- April 14, 2024
देश में दिमागी क्रांति ———— शैलेश कुमार
मोदी बीजेपी को आने से देश में दिमागी क्रांति शुरू हुआ।
दिमाग पहले यूपीए के ताला में लोक था।
अब सदियों से चली आ रही दिमागी गुलाम का दिमाग खुल गया है।
यहां तक कि क्षेत्रीय पार्टी भी कांग्रेस का गुलाम था।
यह मिथक बिहार के श्री लालू प्रसाद यादव ने तोड़ दिया मुस्लिम माय बनाकर।
लेकिन मेंटली वे कांग्रेस के ही रिमोट रहें।
समस्या पैदा करने वाले (उद्योगों , पलायन अन्य महत्व पूर्ण) ये बीर बाकुरें का भ्रम तब टूटा जब बिहार में सड़कों का जाल बिछ रहा है , बिहार के हर कोने से रेल गाड़ियां चल रही है, बिहार की महिलाएं खुद छोटी छोटी काम कर अर्जन में लगी हुई है।
पति बाहर और पत्नी घर में दोनो, दो ध्रुव पर बैठे है और समस्या पैदा करने वाले सरकार के प्रति मन में घृणा की भाव पनप रही है।
खाली हाथ युवा प्रदेश जा रहें और वहां से अपने राज्य सरकार की तुलना करते हैं जिससे सरकार के प्रति युवाओं में नफरत पैदा हो रही है।
आखिर हम चुनाव से जो प्रतिनिधि, समस्या समाधान करने के लिय भेजते हैं , वही समस्या पैदा कर , हमें ही बिहार से भागने पर मजबूर कर रही है।
दूसरे राज्य के लोग भी सरकार चुनते हैं, वह प्रतिनिधि नौकरी पैदा करते हैं, लेकिन हम (बिहार) चुनते हैं और हम अन्य राज्यों में रोटी कमाने बहु बेटियों के साथ अपना ही बिहार छोड़ देते है।
लोगों में अपने जन प्रतिनिधियों के प्रति आक्रोश पनप रहा है।
यही दिमागी परिवर्तन है,
सोच बदले ,
बिहार के शोषक जन प्रतिनिधियों का दिमाग बदल जाएगा।
फिर बिहार बदल जाएगा।
नदियों और बुरी सरकारों में सबसे हल्की चीजें शीर्ष पर तैरती हैं——- बेंजामिन फ्रैंकलिन
देश में सबसे शीर्ष पर क्या है —
बिहार में सवसे शीर्ष पर क्या है ———