक बगैर निराकरण के प्रचलन में हैं। बस स्टैण्ड निर्माण की मांग जस की तस बनी हुई है। अगस्त 2016 से आदित्य सिंह हर महीने सिर मुंडवाते हैं और मंगलवार को होने वाली कलेक्टर की जन सुनवाई में नवीन बस स्टैण्ड निर्माण की घोषणा,सी.एम.हेल्पलाईन व जन सुनवाई में सार्वजनिक हित में की गई शिकायतों के निराकरण की गुहार लगाते हैं।

कुंअर अर्जुन सिंह के मुख्य मंत्रित्वकाल 1980 के दशक में जिला मुख्यालय में सर्व सुविधायुक्त एवं आधुनिक बस स्टैण्ड का निर्माण कराया गया था। आबादी सहित वाहनों के दबाव के कारण पालिका बस स्टैण्ड छोटा पड़ने लगा। शहर में यातायात के दबाव को कम करने जिला प्रशासन ने मार्च 2014 में म.प्र.सड़क परिवहन निगम डिपो के खाली पड़े परिसर में अस्थाई रूप से बस स्टैण्ड स्थानांतरित कर दिया गया। बस आपरेटरों व नागरिक सुविधाओं से विहीन बस स्टैण्ड अभी तक संचालित है।

सन् 80 के दशक में ही म.प्र.सड़क परिवहन निगम के डिपो हेतु जिला प्रशासन द्वारा उक्त नजूल जमीन का आवंटन किया गया था। कालांतर में परिवहन निगम की बसें बंद होने के बाद यह परिसर अवैध अतिक्रमण की चपेट में आ गया। बाद में पता चला कि म.प्र.शासन के परिवहन विभाग ने बसों का टैक्स न जमा होने के कारण डिपों की जमीन को अपने आधिपत्य में ले चुका है। घोषणा क्रमांक: बी-1592को मूर्तरूप देने नगर पालिका सीधी द्वारा परिवहन विभाग से भी लंबा पत्र व्यवहार किया है। किन्तु मध्य प्रदेश के मुखिया की सार्वजनिक हित की घोषणा को मूर्तरूप देने में परिवहन विभाग को क्या आपत्ति है ?

काबिलेगौर तथ्य यह भी है कि परिवहन डिपो के लिये आवंटित नजूल भूमि को परिवहन विभाग ने कैसे राजसात कर लिया ?क्योंकि किसी खास उद्देश्य के लिये आवंटित भूमि पर यदि हितग्राही द्वारा घोषित कार्य नहीं किया जाता या नजूल का भू-भाटक नियमित रूप से जमा कर नजूल पट्टे का नवीनीकरण नहीं कराया जाता तो वह पुनः जिले के नजूल कलेक्टर के आधिपत्य में आ जाती है।

जिला कलेक्टर को चाहिये कि मुख्यमंत्री की घोषणा को मूर्तरूप देने सड़क परिवहन निगम को भूमि आवंटन,भू-भाटक,नवीनीकरण आदि की छानबीन कर लें। उन्हें अधिकार है कि सार्वजनिक हित में वह किसी भी भूमि का अधिग्रहण कर सकते हैं। वरना इसी जुलाई माह में सत्ता पर काबिज होने के लिये प्रस्तावित ‘‘जन दर्शन यात्रा’’ में मुख्यमंत्री अपनी पूर्व की घोषणाओं के अमल,सी.एम.हेल्पलाईन में जन शिकायतों के निराकरण पर क्या जवाब देगें ?

सन् 2004 में भाजपा के शाईनिंग इंडिया नारे से छिटककर केन्द्र में जब कांग्रेस नीत सरकार में श्रीमती सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री बनाये जाने की घोषणा शेष थी तब देश की जानी – मानी नेत्री श्रीमती सुषमा स्वराज ने घोषणा की थी कि ‘‘ यदि सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री बनाया जाता है तो वह अपना सिर मुंडवा लेंगी।’’ उत्तर भारत में हिन्दू धर्म में किसी सुहागन महिला का मुंडन अपशकुन माना जाता है।

हालांकि सोनिया जी ने मनमोहन सिंह का नाम प्रधानमंत्री के लिये प्रपोज कर सारी अटकलों पर विराम लगा दिया था। मध्य प्रदेश शासन की घोषणाओं व जनसमस्याओं के निराकरण हेतु बनी नीतियों, जिन्हें क़ानूनी जामा प्राप्त है, कीपारदर्शिता पर सवालिया निशान लगा रहा हैपत्रकार आदित्य सिंह का “मुंडन आंदोलन”|

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मो. 9630965296 / $91 9425439697

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