देश के स्वच्छता अभियान के लिए इंदु मॉडल

देश के स्वच्छता अभियान के लिए इंदु मॉडल

दंतेवाड़ा :(छत्तीसगढ) ————- राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी से डॉ. एपीजे अबुल कलाम इग्नाइट अवार्ड प्राप्त कर लौटी आस्था विद्यालय की छात्रा सुश्री इंदु मानिकपुरी ने आज कलेक्टर श्री सौरभ कुमार से मुलाकात की।

कलेक्टर को उन्होंने बताया कि केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री हर्षवर्धन ने अपने संबोधन में इंदु के मॉडल का जिक्र किया, इसी तरह सुकमा के छात्र रोशन सोढ़ी का जिक्र भी किया। श्री हर्षवर्धन ने कहा कि इंदु का मॉडल देश के स्वच्छता अभियान के लिए बेहद उपयोगी है और इसे स्वच्छ भारत अभियान के लिए प्रस्तावित करने का निर्णय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने लिया है।

इंदु ने बताया कि वो राष्ट्रपति महोदय से सम्मानित होकर काफी खुश हैं। दिल्ली में बच्चों का तीन दिवसीय वर्कशॉप भी हुआ। बच्चों को तुर्कमान गेट ले जाया गया और वहाँ काम कर रहे विभिन्न वर्गों की समस्याओं का अध्ययन करने एवं उनका हल सुझाने की जिम्मेदारी दी गई। इंदु ने यहाँ बाँस में काम कर रहे कारीगरों के काम को देखा।

इंदु ने देखा कि बाँस को काटने के समय इसके छोटे हिस्से अनुपयोगी रह जाते हैं। इसका उपयोग करने की उसने विधि वर्कशॉप में रखी। उसने कहा कि इन छोटे-छोटे टुकड़ों से स्टीम पैदाकर इससे छोटा सा टर्बाइन चलाया जा सकेगा, जिससे पैदा हुई बिजली से वर्कशॉप की बिजली की समस्या भी दूर हो पाएगी।

इंदु के साथ गए आस्था विद्यालय के प्राचार्य श्री संतोष प्रधान ने बताया कि वर्कशॉप के लिए आया हर बच्चा समस्याओं का विशेष समाधान लेकर आया। कुछ बच्चों ने सीमेंट मिला रहे कारीगरों को देखा, उन्होंने देखा कि बार-बार इसके लिए उन्हें झुकना पड़ता है और सामान को ढोकर उसे दूर छोडऩा पड़ता है।

बच्चों ने लिफ्ट होने वाले स्टैंड का समाधान रखा ताकि थोड़े से प्रेशर से पूरा सामान लिफ्ट हो जाए, इसी तरह जिस तरह फिल्म स्टूडियो में कैमरा परसन मूवमेंट करते हैं वैसे ही रोलिंग शीट से सामान एक जगह से दूसरी जगह भेजा जा सकता है। कुछ बच्चों ने कचरा बीनने वालों की समस्याओं को देखा, कचरा बीनने वालों ने बताया कि किस प्रकार उनके हाथ कभी काँच और कभी जंग लोहे से छील जाते हैं।

इस पर बच्चों ने एक डिवाइस का मॉडल बनाकर दिखाया कि किस तरह एक छोटे से उपकरण के माध्यम से कचरा आसानी से बिना किसी नुकसान के और कचरे को छुए बगैर उठाया जा सकता है। कुछ बच्चों ने रेहड़ी वालों की समस्या का समाधान प्रस्तुत किया। उन्होंने ऐसा ड्राइंग बनाया जिसमें रेहड़ी वाले अपना सामान भी रख सकते हैं और रात को इसमें सो भी सकते हैं। उल्लेखनीय है कि इंदु के मॉडल का पेटेंट भी कर लिया गया है।

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